National Games 2025: गरीबी भी नहीं रोक पाई रास्ता, राजमिस्त्री की बेटी पूजा ने ऐसा जंप मारा कि नेशनल रिकॉर्ड ही तोड़ डाला और जीत लिया गोल्ड
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National Games 2025: फतेहाबाद की पूजा ने राष्ट्रीय खेलों में 1.84 मीटर की छलांग लगाकर गोल्ड मेडल जीता और नया रिकॉर्ड बनाया। पूजा ने अपनी जीत का श्रेय कोच और माता-पिता को दिया और सरकार से स्कॉलरशिप की अपील की.
हरियाणा के फतेहाबाद की पूजा ने नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है.फतेहाबाद. सुविधाओं की कमी के बावजूद हाई जंप खिलाड़ी पूजा ने राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता और नया रिकॉर्ड भी बनाया. फतेहाबाद के गांव बोसती की रहने वाली पूजा पारता स्पोर्ट्स अकादमी में प्रैक्टिस करती हैं.
उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. बुधवार को हाई जंप प्रतियोगिता में फतेहाबाद जिले के टोहाना विधानसभा के गांव बोसती की बेटी पूजा ने 1.84 मीटर छलांग लगाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. तमिलनाडु की गोबिका ने 1.79 मीटर की छलांग लगाकर रजत और फतेहाबाद की रेखा ने 1.77 मीटर की छलांग लगाकर कांस्य पदक जीता. 2022 के राष्ट्रीय खेलों में पश्चिम बंगाल की स्वप्ना बर्मन ने 1.83 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था. पारता स्पोर्ट्स अकादमी के संचालक और पूजा के कोच बलवान पारता ने बताया कि फतेहाबाद जिले के एक राजमिस्त्री की बेटी पूजा ने 1.84 मीटर की ऊंची कूद के स्वर्ण पदक को बरकरार रखा.
इस दौरान पूजा ने कहा, “मैंने हाई जंप इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है. हाल ही में मैं उत्तराखंड में नेशनल गेम्स खेलने गई थी, जो 18 जनवरी से शुरू हुए थे और मेरा इवेंट 12 फरवरी को था. इस दौरान मैंने हाई जंप में 1.84 मीटर की छलांग लगाकर रिकॉर्ड बनाया. पहले 1.83 मीटर का रिकॉर्ड पश्चिम बंगाल की स्वप्ना बर्मन के नाम था. मैं पारता के सरकारी स्कूल में प्रैक्टिस करती हूं और प्रतिदिन कम से कम 8 घंटे ग्राउंड पर देती हूं. इस जीत का श्रेय मैं अपने कोच और माता-पिता को देना चाहती हूं. सरकार द्वारा स्कॉलरशिप के रूप में जो कैश प्राइज मिलता है, वह दो साल से रुका हुआ है. अगर वह समय पर मिल जाए तो हमारी सहायता हो सकती है. सरकार से अपील है कि मुझे मेरा कैश प्राइज मिल जाए. अभी एशियन गेम्स की तैयारी चल रही है, उसके बाद ओलंपिक में पदक जीतना है. मेरे पापा राजमिस्त्री हैं और माता घर का काम करती हैं. मेरे पापा जो भी कमाते हैं, वह मुझ पर ही खर्च कर देते हैं.”
कोच बलवान सिंह ने कहा, “मैंने अपने गांव के नाम से ही पारता स्पोर्ट्स अकादमी नाम रखा है. यहां पर बच्चे आते हैं और 4 घंटे सुबह और 4 घंटे शाम को ट्रेनिंग करते हैं. सरकार की तरफ से हमें कोई सुविधा नहीं मिलती. जिस पर खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं, वह मैट भी फटा हुआ है. जो स्पोर्ट्स पर्सन के लिए बेसिक नीड की सुविधा होती हैं, वह भी हमारे पास नहीं है. पहले खेल पॉलिसी में खिलाड़ी को ऐसे कोच जॉइनिंग करवाते थे, लेकिन सरकार ने पॉलिसी को बदल दिया है. खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है. सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए.” वहीं पूजा के पिता हंसराज ने सरकार से बेटी के लिए सहयोग की अपील की है.
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विनोद कुमार कटवाल
11 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS and Amar Ujala. Currently handling Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from past 6 years. Love to Cover ...और पढ़ें
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