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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में नहीं कर पाए हैं स्नान, तो न हों परेशान, जानें नहान के अन्य शुभ समय

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Mauni Amavasya 2025 : आज 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का द्वितीय अमृत स्नान है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, तर्पण और दान का विशेष महत्व है.स्नान का शुभ मुहूर्त 5:25 से 6:18 तक है.

मौनी अमावस्या: ब्रह्म मुहूर्त में नहीं किया स्नान, जानें नहान के अन्य शुभ समय
Mauni Amavasya 2025 : पंचांग के अनुसार आज 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या का पर्व है. माघ मास में अमावस्या की तिथि 28 जनवरी की शाम 7:32 पर शुरू है. अमावस्या तिथि का समापन 29 जनवरी की शाम 6:05 पर होगा. मौनी अमावस्या की तिथि पर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, पुण्य-धर्म आदि करने का विशेष विधान होता है. इस दिन कई दुर्लभ योग भी बन रहे हैं. सबसे खास यह है कि 144 साल बाद पड़ रहे महाकुंभ का द्वितीय अमृत स्नान भी मौनी अमावस्या के दिन होगा. विस्तार से जानते हैं कि मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए कौन से शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें स्नान करने से पुण्यफल की प्राप्ति होगी.

मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व : मान्यता है मौनी अमावस्या की पावन पर्व पर जो व्यक्ति पवित्र नदियों में स्नान करते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. उन्हें सभी प्रकार के कायिक,वाचिक और मानसिक पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस अमावस्या की तिथि में पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों के निमित तर्पण आदि करके दान पुण्य और गरीबों को भोजन करने का विशेष महत्व है.

बन रहे शुभ संयोग : मौनी अमावस्या की तिथि पर सिद्ध योग, दुर्लभ योग सहित शिव वास, त्रिग्रही और वज्र योग का निर्माण हो रहा है. मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर माता पार्वती के साथ रहते हैं.
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स्नान का शुभ मुहूर्त: आज स्नान का सबसे शुभ मुहूर्त 5:25 से 6:18 तक रहा. समय में अमृत स्नान का पुण्य फल प्राप्त किया जा सकता है. यदि आप लोग अमृत स्नान का लाभ नहीं ले पाते हैं तो सुबह 7:11 से सुबह 8:32 तक और 8:32 से 9:53 तक अमृत काल में भी स्नान का पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं. इस दौरान स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना गया है. राहुकाल को छोड़कर सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच में कभी भी स्नान किया जा सकता है.
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राहुकाल का रखें ध्यान : मौनी अमावस्या की तिथि में राहुकाल दोपहर 12:34 से 1:55 तक रहेगा. 1 घंटा 21 मिनट के राहुकाल के दौरान महाकुंभ अथवा किसी भी पवित्र नदी में स्नान नहीं करना चाहिए. राहुकाल में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति नहीं होती है.

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Dr Gaurav Kumar Dixit
डॉ. गौरव कुमार दीक्षित, ज्योतिष, न्यूमेरोलॉजी, टैरो रीडिंग, एस्ट्रो वास्तु, टैटू एक्टिवेशन,जेमोलॉजी में 10 वर्षों का अनुभव है. कालसर्प दोष (ज्योतिष विज्ञान) में पीएचडी गोल्ड मेडलिस्ट हैं. इस समय में News18Hindi...और पढ़ें
डॉ. गौरव कुमार दीक्षित, ज्योतिष, न्यूमेरोलॉजी, टैरो रीडिंग, एस्ट्रो वास्तु, टैटू एक्टिवेशन,जेमोलॉजी में 10 वर्षों का अनुभव है. कालसर्प दोष (ज्योतिष विज्ञान) में पीएचडी गोल्ड मेडलिस्ट हैं. इस समय में News18Hindi... और पढ़ें
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