क्या आप जानते हैं शिव परिवार से जुड़े ये रहस्य? बुद्धि, सौभाग्य से मोक्ष तक हैं कई शक्तियां
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भगवान शंकर और उनके परिवार की पूजा अनेकों रूपों में की जाती है. आदिकाल से भगवन शिव का परिवार मनुष्यों के लिए प्रेरणा और शक्ति देने वाला रहा है.

हिन्दू धर्म में भगवान शिव (Lord Shiva) को महादेव, महाकाल, भोलेनाथ, शंकर आदि कई नामों से पुकारा जाता है. भारत में भगवान शंकर और उनके परिवार की पूजा उत्तर के राज्यों से लेकर दक्षिण के राज्यों तक अनेकों रूपों में की जाती है. आदिकाल से भगवन शिव का परिवार मनुष्यों के लिए प्रेरणा और शक्ति देने वाला रहा है. शिव परिवार में भगवान कार्तिकेय बड़े पुत्र हैं, जिन्हे दक्षिण भारत में स्कंद, मुरुगन और भी कई नामों से पूजा जाता है. वहीं शिव-गौरी के छोटे पुत्र हैं भगवान गणेश, जिनको हम सभी गणपति के नाम से भी जानते हैं. साथ ही भगवान गणेश को माता-पिता और देवताओं के आशीर्वाद से हर पूजा-पाठ और अनुष्ठानों में प्रथम पूजनीय होने स्थान प्राप्त है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि भगवान शिव के परिवार के हर सदस्य के पास अलग-अलग शक्तियां और विद्याएं हैं. भगवान शंकर मोक्ष दाता और कल्याणकारी हैं तो माता गौरी सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं. इनके पुत्र भगवान कार्तिकेय पराक्रम और शक्ति प्रदान करते हैं और भगवान गणपति बुद्धि.
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इसके अलावा शिव परिवार के सभी सदस्यों के अपने वाहन भी हैं. जैसे भगवान शिव का वाहन है नंदी, और माता पार्वती का वाहन है सिंह, भगवान कार्तिकेय का वाहन है मयूर और भगवान गणपति का वहां है मूषक.
माता गौरी दाम्पत्य सुख की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं. यदि कोई सुहागिन स्त्री सच्ची श्रद्धा और भक्ति भाव से देवी गौरी की पूजा-उपासना करती है तो माता गौरी अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं.
प्राचीन कथाओं में ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती तीनों लोको में हमेशा विचरण करते रहते हैं और दीन-दुखियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. माता पार्वती सबका दुख दूर करना ही अपना कर्तव्य मानती हैं. इन्हीं सब गुणों के कारण भगवान शिव का पूरा परिवार पूजनीय है. भारत में जितनी भाषाएं बोली जाती हैं, उन सभी में भगवान शिव के परिवार की स्तुतियां लिखी गई हैं.
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