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ऑर्गन डोनेशन क्यों है जरूरी? डोनर कार्ड के लिए कैसे करें अप्लाई; यहां जानें सारे जवाब

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ऑर्गन डोनेशन आज के दौर में प्रचलन में है. अस्पताल सहित सामाजिक संस्थाएं और डॉक्टर्स इसे निजी स्तर पर भी प्रमोट कर रहे हैं.

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पंकज सिंगटा/शिमला. ऑर्गन डोनेशन आज के दौर में प्रचलन में है. अस्पताल सहित सामाजिक संस्थाएं और डॉक्टर्स इसे निजी स्तर पर भी प्रमोट कर रहे हैं. ऑर्गन डोनेशन से किसी की जान बचाई जा सकती हैं. ऑर्गन डोनेशन दो प्रकार से किया जा सकता है, जिसमें पहला है लिविंग यानी जीवित रहते हुए किसी व्यक्ति को किडनी या शरीर का ऐसा अंग दान करना, जिससे डोनर भी जीवित रहे और रिसीवर भी जीवित रहे. दूसरे विकल्प में मृत्यु के बाद व्यक्ति के शरीर से उसके ऑर्गन को दान किया जाता है. इसके लिए परिजनों की अनुमति अनिवार्य होती है.

लोकल 18 से बातचीत में स्टेट ऑर्गन टिशू एंड ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन हिमाचल प्रदेश (सोटो) के जॉइंट डायरेक्टर और आईजीएमसी के अस्पताल प्रशासक डॉ. शोमिन धीमान ने बताया कि ऑर्गन डोनेशन के लिए सरकार द्वारा लोगों को कई माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर नोटो (नेशनल ऑर्गन टिशू एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन), क्षेत्रीय स्तर पर रोटो और राज्य स्तर पर सोटो इस विषय पर कार्य करता है. इसमें लोगों को जागरूक करने के साथ साथ उनके डोनर कार्ड भी बनाए जाते हैं. विभिन्न कैंपों के माध्यम से हमारी टीम यह कार्य करती है और अभी तक हमारी टीम द्वारा करीब 100 कैंप लगाए जा चुके हैं.
क्यों जरूरी है ऑर्गन डोनेशन
डॉ. शोमीन धीमान ने बताया कि ऑर्गन डोनेशन बेहद जरूरी है, इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है और लोगों को इसमें बढ़ चढ़ कर आगे आना चाहिए. लिविंग डोनेशन में केवल रिश्तेदार ही अपने किसी रिश्तेदार को ऑर्गन डोनेट कर सकता है तो वहीं मृत्य के बाद किसी भी व्यक्ति को ऑर्गन मैच होने की स्थिति में ऑर्गन लगाया जा सकता है. किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके ऑर्गेन्स से किसी दूसरे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
डोनर कार्ड के लिए कैसे करें अप्लाई
डॉ. धीमान ने बताया कि डोनर कार्ड के लिए कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से अप्लाई कर सकता है. इसमें नोटो या सोटो की वेबसाइट पर जाकर कार्ड बनाया जा सकता है. इसमें किसी भी व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है और वह आधार कार्ड मोबाइल नंबर के साथ लिंक होना आवश्यक है, क्योंकि आधार कार्ड के साथ जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी आने के बाद ही यह कार्ड बनाया जाना संभव है. 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका कोई भी व्यक्ति इसके लिए अप्लाई कर सकता है.
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