सिलचर लोकसभा सीट: सुष्मिता देव को फिर मिलेगी पिता की विरासत?
Agency:News18Hindi
Last Updated:
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछली बार की विजेता सुष्मिता देव पर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दी है. जबकि बीजेपी ने नया उम्मीदवार उतारा है. बीजेपी की ओर से राजदीप रॉय यहां चुनाव लड़ेंगे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से हिताब्रत रॉय को चुनावी कमान सौंपी गई है.

असम की सिलचर लोकसभा सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है. इस सीट पर दोनों ही पार्टियों का दबदबा रहा है. यहां तक कि इस सीट पर बीजेपी के कबिंद्र पुरकायस्था और कांग्रेस के संतोष मोहन देव सिर्फ दो नेताओं का ही कब्जा रहा है. सिलचर संसदीय क्षेत्र में 1977 में पहली बार चुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस के सांसद राशिदा हक चौधरी को जीत हासिल हुई. उसके बाद यह सीट कांग्रेस नेता संतोष मोहन के पास आ गई और वे इस सीट से पांच बार सांसद चुने गए.
1980 और 1984 में संतोष मोहन के इस सीट पर जीतने के बाद 1991 में बदलाव हुआ और बीजेपी के कबिंद्र पुरकायस्था ने सीट काे अपने नाम किया. हालांकि 1996 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और संतोष देव फिर सीट जीतने में सफल हुए लेकिन 1998 में कबिंद्र ने पास पलट दिया और सीट झटक ली. इस दौरान सिलचर की जनता का मूड बार बार बदला और हर बार अलग नतीजे आए. एक साल बाद ही 1999 में फिर लोकसभा चुनाव हुए और जनता ने कबिंद्र के बजाय संतोष मोहन को चुना.
2004 में भी संतोष मोहन देव सांसद चुने गए. 2009 में बीजेपी ने वापसी की. कबिंद्र पुरकायस्था सीट जीत गए. लेकिन 2014 में चली मोदी लहर के बावजूद पुरकायस्था को हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान उनके सामने कद्दावर नेता संतोष मोहन नहीं थे बल्कि उनकी बेटी सुष्मिता देव थीं. हालांकि 2019 में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. यहां चुनाव के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान हो चुका है.
लोकसभा चुनाव में कौन-कौन हैं प्रत्याशी?
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछली बार की विजेता सुष्मिता देव पर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दी है. जबकि बीजेपी ने नया उम्मीदवार उतारा है. बीजेपी की ओर से राजदीप रॉय यहां चुनाव लड़ेंगे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से हिताब्रत रॉय को चुनावी कमान सौंपी गई है.
सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) की ओर से श्याम देव कुर्मी चुनाव मैदान में हैं. इनके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की ओर से एक-एक और 8 निर्दलीय प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं. हालांकि एआईयूडीएफ ने इस बार सिलचर से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में यह तीसरे नंबर की पार्टी थी और वोट प्रतिशत भी अच्छा था.
2014 लोकसभा चुनाव का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुष्मिता देव ने बीजेपी प्रत्याशी कबिंद्र पुरकायस्था को हराकर जीत हासिल की. इस दौरान सुष्मिता देव को 336,451 वोट हासिल हुए. जबकि कबिंद्र को 301,210 वोट मिले. सुष्मिता ने बीजेपी के बड़े नेता को 35 हजार 241 वोटों से हराया. इस दौरान तीसरे नंबर पर 85,530 वोटों के साथ एआईयूडीएफ के कुतुब अहमद मजूमदार रहे. चौथे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस रही. वहीं 2009 की बात करें तो कबिंद्र पुरकायस्था ने कांग्रेस के संतोष मोहन देव को हराया था.
सीट का सामाजिक समीकरण
इस संसदीय क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं. जिनमें सिलचर, सोनाई, ढोलाई, उधारबंद, लखीपुर, बरखोला, कटिगोराह शामिल हैं. 2014 के अनुसार इस लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 10,60,175 थी. जिसमें पुरष मतदाताओं की संख्या 5, 54, 540 और महिला मतदाताओं की संख्या 5,5,558 है.
1980 और 1984 में संतोष मोहन के इस सीट पर जीतने के बाद 1991 में बदलाव हुआ और बीजेपी के कबिंद्र पुरकायस्था ने सीट काे अपने नाम किया. हालांकि 1996 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और संतोष देव फिर सीट जीतने में सफल हुए लेकिन 1998 में कबिंद्र ने पास पलट दिया और सीट झटक ली. इस दौरान सिलचर की जनता का मूड बार बार बदला और हर बार अलग नतीजे आए. एक साल बाद ही 1999 में फिर लोकसभा चुनाव हुए और जनता ने कबिंद्र के बजाय संतोष मोहन को चुना.
2004 में भी संतोष मोहन देव सांसद चुने गए. 2009 में बीजेपी ने वापसी की. कबिंद्र पुरकायस्था सीट जीत गए. लेकिन 2014 में चली मोदी लहर के बावजूद पुरकायस्था को हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान उनके सामने कद्दावर नेता संतोष मोहन नहीं थे बल्कि उनकी बेटी सुष्मिता देव थीं. हालांकि 2019 में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. यहां चुनाव के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान हो चुका है.
सिलचर लोकसभा सीट पर शुरू से ही बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला रहा है.
लोकसभा चुनाव में कौन-कौन हैं प्रत्याशी?
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछली बार की विजेता सुष्मिता देव पर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दी है. जबकि बीजेपी ने नया उम्मीदवार उतारा है. बीजेपी की ओर से राजदीप रॉय यहां चुनाव लड़ेंगे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से हिताब्रत रॉय को चुनावी कमान सौंपी गई है.
सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) की ओर से श्याम देव कुर्मी चुनाव मैदान में हैं. इनके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की ओर से एक-एक और 8 निर्दलीय प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं. हालांकि एआईयूडीएफ ने इस बार सिलचर से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में यह तीसरे नंबर की पार्टी थी और वोट प्रतिशत भी अच्छा था.
कांग्रेस ने इस सीट से सबसे ज्यादा 7 बार चुनाव जीता है.
2014 लोकसभा चुनाव का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुष्मिता देव ने बीजेपी प्रत्याशी कबिंद्र पुरकायस्था को हराकर जीत हासिल की. इस दौरान सुष्मिता देव को 336,451 वोट हासिल हुए. जबकि कबिंद्र को 301,210 वोट मिले. सुष्मिता ने बीजेपी के बड़े नेता को 35 हजार 241 वोटों से हराया. इस दौरान तीसरे नंबर पर 85,530 वोटों के साथ एआईयूडीएफ के कुतुब अहमद मजूमदार रहे. चौथे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस रही. वहीं 2009 की बात करें तो कबिंद्र पुरकायस्था ने कांग्रेस के संतोष मोहन देव को हराया था.
सीट का सामाजिक समीकरण
इस संसदीय क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं. जिनमें सिलचर, सोनाई, ढोलाई, उधारबंद, लखीपुर, बरखोला, कटिगोराह शामिल हैं. 2014 के अनुसार इस लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 10,60,175 थी. जिसमें पुरष मतदाताओं की संख्या 5, 54, 540 और महिला मतदाताओं की संख्या 5,5,558 है.
और पढ़ें