मां के चरणों का जल छिड़कते ही चेचक जैसे रोग से मिलती है मुक्ति, बांग्लादेश, भूटान तक से आते हैं श्रद्धालु
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Agency:News18 Bihar
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रोहिणी कविराज के पुत्र प्रह्लाद कुमार दास, मंदिर कमेटी के सदस्य रितेन सरकार, किशोर दास, कुंदन शाह ने Local 18 से बताया कि यह मंदिर 1948 में बना था. 1948 के समय पूर्णिया सहित सीमांचल इलाकों में चेचक जैसी महामारी का बहुत प्रकोप था.
विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : भारत में ऐसे चमत्कारिक मंदिर है जहां जाते ही लोगों के बहुत से कष्ट दूर हो जाते हैं. बिहार के पूर्णिया जिले में भी एक ऐसा मंदिर है. बेलोरी के कृष्णपुरी में स्थित शीतला माता का मंदिर. इस मंदिर की कई पौराणिक मान्यताएं हैं लेकिन जानकारों की मुताबिक इस मंदिर में चेचक रोगी को जल छिड़कते ही चेचक से मुक्ति मिल जाती है. इसलिए इस मन्दिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं. 2 अप्रैल को यहां मां शीलता का वार्षिक पूजन उत्सव धूमधाम से मनेगा. जिसमें कई देशों से लोग श्रद्धालु पहुंचते हैं.
1948 में बना था मंदिर, जानिए क्या है कहानी
रोहिणी कविराज के पुत्र प्रह्लाद कुमार दास, मंदिर कमेटी के सदस्य रितेन सरकार, किशोर दास, कुंदन शाह ने Local 18 से बताया कि यह मंदिर 1948 में बना था. 1948 के समय पूर्णिया सहित सीमांचल इलाकों में चेचक जैसी महामारी का बहुत प्रकोप था. इस महामारी के फैलने से दूर दराज तक लोग इसकी चपेट में आ गए. इसके आने से बहुत से लोग जिंदगी से हाथ धो बैठे. उस समय बेलोरी के स्थानीय पुजारी रोहिणी कविराज जो माता शीतला के परम भक्त थे. उन्हें माता शीतला ने स्वप्न में आकर कई शक्तियां प्रदान की थी.
रोहिणी कविराज के पुत्र प्रह्लाद कुमार दास, मंदिर कमेटी के सदस्य रितेन सरकार, किशोर दास, कुंदन शाह ने Local 18 से बताया कि यह मंदिर 1948 में बना था. 1948 के समय पूर्णिया सहित सीमांचल इलाकों में चेचक जैसी महामारी का बहुत प्रकोप था. इस महामारी के फैलने से दूर दराज तक लोग इसकी चपेट में आ गए. इसके आने से बहुत से लोग जिंदगी से हाथ धो बैठे. उस समय बेलोरी के स्थानीय पुजारी रोहिणी कविराज जो माता शीतला के परम भक्त थे. उन्हें माता शीतला ने स्वप्न में आकर कई शक्तियां प्रदान की थी.
भक्त रोहिणी कविराज ने अपने भक्ति के दम पर माता शीतला को बांग्लादेश से लेकर पूर्णिया के बेलोरी लाए थे. यहां पर माता शीतला के मुताबिक उनकी पूजा करने लगे. माता से उन्होंने चेचक जैसी महामारी से मुक्ति पाने की मनोकामनाएं मांगी. माता ने उनकी सुन ली.
भक्त की भक्ति से खुश होकर दिया वरदान
भक्त की मनोकामनाएं को सुनकर माता शीतला ने उन्हें आशीर्वाद दिया. पूर्णिया सहित सीमांचल के इलाकों में चेचक जैसी महामारी से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने अपने भक्त रोहिणी कविराज को उपाय भी बताया. मौजूद स्थानीय लोग एवं कमेटी के सदस्यों ने बताया खास बात यह है कि चेचक जैसी गंभीर बीमारी से मंदिर में आने मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है.
भक्त की मनोकामनाएं को सुनकर माता शीतला ने उन्हें आशीर्वाद दिया. पूर्णिया सहित सीमांचल के इलाकों में चेचक जैसी महामारी से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने अपने भक्त रोहिणी कविराज को उपाय भी बताया. मौजूद स्थानीय लोग एवं कमेटी के सदस्यों ने बताया खास बात यह है कि चेचक जैसी गंभीर बीमारी से मंदिर में आने मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है.
हालांकि मौजूद लोगों ने कहा कि चेचक रोगी अगर इस मंदिर में आकर सच्ची मन से पूजा अर्चना करें और माता के चरणों का जल छिड़क ले तो वह चेचक से मुक्त हो जाता है. साथ ही साथ इस मंदिर में पूजा अर्चना कर कई असाध्य रोग एवं अन्य मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है.
2 अप्रैल को नेपाल, भूटान, बांग्लादेश सहित अन्य जगहों से आयेंगे श्रद्धालु
मंदिर कमेटी के सदस्य एवं स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल माता शीतला का वार्षिक पूजन उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार भी 2 अप्रैल को एक दिवसीय पूजन उत्सव धूमधाम से मनेगा. इसमें माता शीतला का पूजन उत्सव एवं मेले का आयोजन होता है. उन्होंने कहा इस आयोजन में नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कानपुर सहित अन्य जगहों से आकर लोग माता शीतला का आशीर्वाद लेते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं.
मंदिर कमेटी के सदस्य एवं स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल माता शीतला का वार्षिक पूजन उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार भी 2 अप्रैल को एक दिवसीय पूजन उत्सव धूमधाम से मनेगा. इसमें माता शीतला का पूजन उत्सव एवं मेले का आयोजन होता है. उन्होंने कहा इस आयोजन में नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कानपुर सहित अन्य जगहों से आकर लोग माता शीतला का आशीर्वाद लेते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं.
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Avnish mishra
पत्रकारिता में पांच साल का अनुभव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक, राजनीति और स्वास्थ्य की खबरों में विशेष रुचि।
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