Advertisement

Narad Jayanti 2023 : नारद जयंती पर गंगा स्नान से बढ़ती है मान प्रतिष्ठा, यह उपाएं करने से होगा लाभ

Last Updated:

Narad Jayanti 2023 :हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवऋषि नारद की जयंती भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अलग अलग देशों में रहने वाले हिंदू धर्म के लोग मानते है. साल 2023 में नारद जयंती 6 मई को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. धार्मिक कथाओं के अनुसार देवऋषि नारद भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र है और विष्णु भगवान के सबसे बड़े भक्तों में उनकी गिनती होती हैं.

X
title=

ओम प्रयास/हरिद्वार. हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवऋषि नारद की जयंती भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अलग अलग देशों में रहने वाले हिंदू धर्म के लोग मानते है. साल 2023 में नारद जयंती 6 मई को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. हिंदू पंचाग के अनुसार नारद जयंती वैसाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अगले दिन जेष्ठ माह के पहले दिन मनाई जाती है. हिंदू धर्म में नारद जयंती का विशेष महत्व है. हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन गंगा में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है. वहीं देव ऋषि नारद के निमित्त पूजा पाठ और व्रत करने से उनकी कृपा बनी रहती है.

धार्मिक कथाओं के अनुसार देवऋषि नारद भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र है और विष्णु भगवान के सबसे बड़े भक्तों में उनकी गिनती होती हैं.ज्योतिषाचार्य हेमा शुक्ला ने नारद जयंती को लेकर कहा कि जेष्ठ माह की पहली तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है. देव ऋषि नारद ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं और विष्णु के सबसे बड़े परम भक्त भी हैं. देव ऋषि नारद तीनो लोको के सबसे बड़े पत्रकार कहे जाते हैं जो सूचनाओं का आदान प्रदान यहां से वहां करते हैं. हेमा शुक्ला बताती हैं की देव ऋषि नारद लोगों के भले के लिए पत्रकारिता करते हैं. वह निस्वार्थ भाव से जन मानस की भलाई के लिए कार्य करते है.
वेद व्यास थे देव ऋषि नारद के शिष्य
वेद व्यास, वाल्मिकी और शुकदेव देव ऋषि नारद के शिष्य है, जिन्होंने भागवत, रामायण और वेदों की संरचना की है. हेमा शुक्ला बताती हैं कि देव ऋषि नारद तीनो लोक में आ जा सकते हैं. सभी देव तीनों लोको में नहीं आ जा सकते हैं और न ही राक्षस एक लोक से दूसरे लोक में जा सकते हैं लेकिन नारद मुनि तीनों लोक पृथ्वी, पाताल और स्वर्ग लोक में आ जाकर वहां की बाते बताया करते थे. वहीं हेमा शुक्ला बताती हैं कि नारद जयंती के दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा में स्नान करने से मान प्रतिष्ठा बढ़ती है, और तन के सभी रोग दूर होने की धार्मिक मान्यता है. नारद जयंती के दिन उनके निमित्त पूजा-पाठ और व्रत आदि करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की धार्मिक मान्यता भी बताई गई है.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm
देव ऋषि नारद का माना जाता है विश्व का पहला पत्रकार
और पढ़ें