झारखंड के इस शहर में भी मां तारा का मंदिर, भक्त के सपने में आकर माता ने दिया था आदेश, जानें मान्यता
Edited by:
Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:
मंदिर के पुजारी और मातृ साधक तपन बाबा ने कहा कि उनका बचपन पश्चिम बंगाल में मां तारा मंदिर में ही बीता है. वहां पूजा अर्चना किया करते थे. एक बार उन्हें मां तारा सपने में दर्शन दी और कहा यहां मंदिर बनाकर मेरी पूजा अर्चना करो. मां की इच्छुनुसार मंदिर बनाने की पहल शुरू हुई. मंदिर बनाने के लिए जमीन की आवश्यकता थी. कहीं जमीन नहीं मिली तो हाउसिंग कॉलोनी में प्लॉट नंबर 76 में रहने वाली प्रेम शिला देवी अपने घर की छत पर मंदिर बनवाने को तैयार हुई.
मो. इकराम/धनबाद. पश्चिम बंगाल ही नहीं झारखंड के कोयलांचल में भी मां तारा मंदिर है. जहां दूर-दूर से भक्त पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. धनबाद के हाउसिंग कॉलोनी में एक घर की छत पर बने इस मंदिर की महीमा भी अपरंपार है. इस मंदिर में मा तारा के साथ 7 अन्य देवी देवता की भी प्रतिमा है. करीब 13 वर्ष पहले फरवरी 2011 में मंदिर की स्थापना की गई है.
मंदिर के पुजारी और मातृ साधक तपन बाबा ने कहा कि उनका बचपन पश्चिम बंगाल में मां तारा मंदिर में ही बीता है. वहां पूजा अर्चना किया करते थे. एक बार उन्हें मां तारा सपने में दर्शन दी और कहा यहां मंदिर बनाकर मेरी पूजा अर्चना करो. मां की इच्छुनुसार मंदिर बनाने की पहल शुरू हुई. मंदिर बनाने के लिए जमीन की आवश्यकता थी. कहीं जमीन नहीं मिली तो हाउसिंग कॉलोनी में प्लॉट नंबर 76 में रहने वाली प्रेम शिला देवी अपने घर की छत पर मंदिर बनवाने को तैयार हुई.
13 वर्ष पहले हुई है मंदिर की स्थापना
मंदिर के निर्माण के दौरान पुजानी व प्रेम शिला देवी देवी 23 माह तक अन्न ग्रहण नहीं किए. इस दौरान फलाहार पर ही रहे. मंदिर बनने के बाद यहां मां की प्रतिमा स्थापित की गई और पूजा अर्चना शुरू हुई. आज दूर-दूर से भक्त यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं. इसके लिए एक सार्वजनिक रास्ता भी है.
मंदिर के निर्माण के दौरान पुजानी व प्रेम शिला देवी देवी 23 माह तक अन्न ग्रहण नहीं किए. इस दौरान फलाहार पर ही रहे. मंदिर बनने के बाद यहां मां की प्रतिमा स्थापित की गई और पूजा अर्चना शुरू हुई. आज दूर-दूर से भक्त यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं. इसके लिए एक सार्वजनिक रास्ता भी है.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें