यहां से गुजरने वाले 99 फीसदी लोगों को नहीं पता होगा कि बाराखंभा रोड से बाराखंभा कितनी दूरी पर है? यहां जानें
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यह बहुत कम ही सुना होगा कि जिस नाम से रोड है, वो स्थान वहां से काफी दूर है. खास बात यह है कि यहां रोजाना आने वाले हजारों लोगों को भी यह बात नहीं पता होगी. आइए जानें.

नई दिल्ली. सामान्य तौर पर जो रोड जिस स्थान की ओर जाती है, उसका नाम उसी के अनुसार रखा जाता है, मसलन संसद की ओर जा रही रोड को संसद मार्ग, जंतर-मंतर रोड की ओर जा रही रोड तो जंतर-मंतर रोड. लेकिन यह बहुत कम ही सुना होगा कि जिस नाम से रोड है, वो स्थान वहां से काफी दूर है. खास बात यह है कि यहां रोजाना आने वाले हजारों लोगों को भी यह बात नहीं पता होगी. आइए जानें.
यहां बात कर रहे हैं कनॉट प्लेस स्थिति बाराखंभा रोड की. यह इलाका पूरी तरह से कॅमर्शियल है. तमाम देसी-विदेशी कंपनियों के आफिस हैं. दिल्ली मेट्रो का मुख्यालय और मेट्रो स्टेशन भी यहीं पर है. लेकिन बाराखंभा यहां पर नहीं है. ये यहां से करीब पांच किमी. दूर है, जो अभी भी मौजूदा है और इसके आसपास से रोजाना गुजरने वाले बहुत ही कम को इसके संबंध में पता होगा.
आइए जानें कहां है बाराखंभा
बाराखंभा निजामुद्दीन औलिया के प्रवेश मार्ग हुमायूं के मकबरे के पास है. हुमायूं का मकबरे के दाईं ओर लोधी स्टेट की दिशा में बाराखंभा स्थिति है. ये करीब 600 साल पहले बनाया गया था. इसका निर्माण मोहम्मद बिन तुगलक ने कराया था. यहां से बाराखंभा रोड करीब पांच किमी. की दूरी पर है. इसका जीर्णोद्धार 2010 में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों से पहले हुआ है.
कनॉट प्लेस को जाती है यह रोड.
इतना दूर फिर क्यों नाम पड़ा बाराखंभा?
माना जाता है कि जब जिस समय बाराखंभा का निर्माण हुआ था, उस समय कनॉट प्लेस से यहां जाने का रोड मौजूदा बाराखंभा रहा होगा. चूंकि बीच में कोई निर्माण नहीं था और बाराखंभा काफी ऊंचा था, इसलिए मौजूदा बाराखंभा रोड से साफ दिखता होगा. इसलिए इसका नाम बाराखंभा पड़ा होगा.
बाराखंभा का अर्थ
बाराखंभा का अर्थ उर्दू और हिन्दी में 12 स्तंभ है. तुगलक काल की 14 वीं शताब्दी का यह मकबरा इसी तरह बना है, जिसमें 12 खंभे हैं. चारों ओर तीन-तीन धनुषाकार मेहराब ( आर्च) बने हैं. निर्माण के समय यह खुले मैदान में बना था, जिससे दूर-दूर से यह दिखाई देता था. बताया जाता है कि यह एक अमीर व्यक्ति का मकबरा है.
दिल्ली मेट्रो का मुख्यालय और मेट्रो स्टेशन भी है यहां.
बाराखंभा कब्रिस्तान भी
भारतीय पुरातत्व विभाग के अनुसार बाराखंभा (एएसआई) कब्रिस्तान तुगलक वंश के शासनकाल का है. जो करीब 700 साल पुराना था. एएसआई के अनुसार तमाम प्रयासों के बावजूद भी बारखंभा कब्रिस्तान का पता नहीं चल सका. ऐसे 18 स्मारकों की सूची जारी की है, जिसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है.
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