Delhi News: अरे वाह! इस सोसाइटी ने कर दिया कचरे से चमत्कार, 6 साल से अपना रहे हैं अनोखा तरीका
Last Updated:
Delhi News: दिल्ली की एक सोसाइटी कचरे से कमाल कर रही है. यहां 6 सालों से कूड़े को बेहद खास तरीके से रिसाइकिल किया जा रहा है.
Delhi News: राजधानी दिल्ली के मालवीय नगर के नवजीवन विहार सोसायटी ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो कचरे की समस्या से निपटने के लिए एक मॉडल बन सकता है. इस सोसाइटी ने पिछले 6 वर्षों से एक भी ग्राम कचरा अपने परिसर से बाहर नहीं जाने दिया है और यह कामना की जाती है कि यह पहल अन्य क्षेत्रों में भी लागू हो.
यह चमत्कार सोसाइटी के निवासियों की मेहनत, जागरूकता और सतत प्रयासों का परिणाम है. उन्होंने कचरे का सटीक प्रबंधन करते हुए, कचरे का पुनर्चक्रण (recycling), कंपोस्टिंग और सॉर्टिंग जैसी प्रक्रियाओं को अपनाया. यहां तक कि हर घर से कचरे को अलग-अलग करके घर के बाहर एकत्रित किया जाता है, जिससे पुनः उपयोग के लिए कचरे को सही तरीके से भेजा जा सके.
सोसाइटी की सेक्रेटरी ने कही ये बात
सोसाइटी की सेक्रेटरी रूबी मखीजा ने कहा, ‘हमने कचरे को समस्या नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखा है. हम कचरे को खाद बनाने, प्लास्टिक को पुनः उपयोग करने और अन्य सामग्री को रीसायकल करने में सफल हुए हैं. इसके साथ ही हम इसके सही निपटान के लिए अन्य सोसाइटियों और आसपास के समुदायों के साथ भी काम कर रहे हैं.’ रूबी जी ने आगे बताया कि सोसाइटी के अंदर कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी तरीके से लागू किया गया है. प्रत्येक घर में कचरे को सॉर्ट करने के लिए अलग-अलग डिब्बे रखे गए हैं, जिससे कचरे का सही तरीके से निपटारा किया जा सके.
सोसाइटी की सेक्रेटरी रूबी मखीजा ने कहा, ‘हमने कचरे को समस्या नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखा है. हम कचरे को खाद बनाने, प्लास्टिक को पुनः उपयोग करने और अन्य सामग्री को रीसायकल करने में सफल हुए हैं. इसके साथ ही हम इसके सही निपटान के लिए अन्य सोसाइटियों और आसपास के समुदायों के साथ भी काम कर रहे हैं.’ रूबी जी ने आगे बताया कि सोसाइटी के अंदर कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी तरीके से लागू किया गया है. प्रत्येक घर में कचरे को सॉर्ट करने के लिए अलग-अलग डिब्बे रखे गए हैं, जिससे कचरे का सही तरीके से निपटारा किया जा सके.
जरूरतमंद की भी कर रहे मदद
इतना ही नहीं रीसायकल किए गए हुए प्रोडक्ट्स को एनजीओ में बांटा जाता है. जहां पर बच्चों को सही फैसिलिटी नहीं मिल पाती है. साथ ही साथ जो पेपर रीसाइकिल किए जाते हैं, उनसे नोटबुक बनाई जाती है और एमसीडी के स्कूल में जाकर बच्चों के बीच उसे डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है. इसके अलावा गीले कचरे को सुखाकर जो खाद तैयार होती है, उसे आसपास की सोसाइटी में बांटा जाता है.
इतना ही नहीं रीसायकल किए गए हुए प्रोडक्ट्स को एनजीओ में बांटा जाता है. जहां पर बच्चों को सही फैसिलिटी नहीं मिल पाती है. साथ ही साथ जो पेपर रीसाइकिल किए जाते हैं, उनसे नोटबुक बनाई जाती है और एमसीडी के स्कूल में जाकर बच्चों के बीच उसे डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है. इसके अलावा गीले कचरे को सुखाकर जो खाद तैयार होती है, उसे आसपास की सोसाइटी में बांटा जाता है.
इसे भी पढ़ें – सालों से बंद था घर, लोगों को हुआ शक तो किया वन विभाग को फोन, टीम ने जैसे ही दरवाजा खोला तो…
इस सोसाइटी के एंट्रेंस पर एक ऐसा फ्रिज भी रखा गया है, जहां पर जरूरतमंद के लिए खाना रखा जाता है. मखीजा जी बताती हैं कि यहां पर लोग अपना खाना या फिर जो फ्रेश फ्रूट्स होते हैं उसे रख जाते हैं तो जो वर्कर काम कर रहे हैं, अगर उन्हें भूख लगती है तो वह इसे निकाल कर खा सकते हैं.
और पढ़ें