झारखंड में यहां अक्षय पात्र किचन का हुआ शुभारंभ, 1 लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा पौष्टिक भोजन
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Agency:News18 Jharkhand
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अक्षय पात्र संस्था के भारत प्रभू सभादास ने कहा कि अक्षय पात्र संस्था की शुरुआत 2000 ई में बेंगलुरु से हुई थी. उसे समय में संस्था के द्वारा 1500 बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था. वहीं,अभी देश के 23 लाख से अ...और पढ़ें
रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. हजारीबाग जिले के मुकुंदगंज स्थित अक्षय पात्र किचन को शुक्रवार के दिन विधिवत शुभारंभ किया गया. अक्षय पात्र किचन एक प्रकार का किचन है, जहां से जिले भर के एक लाख बच्चों को रोजाना पौष्टिक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा. जिले भर के 565 सरकारी स्कूलों के लगभग एक लाख बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उद्घाटन कार्यक्रम में स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल, सांसद जयंत सिन्हा और मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल सी पी राधा कृष्णन शामिल हुए.
अपने संबोधन में अक्षय पात्र संस्था के भारत प्रभू सभादास ने कहा कि अक्षय पात्र संस्था की शुरुआत 2000 ई में बेंगलुरु से हुई थी. उसे समय में संस्था के द्वारा 1500 बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था. वहीं,अभी देश के 23 लाख से अधिक बच्चों को मध्यान भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.यह संस्था अभी भारत के अलावा यूके और अमेरिका जैसे देशों में भी काम कर रही है. हजारीबाग के मुकुंदगंज में बना हुआ है. अक्षय पात्र किचन देश का 69वां किचन है. यह झारखंड का पहला किचन है, जहां एक साथ 10000 किलो चावल, 5000 किलो दाल और 5500 किलो सब्जी पकेगी. यहां से सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन पहुंचाया जाएगा.यहां भोजन बनाने के लिए स्थानीय बाजारों से सब्जी खरीदी जायेगी जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा.
2000 ई से हुई है शुरुआत
हजारीबाग में अक्षय पात्र प्रोजेक्ट की शुरूवात 2019 में रखी गई थी. यह प्रोजेक्ट जयंत सिन्हा का ड्रीम प्रोजेक्ट था. इस पूरे को प्रोजेक्ट को 20 करोड़ के सीएसआर फंड से बनाया गया है. अपने संबोधन में सांसद ने संबोधन करते हुए कहा कि हमलोगो का सपना है भारत को विकसित देश बनाना है. इसके लिए आगे आने पीढ़ी को मानसिक और शारीरिक रूप से विकसित बनाना होगा. बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पौष्टिक भोजन की बहुत आवश्यकता है. उसके लिए यह अक्षय पत्र किचन नील का पत्थर साबित होगा.
हजारीबाग में अक्षय पात्र प्रोजेक्ट की शुरूवात 2019 में रखी गई थी. यह प्रोजेक्ट जयंत सिन्हा का ड्रीम प्रोजेक्ट था. इस पूरे को प्रोजेक्ट को 20 करोड़ के सीएसआर फंड से बनाया गया है. अपने संबोधन में सांसद ने संबोधन करते हुए कहा कि हमलोगो का सपना है भारत को विकसित देश बनाना है. इसके लिए आगे आने पीढ़ी को मानसिक और शारीरिक रूप से विकसित बनाना होगा. बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पौष्टिक भोजन की बहुत आवश्यकता है. उसके लिए यह अक्षय पत्र किचन नील का पत्थर साबित होगा.
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