अगस्त माह में आने वाले त्योहार कौन से और कब, गणेश चतुर्थी, कृष्णा जन्माष्टमी सहित देखें व्रत-दिवस की लिस्ट
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धार्मिक दृष्टि से अगस्त का पूरा महीना व्रत-त्योहार से पूर्ण है, जिसमे सावन माह की शिवरात्रि, नागपंचमी, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, कई महत्वपूर्ण त्योहार हैं. आईए जानते है अगस्त महीने में और कौन-कौन से महत्वपूर्ण व्रत त्योहार कब मनाया जाएगा.
अगस्त महीने के व्रत तीज त्योहार लखेश्वर यादव/जांजगीर चांपा. जुलाई माह के कुछ दिन शेष बचे हुए हैं और आगामी अगस्त माह की शुरुआत होने वाली है. वहीं, हिन्दू धर्म में पूरे साल में 12 माह का अपना अलग महत्व होता है. हर माह में अलग-अलग व्रत और त्योहार होते हैं. वहीं, आगामी अगस्त माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार हैं. धार्मिक दृष्टि से अगस्त का पूरा महीना व्रत-त्योहार से पूर्ण है, जिसमे सावन माह की शिवरात्रि, नागपंचमी, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, कई महत्वपूर्ण त्योहार हैं. आईए जानते है अगस्त महीने में और कौन-कौन से महत्वपूर्ण व्रत त्योहार कब मनाया जाएगा.
अगस्त महीने 2024 के व्रत-त्योहार और दिवस की लिस्ट
• 02 अगस्त, शुक्रवार – सावन माह शिवरात्रि
• 04 अगस्त, रविवार – हरियाली अमावस्या
• 05 अगस्त, सोमवार – तीसरा सावन सोमवार व्रत
• 06 अगस्त, मंगलवार – तीसरा मंगला गौरी व्रत, मासिक दुर्गाष्टमी
• 07 अगस्त, बुधवार – हरियाली तीज व्रत ( सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए इस दिन हरियाली तीज का व्रत करती हैं, इस त्योहार को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हुए मनाया जाता है, हरियाली तीज का व्रत महिलाएं सुख समृद्धि और पति व संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं.)
• 08 अगस्त, गुरुवार – विनायक चतुर्थी
• 09 अगस्त, शुक्रवार – नाग पंचमी
• 12 अगस्त, सोमवार – चौथा सावन सोमवार व्रत
• 15 अगस्त, शुक्रवार – पुत्रदा एकादशी
• 19 अगस्त, सोमवार – रक्षा बंधन, पांचवां सावन सोमवार व्रत, सावन समाप्त ( रक्षा बंधन – हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को राखी बांधी जाती है, इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। भाई अपनी बहन की हर मुश्किल में रक्षा करने का वचन देते हैं)
• 22 अगस्त, गुरुवार -कजरी तीज, गणेश चतुर्थी ( हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है, इस तिथि का संबंध भगवान गणेश के जन्म से है इसलिए इस दिन विधि पूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करनी चाहिए)
• 25 अगस्त, रविवार – हलषष्ठी व्रत( हलषष्ठी व्रत पूजा भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के छठवां दिन मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है, यह व्रत मां अपने पुत्र के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और संपन्नता की कामना के लिए रखती हैं और इस दिन हल से जोती गई चीजों को खाने की मनाही होती हैं, इसलिए पूजा करने के बाद पसहर चावल खाने की मान्यता है.)
• 26 अगस्त, सोमवार – जन्माष्टमी (हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है)
• 29 अगस्त, गुरुवार – अजा एकादशी
• 31 अगस्त, शनिवार – प्रदोष व्रत
• 02 अगस्त, शुक्रवार – सावन माह शिवरात्रि
• 04 अगस्त, रविवार – हरियाली अमावस्या
• 05 अगस्त, सोमवार – तीसरा सावन सोमवार व्रत
• 06 अगस्त, मंगलवार – तीसरा मंगला गौरी व्रत, मासिक दुर्गाष्टमी
• 07 अगस्त, बुधवार – हरियाली तीज व्रत ( सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए इस दिन हरियाली तीज का व्रत करती हैं, इस त्योहार को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हुए मनाया जाता है, हरियाली तीज का व्रत महिलाएं सुख समृद्धि और पति व संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं.)
• 08 अगस्त, गुरुवार – विनायक चतुर्थी
• 09 अगस्त, शुक्रवार – नाग पंचमी
• 12 अगस्त, सोमवार – चौथा सावन सोमवार व्रत
• 15 अगस्त, शुक्रवार – पुत्रदा एकादशी
• 19 अगस्त, सोमवार – रक्षा बंधन, पांचवां सावन सोमवार व्रत, सावन समाप्त ( रक्षा बंधन – हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को राखी बांधी जाती है, इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। भाई अपनी बहन की हर मुश्किल में रक्षा करने का वचन देते हैं)
• 22 अगस्त, गुरुवार -कजरी तीज, गणेश चतुर्थी ( हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है, इस तिथि का संबंध भगवान गणेश के जन्म से है इसलिए इस दिन विधि पूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करनी चाहिए)
• 25 अगस्त, रविवार – हलषष्ठी व्रत( हलषष्ठी व्रत पूजा भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के छठवां दिन मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है, यह व्रत मां अपने पुत्र के अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और संपन्नता की कामना के लिए रखती हैं और इस दिन हल से जोती गई चीजों को खाने की मनाही होती हैं, इसलिए पूजा करने के बाद पसहर चावल खाने की मान्यता है.)
• 26 अगस्त, सोमवार – जन्माष्टमी (हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है)
• 29 अगस्त, गुरुवार – अजा एकादशी
• 31 अगस्त, शनिवार – प्रदोष व्रत
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Mohd Majid
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f...और पढ़ें
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