लापरवाही: इस कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में बिना वैक्सीनेशन के काम कर रहे हेल्थकेयर वर्कर्स
Agency:News18Hindi
Last Updated:
एनसीआई में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए न तो कोई सेंटर बनाया गया और न ही कोई व्यवस्था की गई. सभी हेल्थकेयर वर्कर्स से कहा गया कि वे दिल्ली एम्स में जाकर अपना वैक्सीनेशन कराएं. यहां काम कर रहे सभी लोग करीब 60 किलोमीटर दूर वैक्सीनेशन के जाएं यह कहां तक सही है. इसे लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है.

नई दिल्ली. कोरोना से जंग लड़ने के लिए जहां कोविड वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है. वहीं जनवरी से शुरू हुए इस अभियान में सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स का टीकाकरण किया गया है. ऐसा इसलिए है कि कोरोना के मरीजों के संपर्क में सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स आते हैं और सबसे ज्यादा खतरा भी उन्हीं को रहता है. हालांकि देश में एक कोविड डेडिकेटेड अस्पताल भी है जहां के फ्रंटलाइन वर्कर्स अभी भी बिना वैक्सीनेशन के इलाज में लगे हैं.
दिल्ली एम्स की ओर से कोविड डेडिकेटेड बनाए गए झज्जर के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में काम करने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगवाने की मांग करने के साथ ही उनके परिवारों को भी वैक्सीनेशन की प्राथमिकता सूची में रखने की मांग की है.
एम्स नर्सेज यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला ने न्यूज18 हिंदी से बातचीत में बताया कि एम्स के एनसीआई में पिछले साल से कोविड के मरीजों का इलाज हो रहा है. यहां करीब 700 हेल्थकेयर वर्कर्स काम कर रहे हैं. जिनमें रेजिडेंट डॉक्टर, फैकल्टी, नर्सिंग स्टाफ, सिक्योरिटी स्टाफ आदि है लेकिन इन सभी को अभी तक वैक्सीन नहीं मिली है. इसको लेकर कई बार एम्स प्रशासन से बात की गई है.
वहीं झज्जर में नर्सिंग ऑफिसर प्रहृलाद कुमार यादव ने बताया कि एनसीआई में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए न तो कोई सेंटर बनाया गया और न ही कोई व्यवस्था की गई. सभी हेल्थकेयर वर्कर्स से कहा गया कि वे दिल्ली एम्स में जाकर अपना वैक्सीनेशन कराएं. यहां काम कर रहे सभी लोग करीब 60 किलोमीटर दूर वैक्सीनेशन के जाएं यह कहां तक सही है. इसे लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है.
यादव बताते हैं कि कई बार एनसीआई में ही सेंटर बनाने की मांग की गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जबकि सभी के लिए दिल्ली एम्स जाकर वैक्सीन लगवाना सुविधाजनक नहीं हो पा रहा. करीब 15 से 20 फीसदी स्टाफ ने अपने संसाधनों से वैक्सीन ली है जबकि बड़ी संख्या में कर्मचारी बिना वैक्सीनेशन के काम कर रहे हैं. यादव ने कहा कि उनके भी अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है जबकि वे वहां लगातार कोविड ड्यूटी कर रहे हैं.
एनसीआई प्रशासन ने ये दिया जवाब
इस संबंध में जब एनसीआई प्रशासन के डॉ. एजेंल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास यह डेटा नहीं है कि कितने फ्रंटलाइन वर्कर्स ने वैक्सीन लगवाई है. उन्होंने कहा कि सभी के लिए दिल्ली एम्स में वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था है. फ्रंटलाइन और हेल्थकेयर वर्कर्स वहां वैक्सीन लगवा सकते हैं.
ये हैं हेल्थकेयर वर्कर्स के सवाल
वहीं हेल्थकेयर वर्कर्स का कहना है कि जब सभी लोगों के लिए भी सरकारें और अस्पताल वैक्सीन की व्यवस्था कर रहे हैं तो पिछले साल से कोरोना का इलाज कर रहे एनसीआई के हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए वहीं कोई व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही. उन्हें 60 किलोमीटर दूर वैक्सीन के लिए क्यों बुलाया जा रहा है. साथ ही वैक्सीन लगवाने को अनिवार्य क्यों नहीं किया जा रहा है. बिना वैक्सीन के भी हेल्थकेयर वर्कर्स काम कर रहे हैं. इसके साथ ही इनके परिवारों को भी वैक्सीन नहीं लगी है जिससे कोविड का खतरा सभी के लिए पैदा हो गया है.
और पढ़ें