जलरक्षक ने किया बड़ा ऐलान! डीसी को सौंपा ज्ञापन, जानिए क्या है उनका नया प्लान?
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Agency:News18 Himachal Pradesh
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Kangra News: जलरक्षक ने डीसी को एक ज्ञापन सौंपते हुए जल संकट के समाधान के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. उनके एक्टिव मोड में आने से जल संरक्षण के लिए नई योजनाओं की शुरुआत होने की उम्मीद है. इस ज्ञापन में जलरक्षकों का प्लान दर्शाता है कि वे जल संकट से निपटने के लिए गंभीर कदम उठा रहे हैं.
धर्मशाला. प्रदेश के जलरक्षकों द्वारा समय समय पर अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार के समक्ष प्रदर्शन किया गया ,लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी गई, जैसे जैसे शीतकालीन विधानसभा का स्तर नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे जलरक्षक फिर से एक्टिव मोड़ में नज़र आ रहे हैं. धर्मशाला में डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा के माध्यम से जलरक्षकों द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज अपनी मांगों से अवगत करवाया गया है.
क्या बोले कांगड़ा इकाई के अध्यक्ष?
जिला कांगड़ा इकाई के अध्यक्ष सुन्नी कुमार ने कहा है कि हम तब तक विरोध करेंगे, जब तक सरकार हमारी बातों को नहीं मान लेती है. कई जल रक्षक भाई ऐसे हैं, जिनके पास घर का राशन लेने के लिए पैसे तक नहीं है.लेकिन की स्कूल फीस भरने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ रहा है. स्थिति काफी खराब हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जल रक्षकों को भरोसा दिलाया था कि न्यूनतम वेतन लागू किया जाएगा. हम आज उनसे पूछना चाहते हैं कि जो उन्होंने वादा किया था, उसे कब पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे.
जिला कांगड़ा इकाई के अध्यक्ष सुन्नी कुमार ने कहा है कि हम तब तक विरोध करेंगे, जब तक सरकार हमारी बातों को नहीं मान लेती है. कई जल रक्षक भाई ऐसे हैं, जिनके पास घर का राशन लेने के लिए पैसे तक नहीं है.लेकिन की स्कूल फीस भरने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ रहा है. स्थिति काफी खराब हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जल रक्षकों को भरोसा दिलाया था कि न्यूनतम वेतन लागू किया जाएगा. हम आज उनसे पूछना चाहते हैं कि जो उन्होंने वादा किया था, उसे कब पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे.
कितना मिलता है जल रक्षकों को वेतन?
जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है. सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है, जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है. जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है,14 साल तक जल रक्षक कांट्रेक्ट पर काम करते हैं, इसके बाद उन्हें पक्का किया जाता है. हम सरकार से मांग करते हैं कि 14 साल के कांट्रेक्ट को खत्म कर आठ साल किया जाए.
जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है. सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है, जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है. जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है,14 साल तक जल रक्षक कांट्रेक्ट पर काम करते हैं, इसके बाद उन्हें पक्का किया जाता है. हम सरकार से मांग करते हैं कि 14 साल के कांट्रेक्ट को खत्म कर आठ साल किया जाए.
साथ ही सैलरी में भी बढ़ोतरी की जाए। क्योंकि, जितनी सैलरी हमें दी जा रही है, उससे परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से कहा है कि अगर सरकार उनकी बात मानती है, तो ठीक है, नहीं तो आने वाले दिनों में प्रदेश भर के सभी जल रक्षक शिमला के कोने-कोने में टेंट लगाकर बैठ जाएंगे.
Editer- Anuj Singh
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