शेफ बनने की कहानी: किसी ने जूठे बर्तन धोए, किसी ने शौक को बनाया प्रोफेशन, अब लाखों में कमाई
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Career in Hotel management, chef kaise bane: 12वीं पास के बाद तमाम युवा होटल मैनेजमेंट में अपना करियर बनाते हैं. इन्हीं में से कुछ होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद हॉस्पिटिलिटी मैनेजमेंट में चले जाते हैं, तो वहीं शक अलग अलग डिशेज बनाने में रहता है तो वह शेफ बन जाते हैं. देश दुनिया में अच्छे शेफ की मांग बढ़ती जा रही है. इतना ही नहीं इसके लिए उन्हें सैलरी भी लाखों में मिलती है, लेकिन अच्छा शेफ बनना इतना आसान भी नहीं है. इसके लिए रिसर्च के साथ साथ काफी प्रैक्टिकल होना पड़ता है. आइए कुछ शेफ् से जानते हैं कि कैसी होती है उनकी दुनिया

शेफ बनने की कहानी: वरुण ईनामदार एक जाने माने शेफ हैं. लगभग 23 सालों से वह शेफ का काम कर रहे हैं. उन्हें ‘प्रिंस ऑफ चॉकलेट्स’ और ‘द बॉम्बे शेफ’ के नाम से जाना जाता है. वरुण के नाम दो नेशनल अवार्ड्स भी हैं. वरुण बताते हैं जब वर्ष 2002 में उन्होंने होटल मैनेजमेंट के कोर्स के बाद एक रेस्टोरेंट में नौकरी की, तो उन्हें किचेन में बर्तन धुलने का काम मिला. एक दिन उसी रेस्टोरेंट में बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ से मुलाकात हो गई. उन्होंने कहा कि अच्छे घर का दिखता है, यहां क्या कर रहा है. वरुण ने उन्हें बताया कि वह यहां पर इंटर्नशिप करके पैसे इक्टठा कर रहे हैं, ताकि होटल मैनेजमेंट की एक किताब जो 7000 रुपए की आती थी, वह खरीद सकें. उसके बाद जैकीश्रॉफ ने उन्हें 7000 रुपए भिजवाए. यह देखकर वरुण भौंचक्का रह गए. वरुण बताते हैं कि कोर्स के बाद उन्होंने ओबेरॉय समेत कई होटलों में काम किया. उसके बाद कुबैत चले गए. वहां उन्होंने शेखों के होटलों में शेफ का काम किया. वरुण कहते हैं नए लोगों को धैर्य के साथ काम करना चाहिए. होटल मैनेजमेंट इंडस्ट्री में स्कोप अच्छा है. जॉब्स के अलावा भी कई ऑप्शंस हैं. वह खुद 400 से अधिक शोज कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने अहमदाबाद में शेफ स्किल्स के लिए एक स्कूल भी खोला है.
तेजी से बढ़ रही इंडस्ट्री
हाउस ऑफ अम्बर की रंजिता कुंदु कहती हैं कि देश और दुनिया में बहुत कुछ बदल रहा है. किचेन की दुनिया भी इससे अछूती नहीं है. नई डिशेज के साथ साथ किचेन की डिजाइन तक में काफी बदलाव आया है. रंजिता बताती हैं कि उन्होंने बाबर्ची डायरीज का एक आयोजन किया, जिसमें न केवल देश के चुनिंदा शेफ्स ने शिरकत की, बल्कि किचेन डिजाइन करने वाले आर्किटेक्टस ने भी हिस्सा लिया, जहां लोगों को हास्पिटीलिटी मैनेजमेंट से जुड़ी बहुत सी बातें सीखने व जानने को मिलीं.रंजीता कहती हैं किचेन डिजाइन से लेकर डिश बनाने तक के काम में बहुत सारे अवसर हैं. होटल मैनेजमेंट की स्किल्स सीख रहे युवाओं के लिए आने वाले समय में बहुत मौके हैं और कमाई भी है. उन्होंने बताया कि इस समय बहुत सारी कंपनियां किचेन डिजाइनिंग में भी काम कर रही हैं ऐसे में इसमें भी नौकरी और बिजनेस के काफी मौके हैं.
शौक है तो भी बन सकते हैं शेफ
एक अन्य शेफ अनन्या बनर्जी बताती हैं कि आज के दौर में हर रोज नई नई डिशेज आ रही हैं. ऐसे में इस फील्ड में नए लोगों के लिए काफी संभावनाएं हैं. अनन्या कहती हैं कि उनके शेफ बनने की कहानी थोड़ी अलग है. उन्होंने लॉ की पढ़ाई की थी. हसबैंड कारर्पोरेट जॉब में हैं. उन्हें जर्मनी शिफ्ट होना पड़ा, जहां उन्होंने कुकिंग सीखा. उन्होंने जर्मनी से लेकर जापान तक की अलग अलग डिशेज सीखीं. साथ ही स्थानीय लोगों को कई सारी भारतीय डिशेज को भी सीखाया. यूके टीवी समेत कई चैनल्स पर शोज किए. उन्होंने 100 ग्लोबल रेसिपी और बंगाली फूड्स पर किताबें भी लिखीं. वह कहती हैं कि अगर आपने होटल मैनेजमेंट का कोर्स नहीं भी किया और खाना बनाने का शौक है तो भी आप शेफ बनकर अपना करियर बना सकते हैं. अब दुनिया बदल रही है ऐसे में मौकों की कमी नहीं है.
जॉब्स के लिए भटके, लेकिन काम बहुत है
इसी तरह एक अन्य शेफ सौगता घोष बताते हैं कि उन्होंने कोलकाता से 2010 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था. सौगता घोष कहते हैं पासआउट होने के बाद जॉब्स के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. उनकी पहली जॉब 5000 रुपए महीने की मिली. 5 साल तक लगातार उसी होटल में जॉब किया. जहां उनकी सैलरी 20 हजार तक पहुंच गई थी, लेकिन सौगता घोष मस्कट चले गए और वहां उन्होंने 4 साल तक एक होटल में जॉब किया, जहां से बहुत कुछ सीखने को मिला. सौगता कहते हैं कि होटल इंडस्ट्री में दिन प्रति दिन ऑप्शन बढ़ रहे हैं. अगर आपको शेफ बनना है तो एक्सिपेरिमेंट और एक्सपेरिंएंस दोनों जरूरी है.
इसी तरह एक अन्य शेफ सौगता घोष बताते हैं कि उन्होंने कोलकाता से 2010 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था. सौगता घोष कहते हैं पासआउट होने के बाद जॉब्स के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. उनकी पहली जॉब 5000 रुपए महीने की मिली. 5 साल तक लगातार उसी होटल में जॉब किया. जहां उनकी सैलरी 20 हजार तक पहुंच गई थी, लेकिन सौगता घोष मस्कट चले गए और वहां उन्होंने 4 साल तक एक होटल में जॉब किया, जहां से बहुत कुछ सीखने को मिला. सौगता कहते हैं कि होटल इंडस्ट्री में दिन प्रति दिन ऑप्शन बढ़ रहे हैं. अगर आपको शेफ बनना है तो एक्सिपेरिमेंट और एक्सपेरिंएंस दोनों जरूरी है.
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Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें
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