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‘सफाईबाज- द स्कैवेंजर’ से Mayanka Pereira ने किया डेब्यू, गांव की लड़की बनकर जीता दिल!

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फिल्म में जॉनी लीवर, रवि किशन शुक्ला, राजपाल यादव, प्रतिभाशाली मॉडल और अभिनेत्री मयंका परेरा (Mayanka Pereira) भी नजर आएंगी. बता दें, यह मयंका की पहली फ़िल्म होगी और इसमें पहले वह मेगा मॉडल 2014 का ख़िताब अपने नाम कर चुकी हैं.

‘सफाईबाज- द स्कैवेंजर’ में  Mayanka Pereira ने गांव की लड़की बनकर जीता दिल!सफाईबाज- द स्कैवेंजर से मयंका परेरा डेब्यू कर रही हैं.
नई दिल्लीः फिल्म ‘सफाईबाज- द स्कैवेंजर (Safaibaaz – The Scavenger)’ उन दुर्भाग्यपूर्ण आत्माओं का एक वसीयतनामा है जो समाज द्वारा उत्पन्न गंदगी को साफ करने के लिए सीवर लाइनों में प्रवेश करती हैं लेकिन जीवित बाहर आने में विफल रहती हैं. यह फिल्म उन लोगों को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास है, जिन्होंने समाज को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन जिनके बलिदानों को भुला दिया गया और उनका सम्मान नहीं किया गया.

फिल्म में जॉनी लीवर, रवि किशन शुक्ला, राजपाल यादव, प्रतिभाशाली मॉडल और अभिनेत्री मयंका परेरा (Mayanka Pereira) भी नजर आएंगी. बता दें, यह मयंका की पहली फ़िल्म होगी और इसमें पहले वह मेगा मॉडल 2014 का ख़िताब अपने नाम कर चुकी हैं. केवल इतना ही नहीं बल्कि अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से वह काफी सुर्खियां बटोर चुकी हैं.

इसके अलावा वह कई हिंदी गाने जैसे राज सूरी द्वारा निर्मित प्रणाम व अखियाँ 2020 में भी नज़र आ चुकी है.अंग्रेज़ी, हिंदी व कोंकणी भाषा में अच्छी पकड़ रखने वाली मयंका ने ना केवल ग्लैमर की दुनिया में अपनी प्रतिभा का सिक्का चमकाया बल्कि वह रंगमच की दुनिया में भी अपने भीतर छिपे कलाकार को समय के साथ निखारती गई. थिएटर के अलावा, मयंका डेट गॉन रॉंग की तीसरी सिरीज़ में जिया के किरदार व स्ट्रोक, थ्रिलर शॉर्ट फ़िल्म क्लिकबेट में मुख्य भूमिका और विक्की खंडपूर के द्वारा बनाई गई शॉर्ट फ़िल्म लव बाइट, HUNDRED- डिज़्नी + हॉटस्टार वीआईपी, B.O.D.Y, यू टर्न-सीज़न 1, सामाजिक जागरूकता पर बनी फ़िल्म हरकत, स्लाइस ऑफ़ यूर लाइफ़- मुंबई या दिल्ली?, आदि जैसी फ़िल्मों में नज़र आ चुकी है. फ़िल्म सफाईबाज में वह एक गांव की लड़की का किरदार निभाती हुई नज़र आएंगी.
फिल्म की कहानी सामाजिक स्थिति के मुद्दे से संबंधित है, हमारे समाज के उस घृणित लेकिन आवश्यक वर्ग की दयनीय जीवन शैली और काम करने की स्थिति जो एक बहुत ही असुरक्षित अस्तित्व में रहती है. फिल्म से पता चलता है कि हमारी गंदगी और गंदगी को साफ करने वाले ये बदकिस्मत लोग खुद इतने गंदे हो जाते हैं कि हमारा समाज उनसे नफरत करता है. यह एक विडंबना है कि हम उन्हीं लोगों को नीचा क्यों देखते हैं जो हमारे स्वच्छ अस्तित्व को सुनिश्चित करते हैं. फ़िल्म 2 घंटे की है. बता दें फ़िल्म के डायरेक्टर अवनीश सिंह ने इस सामाजिक मुद्दे को पर्दे पर बेहद बेख़ूबी तरीके से प्रदर्शित किया है.
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‘सफाईबाज- द स्कैवेंजर’ में Mayanka Pereira ने गांव की लड़की बनकर जीता दिल!
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