Kisan Andolan में खाप पंचायतों ने बुलाई आपात बैठक, सरकार के सामने रखी ये बड़ी डिमांड
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Agency:News18 Haryana
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सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में खाप पंचायतों ने बुलाई आपात बैठक बुलाई, खाप नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकार किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लेगी तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. क्योंकि 2016 जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान सरकार ने उनसे वादा किया था कि सभी मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे, लेकिन सरकार ने मुकदमे वापस नहीं लिये और आज तक हरियाणा के युवा जेलों में बंद हैं, और युवाओं पर मुकदमे अब भी चल रहे हैं.
किसान आंदोलन स्थल कुंडली बॉर्डर पर किसानों ने एक आपात बैठक बुलाकर सरकार के सामने आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में एक स्मारक बनवाने की मांग की है.सोनीपत. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का अपनी मांगों को लेकर आंदोलन लगातार जारी है. सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में आज खाप पंचायतों (Khap Panchayat) ने एक आपातकाल बैठक (Emergency Meeting) बुलाई. इसमें फैसला लिया गया कि जब तक केंद्र सरकार (Central Government) हमारी सभी मांगें पूरी नहीं करेगी. तब तक हमारा आंदोलन (Kisan Andolan) जारी रहेगा. हमें हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है.
किसानों का कहना है कि हरियाणा सरकार 2016 वाला प्रकरण दोहरा सकती है, 2016 में भी हरियाणा की बीजेपी सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने का ऐलान किया था, लेकिन आज तक हरियाणा के युवा जेलों में बंद है. 3 कृषि कानूनों की वापसी की मांग (Three Agriculture Law return) को केंद्र सरकार ने मान लिया है. लोकसभा और राज्यसभा में दोनों जगह तीनों कृषि कानूनों को वापस केंद्र सरकार ले भी चुकी है, लेकिन अब किसान संगठन अपनी अन्य मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे है. सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में खाप पंचायतें अहम भूमिका निभा रही हैं.
कुंडली बॉर्डर पर बुलाई बड़ी खाप की आपात बैठक
आज सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में खाप पंचायतों ने एक का तत्काल बैठक बुलाई जिसमें फैसला लिया गया कि जब तक सरकार उनकी सभी मांगे लिखित रूप में किसानों को नहीं देगी जब तक खाप पंचायतें भी इस आंदोलन का हिस्सा रहेंगी. खाप नेता हवा अंतिल, जयभगवान अंतिल, बिजेंद्र सिंह और सत सिंह ने बताया कि हरियाणा की खाप पंचायतें लगातार किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी देती आ रही है. आज हमने सर्वजातीय खाप अपात्काल बैठक बुलाई है.
सरकार का बनाए शहीद किसानों का स्मारक
सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. लेकिन हम सरकार का धन्यवाद करने यहां नहीं आए हैं. जो हमारे लिए बने नहीं थे सरकार ने उनको वापस लिया है. अगर सरकार MSP की गारंटी पर कानून बनाए और किसान आंदोलन में दर्ज हुए मुकदमे वापस लें तो हम सरकार का धन्यवाद करेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के स्मारक के लिए जमीन कुंडली सिंघु बॉर्डर पर हमें दी जाए और उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए.
किसानों के मुकदमे वापस होने तक जारी रहेगा आंदोलन
खाप नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकार किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लेगी तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. क्योंकि 2016 जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान सरकार ने उनसे वादा किया था कि सभी मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे, लेकिन सरकार ने मुकदमे वापस नहीं लिये और आज तक हरियाणा के युवा जेलों में बंद हैं, और युवाओं पर मुकदमे अब भी चल रहे हैं.
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