Pinddan 2023: श्राद्ध में ये चीजें करें दान! पितरों को होती है मोक्ष की प्राप्ति, घर में आती है खुशहाली
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Agency:News18 Bihar
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Pitru Paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के 16 दिनों तक हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं. अपने वंशजों के बीच रहकर अन्न, जल ग्रहण करते हैं. ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में स्नान, दान, पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
कुंदन कुमार/गया: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में 16 दिनों तक हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं. और अपने वंशजों के बीच रहकर अन्न, जल ग्रहण करते हैं. ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में स्नान, दान, पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. पितर इस दौरान यमलोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर जाते हैं. इस दौरान कुछ चीजों का दान आपके लिए फलदायी हो सकता है. जहां तक दान की बात की जाए तो दान-पुण्य हमेशा ही मोक्ष का द्वार खोलता है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि तिथि श्राद्ध यानी कि प्रत्येक वर्ष पितरों की तिथि आती है. जिस दिन उनका स्वर्गवास हुआ, उस दिन स्नान करके तील और जल का तर्पण करने के बाद दो, पांच या बारह ब्राह्मणो को घर पर बुलाकर घर में बनाए गये पकवान खिलाना चाहिए. वस्त्र दान करना चाहिए. लेकिन, गया श्राद्ध में कोई व्यक्ति आ रहा है तो यहां की दान की विशेषता बढ़ जाती है.
अन्न का दान सबसे अच्छा दान
गया श्राद्ध में जब श्राद्ध कर्म कर लिया जाता हैं तो ब्राह्मणों को शैया दान, गोवत्स दान, भूदान, नमक, गुड, स्वर्ण दान, दक्षिणा दान, वस्त्र दान और धान्य आदि दान किया जाता है. तीर्थ श्राद्ध आने पर ब्राह्मणों को . ऐसे दान अवश्य करें, जिससे पितर तृप्त हो जाते हैं. इन्होंने बताया पितृ पक्ष के दौरान अन्न का दान सबसे अच्छा दान माना गया है. इन दिनों में आप किसी को भोजन आदि भी करा सकते हैं या फिर किसी गरीब, जरूरमंद ब्राह्मण को अन्न दान कर सकते हैं. इससे वंश वृद्धि में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती है.
गया श्राद्ध में जब श्राद्ध कर्म कर लिया जाता हैं तो ब्राह्मणों को शैया दान, गोवत्स दान, भूदान, नमक, गुड, स्वर्ण दान, दक्षिणा दान, वस्त्र दान और धान्य आदि दान किया जाता है. तीर्थ श्राद्ध आने पर ब्राह्मणों को . ऐसे दान अवश्य करें, जिससे पितर तृप्त हो जाते हैं. इन्होंने बताया पितृ पक्ष के दौरान अन्न का दान सबसे अच्छा दान माना गया है. इन दिनों में आप किसी को भोजन आदि भी करा सकते हैं या फिर किसी गरीब, जरूरमंद ब्राह्मण को अन्न दान कर सकते हैं. इससे वंश वृद्धि में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती है.
सभी चीज के दान का है अलग महत्व
पितृ पक्ष में गरीब, जरूरतमंद और ब्राह्मण आदि को भोजन कराया जाता है. शास्त्रों के अनुसार आप जिन्हें भी भोजन कराते हैं, उन्हें भोजन के साथ वस्त्र दान भी अवश्य करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि पितर अपने वंशजों से इन दिनों में वस्त्रों की कामना करते हैं. शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में हर चीज के दान का अपना अलग महत्व है. इन दिनों साफ बर्तन में गाय का शुद्ध घी बर्तन सहित दान किया जाता है. ऐसा करने से पारिवारिक संकट से छुटकारा मिलता है. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए इस दौरान खासतौर पर घी का दान करने की सलाह दी जाती है.
पितृ पक्ष में गरीब, जरूरतमंद और ब्राह्मण आदि को भोजन कराया जाता है. शास्त्रों के अनुसार आप जिन्हें भी भोजन कराते हैं, उन्हें भोजन के साथ वस्त्र दान भी अवश्य करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि पितर अपने वंशजों से इन दिनों में वस्त्रों की कामना करते हैं. शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में हर चीज के दान का अपना अलग महत्व है. इन दिनों साफ बर्तन में गाय का शुद्ध घी बर्तन सहित दान किया जाता है. ऐसा करने से पारिवारिक संकट से छुटकारा मिलता है. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए इस दौरान खासतौर पर घी का दान करने की सलाह दी जाती है.
सोना-चांदी दान करने के फायदे
माना जाता है कि पितृपक्ष के दिनों में सोने की चीजें दान करने से व्यक्ति की गुरु संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, समस्त रोगों से छुटकारा मिलता है. वहीं, चांदी चंद्रमा का कारक मानी जाती है. इसलिए इन दिनों में चांदी के दान से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है. इससे परिवार में सुख-शांति और एकता बनी रहती है. इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान नमक का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, इन दिनों नमक के दान से पितरों पर कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
माना जाता है कि पितृपक्ष के दिनों में सोने की चीजें दान करने से व्यक्ति की गुरु संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, समस्त रोगों से छुटकारा मिलता है. वहीं, चांदी चंद्रमा का कारक मानी जाती है. इसलिए इन दिनों में चांदी के दान से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है. इससे परिवार में सुख-शांति और एकता बनी रहती है. इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान नमक का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, इन दिनों नमक के दान से पितरों पर कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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