लता मंगेशकर क्यों नहीं सुनती थीं खुद के गाए गाने? सताता था एक बात का डर, वजह जान दंग हो जाएंगे आप
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Lata Mangeshkar Trivia: लता मंगेशकर की आवाज का जादू हमेशा बरकरार रहेगा. उन्होंने भारत की हर भाषा में गाने गाए और उनकी आवाज को न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब पसंद किया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं लता मंगेशकर रिकॉर्डिंग के बाद अपने गानों को ही नहीं सुनती थीं.

मुंबई. लता मंगेशकर भले ही हमारे बीच नहीं हों, लेकिन उनकी आवाज में गाए गए गाने और उनसे जुड़े किस्से हमारे बीच हमेशा मौजूद रहेंगे. उन्होंने लगभग भारत की सभी भाषाओं में 25 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. उनकी आवाज का जादू हर भाषा में बराबर चला है. उन्हें स्वर कोकिला की उपाधि गई थी. उन्होंने 1940 के दशक से ही बॉलीवुड फिल्मों के लिए गाना शुरू कर दिया था. एक दौर तो ऐसा भी रहा कि हर फिल्म में उनके 4-5 गाने हुए करता था. बढ़ती उम्र के बावजूद उनकी आवाज का रस बिल्कुल भी कम नहीं हुआ, सुनने वाला बस सुनता ही रह जाता था.
लता मंगेशकर के गाने हर कोई रिपीट कर-कर के सुनता था. लेकिन क्या आप जानते हैं, लता जी रिकार्डिंग के बाद खुद अपने गाने नहीं सुना करती थीं? आखिर क्या वजह थी जिस आवाज की दीवानी पूरी दुनिया थी, वह खुद अपनी आवाज में गाए गाने दोबारा नहीं सुनती थी. हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.
लता मंगेशकर को अपने ही गानों में लगती थी गलती
लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब गाने की रिकॉर्डिंग पूरी हो जाती थी, तो वह उसे दोबारा नहीं सुनती थी. उनका कहना था कि रिकॉर्डिंग के बाद भी उन्हें अपने गानों में कोई न कोई कमी लगती थी. उन्हें कोई न कोई कमी या गलती नजर आती थी. इसलिए उन्होंने अपने गानों से दूरी बना रखी थी.
लता मंगेशकर को पसंद थे पिता के गाने
लता मंगेशकर को लगता था कि वह किसी भी गाए हुए गाने को उससे और भी बेहतर गा सकती हैं. लता जी की इस आदत से लोग काफी इम्प्रेस हुए. लोग भले ही लता जी को बड़ा सिंगर मानते हों, लेकिन वह खुद गुलाम साहब और अपने पिता के गानों की दीवानी थीं. उन्हें इन दोनों के गाने सुनना खूब पसंद था.
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Ramesh Kumar
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच...और पढ़ें
रमेश कुमार, सितंबर 2021 से न्यूज 18 हिंदी डिजिटल से जुड़े हैं. इससे पहले एबीपी न्यूज, हिंदीरश (पिंकविला), हरिभूमि, यूनीवार्ता (UNI) और नेशनल दुनिया में काम कर चुके हैं. एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और पॉलिटिक्स में रूच... और पढ़ें
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