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शादी का रजिस्ट्रेशन है ये प्राचीन रस्म, अदालत भी मानती है प्रमाण! क्या आपको पता है लग्न पत्रिका का महत्व?

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Importance of Lagna Patrika: विवाह संस्कार के शुरुआत में तिलक का कार्यकम होता है. इस दौरान लगन पत्रिका का रस्म निभाया जाता है, जिसका सबसे बड़ा कारण है कि ये रस्म वर और वधू के रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक बंधन के लिए किया जाता है, जहां की एक तरह से कह सकते हैं कि ये एक दो परिवार के बीच बन रहे रिश्तों का बॉन्ड है.

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लग्न पत्रिका का महत्व. हिंदू धर्म में अलग-अलग रीति रिवाज हैं. वहीं किसी भी व्यक्ति के जन्म से मृत्यु तक 16 संस्कार होते हैं, जिसमें से एक संस्कार विवाह संस्कार होता है, जो बेहद ज्यादा महत्व रखता है. इस संस्कार में अनेकों रस्म निभाए जाते हैं, जो की वर और वधू के पक्ष से अलग-अलग निभाए जाते हैं, जिसमें से एक लग्न पत्रिका रस्म होता है, जो कि तिलक के दिन किया जाता है. मगर क्या आप जानते हैं ये रस्म क्या है? आइए जानते हैं.

दरअसल, विवाह संस्कार के शुरुआत में तिलक का कार्यकम होता है. इस दौरान लग्न पत्रिका का रस्म निभाया जाता है, जिसका सबसे बड़ा कारण है कि ये रस्म वर और वधू के रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक बंधन के लिए किया जाता है, जहां की एक तरह से कह सकते हैं कि ये एक-दो परिवार के बीच बन रहे रिश्तों का बॉन्ड है, जिसमें वर और वधू के बीच जुड़ रहे संबंधों का जिक्र होता है.

समाज के बीच होता है रजिस्ट्रेशन
मेदिनीनगर शहर के रेड़मा स्थित काली मंदिर के पुजारी श्याम कुमार पांडे ने लोकल18 को बताया कि लग्न पत्रिका एक प्रकार से रजिस्ट्रेशन है, जो समाज के बीच होता है. इसमें वर और वधू के पक्ष का नाम, पता लिखा जाता है और शुभ लग्न में होने वाले कार्यक्रम का जिक्र किया जाता है. यह एक तरह से प्रमाण होता है, जो की दो परिवारों के बीच बनने वाले संबंधों का जिक्र किया जाता है. इसमें दोनों पक्षों का परिचय भी लिखा जाता है.
लग्न का होता है प्रमाण
उन्होंने आगे कहा कि आपके और हमारे द्वारा जिस लग्न में तिलक का कार्यक्रम आयोजन हुआ है. उसका प्रमाण लिखित रूप में वधू पक्ष को दिया जाता है, जिससे कोई तोड़ नहीं न सकता है. एक बार लग्न पत्रिका आदान प्रदान कर लेने के बाद दोनों पक्षों के पास लिखित प्रमाण होता है कि इस लग्न में आपके और हमारे बीच ये संबंध जुड़ा है, जिसके आधार पर आप कोर्ट भी जा सकते हैं.
लग्न पत्रिका लेने के बाद ही होती है वापसी
आगे बताया कि शादी विवाह के दौरान तिलक का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद ही लग्न पत्रिका रस्म होता है, जिसके बिना लिए वधू पक्ष अपने घर वापस नहीं लौटते हैं. ये सामाजिक बंधन के लिए लेना जरूरी होता है, जो कि वधु पक्ष के पास रजिस्ट्री रूप में एक अवजार भी होता है, जो बाद में प्रमाण के तौर पर प्रयोग में भी आ सकता है.

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Anuj Singh
Anuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as...और पढ़ें
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शादी का रजिस्ट्रेशन है ये प्राचीन रस्म, अदालत भी मानती है प्रमाण!
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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