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जानिए, कौन हैं बैगा और क्‍यों हैं इनकी नसबंदी पर पाबंदी

Agency:News18
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छत्तीसगढ़ के नसबंदी शिविरों में ऑपरेशन के बाद मरने वाली महिलाओं की संख्या 15 तक पहुंच गई है। बिलासपुर के ही गौरेला में लगाए गए एक अन्य शिविर में जिन महिलाओं की नसबंदी की गईं, उनमें 2 बैगा महिलाएं भी शामिल हैं। इसमें से एक महिला चैतीबाई की मौत हो गई।

जानिए, कौन हैं बैगा और क्‍यों हैं इनकी नसबंदी पर पाबंदी
छत्तीसगढ़ के नसबंदी शिविरों में ऑपरेशन के बाद मरने वाली महिलाओं की संख्या 15 तक पहुंच गई है। बिलासपुर के ही गौरेला में लगाए गए एक अन्य शिविर में जिन महिलाओं की नसबंदी की गईं, उनमें 2 बैगा महिलाएं भी शामिल हैं। इसमें से एक महिला चैतीबाई की मौत हो गई।

गैरोला के नसबंदी शिविर में संरक्षित बैगा जनाजति की जिन महिलाओं की भी नसबंद कर दी गई, जिनकी नसबंदी कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं की जा सकती है। बैगा जनजाति को सरकार ने विलुप्त हो रहीं जनजातियों की श्रेणी में रखा है और इनकी नसबंदी करने पर रोक है।

बैगा जनजाति की तादाद बहुत कम है। केंद्र और राज्य सरकारों ने बैगा समेत कमार, अबुझमड़िया और बिरहोर जाति को संरक्षित घोषित किया है। इनकी संख्या बढ़ाने की लगातार कोशिश हो रही है। बैगाओं की बात करें तो वर्ष 2001 की जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इनकी आबादी 7,85,320 है। उधर पूरे देश में 27,68,922 बैगा ही बचे हैं।

बैगा जनजाति के बारे में कुछ बातें :

* बैगा आदिवासी मध्यप्रदेश के मुख्यत: तीन जिलों- मंडला, शहडोल एवं बालाघाट में पाए जाते हैं।

* इन लोगों में संयुक्त परिवार की प्रथा पाई जाती है। इनमें मुकद्दम गाँव का मुखिया होता है।

* 'बैगा' का अर्थ होता है- "ओझा या शमन"। इस जाति के लोग झाड़-फूँक और अंध विश्वास जैसी परम्पराओं में विश्वास करते हैं।

* इस जाति का मुख्य व्यवसाय झूम खेती एवं शिकार करना है।

* ये लोग दीमक, चीटीं, चूहा और कंदमूल आदि का सेवन करते है। इनके प्रमुख देवी-देवता बूड़ादेव, दूल्हादेव और भवानी माता आदि हैं।

* जनजाति के लोग पीतल, तांबे और एल्यूमीनियम के आभूषण पहनते हैं।

* ये वर्ष में गिने चुने अवसरों पर ही स्नान करते हैं।

* इनके जन्म, विवाह तथा मृत्यु संस्कारों में भी वे चीजें समाहित हैं, जो जंगल से ही प्राप्त होती हैं।
* बैगा स्त्रियों को गोदनों का इतना शौक रहता है कि वे शरीर के प्रत्येक हिस्से पर बहुत मोटे और विस्तृत गोदने गुदवाती है।

* बैगा समुदाय की सामाजिक संरचना बड़ी व्यवस्थित और सुचारू रूप से काम करने वाली है। मुकद्दम, दीवान, समरथ, कोटवार और दवार इन पंचो से बनी पंचायत को तमाम विवाद आदि सुलझाने का अधिकारी होता है।

 
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