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37 Years Of Arjun: सनी देओल के करियर को संवारने वाली फिल्म ‘अर्जुन’ की कहानी सिर्फ 3 घंटे में लिखी गई थी

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राहुल रवैल (Rahul Rawail) और जावेद अख्तर (Javed Akhtar) मुंबई के पास लोनावाला हिल स्टेशन पर गए हुए थे. जावेद ने एक दिन तड़के 4 बजे सोते हुए राहुल को उठाया. वह गहरी नींद में थे लेकिन जावेद ने कहा कि मेरे दिमाग में फिल्म बनाने का एक कमाल का आइडिया आया है.

37 Years Of Arjun: सनी देओल की फिल्म ‘अर्जुन’ की कहानी 3 घंटे में लिखी गई थी'अर्जुन' फिल्म 10 मई 1985 में रिलीज हुई थी. (फोटो साभार: Film History Pics/twitter)
सनी देओल (Sunny Deol) के फिल्मी करियर को ऊंचाई पर पहुंचाने में ‘अर्जुन’ (Arjun) का बड़ा हाथ है. 10 मई 1985 में रिलीज हुई इस फिल्म की कहानी एक ऐस युवा की है जो क्राइम, करप्शन, अन्याय के बीच अपने एजुकेशन, करियर और फैमिली लाइफ को लेकर जद्दोजहद करता है और विद्रोह कर बैठता है. राहुल रवैल (Rahul Rawail) के निर्देशन में बनी इस फिल्म की कहानी युवाओं को खूब पसंद आई थी. इस फिल्म में संगीत आर डी बर्मन ने दिया था. इस फिल्म को बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट स्टोरी का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. इस फिल्म की स्टोरी लिखने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है.

आज से 37 बरस पहले युवाओं के फ्रस्ट्रेशन को आवाज देकर सनी देओल ने हिंदी सिनेमा में तहलका मचा दिया था. सनी ने जब बड़े पर्दे पर ‘मैं जिंदगी से नहीं, आपने आप से नाराज हूं’ डायलॉग बोला तो उस दौर से सभी युवाओं की आवाज बन गए थे. फिल्म में अर्जुन मालवंकर का किरदार इतनी खूबसूरती से निभाया था कि फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी.
सनी देओल की बेस्ट फिल्मों में से है ‘अर्जुन’. (फोटो साभार: Film History Pics/twitter)
जावेद अख्तर ने तड़के 4 बजे राहुल को जगा दिया
फिल्म के डायरेक्टर राहुल रवैल ने एक कार्यक्रम में फिल्म ‘अर्जुन’ से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया था. किस तरह जावेद अख्तर ने दो खतरनाक गैंग के बारे में पढ़ा था और राहुल को आधी रात को ही उठा दिया. दरअसल, राहुल और जावेद अख्तर मुंबई के पास लोनावाला हिल स्टेशन पर गए हुए थे. जावेद ने एक दिन तड़के 4 बजे सोते हुए राहुल को उठाया. वह गहरी नींद में थे लेकिन जावेद ने कहा कि मेरे दिमाग में फिल्म बनाने का एक कमाल का आइडिया आया है. इतना ही नहीं महज 3 घंटे के अंदर फिल्म की स्क्रिप्ट भी तैयार कर डाली.
न्यूजपेपर से जावेद को मिली ‘अर्जुन’ की कहानी
जावेद अख्तर को न्यूजपेपर पढ़ने की आदत रही है. ‘अर्जुन’ फिल्म का आइडिया भी उन्हें न्यूजपेपर से ही मिला था. दरअसल, उन दिनों मुंबई में दाऊद इब्राहिम गैंग और पठान गैंग की अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहे थे और उनके सॉफ्ट टारगेट थे बेरोजगार, भोले-भाले नौजवान. बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं को हताशा झेलनी पड़ रही थी और इसी का फायदा इन गैंगेस्टर ने उठाया. इसी पर एक न्यूज पेपर में छपी, जिसे पढ़कर जावेद अख्तर ने ‘अर्जुन’ तैयार कर दिया.
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37 Years Of Arjun: सनी देओल की फिल्म ‘अर्जुन’ की कहानी 3 घंटे में लिखी गई थी
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