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लोकसभा चुनाव 2024: नामांकन के लिए होलाष्टक शुभ है या अशुभ, दुविधा में प्रत्याशी, ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं उपाय

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मीन मलमास में सभी मांगलिक काम पूरी तरह वर्जित रहते हैं. जनतंत्र के त्योहार की शुरुआत भी इसी मलमास महीने में हो रही है. इसमें भी होलाष्टक लगा हुआ है, जो 17 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक रहेगा. फिलहाल प्रत्याशियों के लिए होलाष्टक का लगना ही नामांकन प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती है.

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रिपोर्ट – मोहित शर्मा
करौली. लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नामांकन पत्र दाखिल करने का दौर चल रहा है. हालांकि होलाष्टक प्रत्याशियों की राह में रोड़ा बन गया है. होलाष्टक को शुभ काम के लिए अच्छा न मानकर प्रत्याशी नामांकन पत्र नहीं भर रहे हैं. सब होलाष्टक खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि इस बारे में ज्योतिषीय गणना क्या कहती है और इसके क्या उपाय हैं.

देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिगुल बज चुका है. नामांकन प्रक्रिया जारी है. राजस्थान में 25 सीटों के लिए नोटिफिकेशन 20 मार्च को जारी हो चुका है. राजस्थान की 25 सीटों पर इस बार दो चरणों में चुनाव होंगे. इसके लिए 20 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है.
नामांकन की अंतिम तिथि 27 मार्च है, लेकिन अभी तक सिर्फ दो प्रत्याशियों ने ही पर्चा भरा है. वजह है होलाष्टक को लेकर मान्यताएं. हर प्रत्याशी जीत ही चाहता है, इसलिए होलाष्टक में अपना पर्चा नहीं भर रहा. मान्यता अनुसार होलाष्टक अशुभ माना जाता है.
मीन मलमास और होलाष्टक
करौली के प्रकांड ज्योतिषी गिरिराज प्रसाद सोनी का कहना है कि दुनिया को दिखाने के लिए लोग कैसी भी बात करते हों, लेकिन भगवान, ज्योतिष, ऋषि-मुनियों और शास्त्रों में लिखी गई धार्मिक मान्यताओं पर सब विश्वास करते हैं. सोनी का कहना है कि लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. जनतंत्र के इस त्योहार में पहले से ही मीन मलमास 14 मार्च से लगा हुआ है, इसका प्रभाव 13 अप्रैल तक रहेगा.
होलाष्टक के मिथ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मीन मलमास में सभी मांगलिक काम पूरी तरह वर्जित रहते हैं. जनतंत्र के त्योहार की भी इसी मलमास के महीने में शुरुआत है. इसमें भी होलाष्टक लगा हुआ है, जो 17 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक रहेगा. सोनी का कहना है फिलहाल प्रत्याशियों के लिए होलाष्टक का लगना ही नामांकन प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती है. होलाष्टक में सभी मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह रोक रहती है, लेकिन इससे घबराए नहीं, क्योंकि लोहा ही लोहे को और जहर ही जहर को काटता है.
संघर्ष से जीत का प्रतीक
जब लोकल18 ने इन सभी सवालों के बारे में ज्योतिषी से बात की तो ज्योतिषी गिरिराज सोनी ने बताया कि जहर ही जहर को मारता है. 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन मलमास तो चल ही रहा है, जो हर व्यक्ति के लिए के लिए क्रूर समय है. होलाष्टक के कारण यह और भी क्रूर हो गया है. ऐसे में कोई प्रत्याशी अगर अपना नामांकन भरता है, तो इसमें एक तो उनका खर्च ज्यादा आएगा, भागदौड़ भी ज्यादा करनी पड़ेगी. इस बीच मन में उग्रता ज्यादा आएगी, लेकिन इस संघर्ष से शक्ति आएगी, जो आपको सफलता दिलाएगी. अंत में जीत आपकी ही होगी. इसलिए प्रत्याशियों को होलाष्टक में नामांकन जरूर भरना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से उनकी सकारात्मक शक्ति और भी बढ़ जाएगी. आज के युग में शक्ति का ही प्रदर्शन देखा जाता है और वैसे भी होलाष्टक को संघर्ष से जीत का प्रतीक कहा गया है.
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नामांकन के लिए होलाष्टक शुभ है या अशुभ, ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं उपाय
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