Rau's IAS कोचिंग के खिलाफ छात्रों में उबाल; मालिक-कॉर्डिनेटर गिरफ्तार, कितनी हो सकती है सजा? जानें सब
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Rajendra Nagar Haadsa: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में अचानक बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत के मामले में कोचिंग सेंटर का मालिक और कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया गया है.

नई दिल्ली. दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में अचानक बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत के मामले में कोचिंग सेंटर का मालिक और कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में बीएनएस की धारा 105,106(1),152, 290 और 35 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. गौरतलब है कि इस हादसे में यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली श्रेया यादव, तेलंगाना की रहने वाली तानिया सोनी और केरल के अर्नाकुलम के रहने वाले नेविन डेल्विन की मौत हो गई. इस पूरे हादसे के बाद कोचिंग सेंटर का मैनेजमेंट और सिविक एजेंसी के लोग जांच के दायरे में हैं.
कानून के जानकारों के मुताबिक इस मामले में जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वो काफी संगीन हैं और इनमें कड़ी सजा हो सकती है. आइए जानते हैं कि इन धाराओं में किन अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जाता है और दोषी पाए जाने पर क्या सजाएं हो सकती हैं.
धारा- 105. गैर इरादतन हत्या के लिए सजा.
धारा-106. लापरवाही से मौत का कारण बनना.
धारा 152. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य.
धारा-290. इमारतों को गिराने, उनकी मरम्मत करने या निर्माण करने आदि के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण.
धारा-35. शरीर और संपत्ति की निजी रक्षा का अधिकार.
धारा-106. लापरवाही से मौत का कारण बनना.
धारा 152. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य.
धारा-290. इमारतों को गिराने, उनकी मरम्मत करने या निर्माण करने आदि के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण.
धारा-35. शरीर और संपत्ति की निजी रक्षा का अधिकार.
धारा-105 में आजीवन या कम से कम 5 साल या बढ़ाकर 10 साल की सजा एवं जुर्माना हो सकता है. जबकि धारा 106 में 5 साल तक की जेल एवं जुर्माना की सजा हो सकती है. वहीं भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास या 7 साल एवं जुर्माना की सजा हो सकती है. धारा 290 में दोषी पाए जाने पर 6 महीने की सजा या 5000 जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
वहीं इस हादसे के बाद छात्रों ने राजेंद्र नगर में विरोध प्रदर्शन किया और बड़ी संख्या में कोचिंग सेंटर के बाहर धरने पर जुटे हुए हैं. AAP सांसद स्वाति मालीवाल भी मौके पर पहुंची और उन्होंने कहा कि ‘बच्चे बहुत दुखी हैं और बहुत गुस्से में हैं. 12 घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक न दिल्ली सरकार के कोई मंत्री या दिल्ली की मेयर आई हैं, कोई अधिकारी नहीं आया है. इन बच्चों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. मैं मानती हूं कि ये मौत कोई आपदा नहीं है बल्कि ये हत्या है, जितने भी दिल्ली सरकार के बड़े-बड़े लोग हैं उन पर FIR दर्ज होनी चाहिए…..जितने बच्चों की मौत हुई है उनके घर पर जाकर 1 करोड़ का मुआवजा देना चाहिए…दिल्ली मंत्री और मेयर को तुरंत यहां पर आना चाहिए…. और वो काउंसलर कहां है? सब पर जवाब देही बनती है.’
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Rakesh Singh
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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