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सुशांत की आत्महत्या पर छिड़ी बहस में कूदीं सोनाक्षी, कहा- किसी की मौत पर अपनी रोटी मत सेंको

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सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) ने बिना किसी नाम लिए सुशांत ‌सिंह राजपूत (sushant singh rajput) की आत्महत्या में बॉलीवुड इंडस्ट्री पर सवाल खड़ा करने वालों पर निशाना साधा है.

सुशांत की आत्महत्या पर छिड़ी बहस में कूदीं सोनाक्षी, कहा- अपनी रोटी मत सेंकोसोनाक्षी सिन्हा
मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) ने बिना किसी का नाम लिए एक ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, "किसी भी सू*#*# (जानवर का नाम) से लड़ने में समस्या ये है कि आप गंदे हो जाएंगे और उसे मजा आएगा. कुछ चुनिंदा लोग ऐसे हैं जो किसी मौत के बहाने भी अपना प्रचार कर रहे हैं. अपनी ही कौम के लोगों की मौत पर भी अपना प्रचार कर रहे हैं. आप नकारात्मकता, नफरत फैला रहे हैं जिसकी इस वक्त जरूरत नहीं है. जो चले गए उनका थोड़ा सम्मान कीजिए. वास्तव में."

इस ट्वीट को करते हुए सोनाक्षी ने ये भी कहा, "कुछ लोग बड़े ही नामुराद होते हैं और हमेशा रहेंगे." इससेे पहले अपने ट्वीट में दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र ने कहा कि वह सुशांत को व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते थे लेकिन उनकी मौत यह बताती है कि इंड्रस्ट्री कितनी निर्दयी हो सकती है. उन्होंने लिखा, “प्यारे सुशांत, ना फिल्म देखी ना कभी मिला तुमसे...पर तेरे चले जाने से बड़ा सदमा लगा. यह हमारा दिखावे का कारोबार बहुत निर्दयी है. मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता हूं. इस दुख की घड़ी में तुम्हारे परिवार और दोस्तों के के प्रति संवेदनाएं.”



अभिनेत्री मीरा चोपड़ा ने फिल्म जगत में काम करते हुए जो अकेलापन महसूस होता है उसे लेकर एक पोस्ट लिखा है. उन्होंने ट्वीट किया, “ हम सभी को पता था कि सुशांत लंबे समय से अवसाद से जूझ रहा था लेकिन हमने क्या किया? उसके करीबियों का समूह कहां था, निर्माता-निर्देशक जिन्होंने उसके साथ काम किया, उसके करीबी दोस्त? क्यों किसी ने उसके पास जाकर उसकी मदद नहीं की...उसे वह प्यार नहीं दिया जो वह चाहता था..क्योंकि किसी को फर्क नहीं पड़ता.”

चोपड़ा ने कहा कि फिल्म जगत राजपूत को बचा नहीं पाया और अब बॉलीवुड कभी पहले जैसा नहीं रह पाएगा. उन्होंने लिखा, “यह सच है कि बॉलीवुड एक छोटे से परिवार जैसा है लेकिन एक ऐसा परिवार जो जरुरत के समय कभी आपके पास नहीं होता. इस परिवार को अपने दर्द का एहसास कराने के लिए उसे अपनी जान लेनी पड़ी. यहां बाहर से आया हुआ हर इंसान हमेशा बाहरी होने का ही अहसास करता है.”

उन्होंने कहा, “मैं फिल्म जगत के लोगों से केवल यह कहना चाहती कि लोगों को जब जरुरत हो तो उनकी मदद करें, और आपको पता होता है कि उन्हें जरुरत कब है. उनके जाने के बाद ट्वीट करने का कोई मतलब नहीं है. अब दुखी होने का नाटक ना करें जब उसके दुखी रहने पर आपने कुछ नहीं किया. ऐसा पाखंड भरा समाज बनाना बंद करो.”

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अभिनेता गुलशन देवैया ने कहा कि अभिनेता होने के नाते हमें पता है कि राजपूत ने यह कदम क्यों उठाया होगा. देवैया ने लिखा, “अभिनेता होने के नाते हमें पता है कि राजपूत ने यह कदम क्यों उठाया होगा. इसीलिए अगर आप उसे नहीं भी जानते हो तब भी यह बहुत भयावह है. यह एक बहुत कठिन खेल है और उसने इसे अच्छे से खेल भी, लेकिन अंत में खेल जीत गया.”

'मर्द को दर्द नहीं होता' के अभिनेता ने चोपड़ा के ट्वीट का हवाला देते हुए बॉलीवुड को परिवार मानने के विचार को खारिज किया. उन्होंने लिखा, “अगर किसी को लगता है कि यह एक परिवार है तो यह उसकी गलतफहमी है. यह काम करने की जगह के नाम पर एक काल्पनिक दुनिया है और कुछ नहीं है. मैं किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहता हूं लेकिन अगर इससे कोई आहत हो तो मुझे माफ करें.”

रविवार को अभिनेता-निर्माता निखिल द्विवेदी ने कड़े शब्दों में ट्वीट कर कहा कि फिल्म जगत के लोग सुशांत से संपर्क में नहीं रहने पर आज दुख जताने का ढोंग कर रहे हैं.

द्विवेदी ने लिखा, “ सब कह रहे हैं कि उन्हें सुशांत से संपर्क में रहना चाहिए था. लेकिन सच यह है कि आप लोग सुशांत के साथ संपर्क में नहीं थे क्योंकि उसका करियर ढलान पर था. क्या आप अभी इमरान खान, अभय देओल और बाकियों के टच में हैं? नहीं, लेकिन आप तब थे जब ये लोग अच्छा कर रहे थे.”

इसी तरह का रोष प्रकट करते हुए फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने बिना नाम लिए कहा कि इसके बाद "बॉलीवुड प्रिविलेज क्लब" को बैठकर सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, "अब मुझे और कुछ कहने के लिए मत कहिए."

फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने ट्वीट किया, “फिल्म जगत में बाहर से आए हुए कई नौजवान हैं. आप सब याद रखें कि यह प्रतिष्ठान तुम्हें तबतक सबसे महत्वपूर्ण महसूस कराएगा जबतक इसे तुम्हारी जरुरत है. जैसे ही तुम कमजोर पड़े यह तुम्हारा दामन छोड़ देगा. पहले जो तुम्हारी सफलताओं को जश्न मनाते थे वहीं कुछ समय बाद तुम्हारी असफलता का जश्न मनाएंगे.“ मेहता ने कहा कि जो फिल्मी परिवारों से नहीं आते उन लोगों के लिए यह समझना जरुरी है कि इसमें घुलने-मिलने के लिए खुद पर दबाव डालना जरुरी नहीं है.

हेयरस्टाइलिस्ट से निर्दोशक बनी सपना भवनानी ने दावा किया कि सुशांत की मानसिक स्थिति के बारे में फिल्म जगत के लोग जानते थे लेकिन फिर भी सब ने मुंह मोड़ रखा था. उन्होंने ट्वीट किया, “सुशांत पिछले कई सालों से मुश्किल वक्त से गुजर रहा था और यह कोई छिपी बात नहीं थी. लेकिन किसी ने भी उसकी तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया. आज लोगों के ट्वीट ही इस फिल्म जगत के खोखलेपन को बयां कर रहे हैं. यहां कोई आपका दोस्त नहीं है.”

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