दिल्ली में जहरीली हुई हवा, लगाया गया ग्रैप-1, कब लागू होगा Odd-Even? जानें किन-किन चीजों पर पाबंदी
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Agency:News18Hindi
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दिल्ली-एनसीआर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां का एक्यूआई 300 से ज्यादा है. वहीं आनंद विहार इलाके में तो आज एक्यूआई 438 रिकॉर्ड किया गया है. दिल्ली सरकार ने एनसीआर में ग्रैप का पहला चरण लागू कर दिया है. हालांकि इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई कमी आती नहीं दिख रही है. ऐसे में चर्चा इस बात की है कि दिल्ली में क्या फिर से ऑड-ईवन लागू होने वाला है.

नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरे के निशान के पार पहुंच गया है. दिल्ली एनसीआर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां का एक्यूआई 300 से ज्यादा है. वहीं आनंद विहार इलाके में तो आज एक्यूआई 438 रिकॉर्ड किया गया है. दिल्ली सरकार ने एनसीआर में ग्रैप का पहला चरण लागू कर दिया है. हालांकि इसके बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई कमी आती नहीं दिख रही है. ऐसे में चर्चा इस बात की है कि दिल्ली में क्या फिर से ऑड-ईवन लागू होने वाला है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने फिलहाल ग्रैप स्टेज-1 लागू करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि अगर प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना रहा तो यहां एक बार फिर से ऑड-ईवन लागू करने पर विचार किया जा सकता है. ऐसे में आईए जानते हैं कि ग्रैप के कितने चरण होते हैं और किस चरण में किन-किन चीजों पर पाबंदी होती है.
एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहने पर ग्रैप का पहला चरण लागू किया जाता है. इसमें निर्माण और विध्वंस से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन से संबंधित निर्देश लागू होते हैं. खुली जगहों पर कचरा जलाने और फेंकने पर रोक लगाई जाती है. नियमित रूप से कूड़ा उठाने के निर्देश दिए जाते हैं. सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए कुछ दिनों के अंतराल पर पानी का छिड़काव किया जाता है. डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है और पीयूसी के नियमों को सख्ती से लागू किया जाता है. वाहनों से निकलने वाले धुएं पर सख्ती बरती जाती है.
एक्यूआई 301 से 400 के बीच होने पर ग्रैप का दूसरा चरण लागू किया जाता है. इसमें अस्पतालों, रेल और मेट्रो सेवाओं को छोड़कर अन्य जगहों पर डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाता है. रोजाना सड़कों की साफ-सफाई और पानी का छिड़काव किया जाता है. फैक्ट्रियों में केवल उचित ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है. लोगों को सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाई जाती है, निर्माण स्थलों पर निरीक्षण बढ़ा दिया जाता है.
एक्यूआई 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण लागू किया जाता है. इसमें हर दिन सड़कों की सफाई की जाती है, नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है. निर्माण और विध्वंस से निकलने वाले धूल और मलबे का सही तरीके से निष्पादन किया जाता है. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है.
एक्यूआई 450 से अधिक होने पर ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है. इस चरण में ट्रक, लोडर जैसे भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने पर रोक लगा दी जाती है. केवल आवश्यक सामग्री वाली आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने का निर्णय भी ले सकती है.
ग्रैप के चौथे चरण के बाद भी अगर वायु गुणवत्ता नहीं सुधरती तो उस स्थिति में ऑड-ईवन का निर्णय भी लिया जा सकता है. वैसे यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए राज्य सरकार को अधिकार दिए गए हैं.
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Saad Bin Omer
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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