हरियाणा का यह गांव है सबसे विकसित, सुविधाओं के मामले में शहरों को दे रहा मात
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Agency:News18 Haryana
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जिला मुख्यालय नूंह से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बीवां गांव.इस गांव में करीब 174 परिवार रहते हैं.गांव की आबादी लगभग 1000 के आसपास है.इस गांव में एक भी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं.इसके बावजूद भी इस गांव का एक-एक कोना देखने लायक है.इस गांव में ग्राम सचिवालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, लाइब्रेरी, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, एसएचजी महिला हाल, सीएससी केंद्र सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं.जिले के बीवा गांव की हर गली पक्की है.एक भी गली में एक भी बूंद पानी नहीं मिलेगा.
कासिम खान/नूंह.देश के सबसे पिछड़े जिलों में हरियाणा का नूंह जिला भी शामिल है.विकास से अभी कोसों दूर यह जिला सरकारी तंत्र की अनदेखी का शिकार है.लेकिन आज हम आपको इसी जिले के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जो सुविधाओं में शहरों को भी पीछे छोड़ रहा है.इस गांव में शहरों से भी ज्यादा सुविधाएं ग्रामीणों को मिल रही हैं.
यह गांव सरकार के किसी आदर्श गांव से भी कई गुणा बेहतर है.इसके लिए ग्रामीणों ने सहयोग किया और समाजसेवी एसएस संधू ने इस गांव की सूरत बदल दी.जिला मुख्यालय नूंह से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बीवां गांव.इस गांव में करीब 174 परिवार रहते हैं.गांव की आबादी लगभग 1000 के आसपास है.इस गांव में एक भी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं.इसके बावजूद भी इस गांव का एक-एक कोना देखने लायक है.
शहरों से भी ज्यादा सुविधाओं से लैस है यह गांव
इस गांव में ग्राम सचिवालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, लाइब्रेरी, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, एसएचजी महिला हाल, सीएससी केंद्र सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं.जिले के बीवा गांव की हर गली पक्की है.एक भी गली में एक भी बूंद पानी नहीं मिलेगा.दीवारों की पेंटिंग की खूबसूरती देखकर हर कोई इन्हें देखने पर मजबूर हो जाता है.गांव में एक आलीशान मस्जिद का निर्माण भी कराया गया है.गांव में हर बुधवार को बुजुर्गों के लिए आंखों का निशुल्क कैंप लगाया जाता है.इसके अलावा तमाम केंद्र व राज्य सरकार की सुविधाओं से ग्रामीणों को पूरी तरह से अवगत कराया जाता है.गांव में ही आलीशान ग्राम सचिवालय बनाया हुआ है.जिसमें गांव का तमाम रिकार्ड उपलब्ध हैं.इस ग्राम सचिवालय में एबीएस फाऊंडेशन के कर्मचारी भी ग्रामीणों की मदद के लिए कार्यरत हैं.
इस गांव में ग्राम सचिवालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, लाइब्रेरी, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, एसएचजी महिला हाल, सीएससी केंद्र सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं.जिले के बीवा गांव की हर गली पक्की है.एक भी गली में एक भी बूंद पानी नहीं मिलेगा.दीवारों की पेंटिंग की खूबसूरती देखकर हर कोई इन्हें देखने पर मजबूर हो जाता है.गांव में एक आलीशान मस्जिद का निर्माण भी कराया गया है.गांव में हर बुधवार को बुजुर्गों के लिए आंखों का निशुल्क कैंप लगाया जाता है.इसके अलावा तमाम केंद्र व राज्य सरकार की सुविधाओं से ग्रामीणों को पूरी तरह से अवगत कराया जाता है.गांव में ही आलीशान ग्राम सचिवालय बनाया हुआ है.जिसमें गांव का तमाम रिकार्ड उपलब्ध हैं.इस ग्राम सचिवालय में एबीएस फाऊंडेशन के कर्मचारी भी ग्रामीणों की मदद के लिए कार्यरत हैं.
आदर्श गांव का बेहतरीन नमूना है बीवां गांव
कुल मिलाकर बीवा गांव शहरों को भी सुविधाओं के मामले में मात देता है.इसको देखने के लिए आसपास के गांव के लोग भी आते हैं.इस गांव की सूरत बदलने में सरकार का उतना योगदान नहीं है, जितना योगदान अकेले समाजसेवी एसएस संधू का है.उनकी सोच की वजह से ही गांव की तकदीर व तस्वीर दोनों बदल गई.यह मेवात का ही आदर्श गांव नहीं बल्कि पूरे हरियाणा व देश के गांवों के लिए भी आदर्श बन सकता है. इस गांव के समीप अरावली पर्वत है, जो हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से गांव की सुंदरता को और बढ़ाने का काम कर रहा है.
कुल मिलाकर बीवा गांव शहरों को भी सुविधाओं के मामले में मात देता है.इसको देखने के लिए आसपास के गांव के लोग भी आते हैं.इस गांव की सूरत बदलने में सरकार का उतना योगदान नहीं है, जितना योगदान अकेले समाजसेवी एसएस संधू का है.उनकी सोच की वजह से ही गांव की तकदीर व तस्वीर दोनों बदल गई.यह मेवात का ही आदर्श गांव नहीं बल्कि पूरे हरियाणा व देश के गांवों के लिए भी आदर्श बन सकता है. इस गांव के समीप अरावली पर्वत है, जो हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से गांव की सुंदरता को और बढ़ाने का काम कर रहा है.
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