UP PCS Final Result 2021: UP PCS 2021 में चुने गए सग भाई-बहन, दोनों का हुआ एसडीएम पद पर सेलेक्शन
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UP PCS Final Result 2021: जारी नतीजों के अनुसार कुल 627 कैंडिडेट का चयन यूपी पीसीएस 2021 में किया गया है. वहीं अतुल कुमार सिंह ने इसमें टॉप किया है. इसके अलावा प्रयागराज में सगे भाई बहन को परीक्षा में कामयाबी मिली है.

UPPSC PCS Final Result 2021: यूपी पीसीएस 2021 के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. यूपी लोक सेवा आयोग के सचिव ने परिणाम जारी किए. जिसके बाद नतीजे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर भी उपलब्ध करा दिए गए हैं. जारी नतीजों के अनुसार कुल 627 कैंडिडेट का चयन यूपी पीसीएस 2021 में किया गया है. वहीं अतुल कुमार सिंह ने इसमें टॉप किया है. इसके अलावा प्रयागराज में सगे भाई बहन को परीक्षा में कामयाबी मिली है. खास बात यह है कि भाई और बहन दोनों का ही सेलेक्शन एसडीएम के पद पर हुआ है.
सगे भाई और बहन को पीसीएस परीक्षा में सफलता
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस 2021 का फाइनल रिजल्ट में 678 पदों के सापेक्ष 627 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं. संगम नगरी प्रयागराज के ग्रामीण इलाके मेजा के तेंदुआ कला गांव के रहने वाले सगे भाई और बहन ने पीसीएस परीक्षा में सफलता पाकर जिले का नाम रोशन किया. भाई और बहन दोनों का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है. भाई विवेक कुमार सिंह तीसरे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुए हैं. जबकि बहन संध्या सिंह पहले ही प्रयास में सफल हुई हैं.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस 2021 का फाइनल रिजल्ट में 678 पदों के सापेक्ष 627 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं. संगम नगरी प्रयागराज के ग्रामीण इलाके मेजा के तेंदुआ कला गांव के रहने वाले सगे भाई और बहन ने पीसीएस परीक्षा में सफलता पाकर जिले का नाम रोशन किया. भाई और बहन दोनों का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है. भाई विवेक कुमार सिंह तीसरे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुए हैं. जबकि बहन संध्या सिंह पहले ही प्रयास में सफल हुई हैं.
बगैर किसी कोचिंग के यह मुकाम हासिल किया
खास बात यह है कि ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखने वाले संध्या और विवेक ने बगैर किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के जरिए यह मुकाम हासिल किया है. विवेक और संध्या की माता पिता गांव में रहते हैं. और एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं पिता कृष्ण कुमार सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को डिप्टी कलेक्टर बनाने का जो सपना देखा था वह आज पूरा हुआ है. जबकि मां प्रतिमा सिंह कहती हैं कि उनके तीन बेटियां हैं और एक बेटा.उन्होंने बेटी और बेटे में कभी कोई फर्क नहीं किया और लगातार पढ़ाई के लिए मोटिवेट करती रहती थी. जिसके चलते आज के बच्चों ने जिले और क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
खास बात यह है कि ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखने वाले संध्या और विवेक ने बगैर किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के जरिए यह मुकाम हासिल किया है. विवेक और संध्या की माता पिता गांव में रहते हैं. और एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं पिता कृष्ण कुमार सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को डिप्टी कलेक्टर बनाने का जो सपना देखा था वह आज पूरा हुआ है. जबकि मां प्रतिमा सिंह कहती हैं कि उनके तीन बेटियां हैं और एक बेटा.उन्होंने बेटी और बेटे में कभी कोई फर्क नहीं किया और लगातार पढ़ाई के लिए मोटिवेट करती रहती थी. जिसके चलते आज के बच्चों ने जिले और क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
8वीं रैंक पर भाई विवेक कुमा, 12वीं रैंक पर संध्या सिंह
यूपीपीसीएस में 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बनी संध्या सिंह का कहना है कि अपने क्षेत्र की लड़कियों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहती हैं कि बच्चियां पढ़ाई करें और उनकी तरह बनें. उन्होंने कहा है कि डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद भी उनका लक्ष्य होगा कि सरकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो और खास तौर पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए आगे काम करेंगी. वहीं यूपी पीसीएस में 8वीं रैंक पर चयनित भाई विवेक कुमार सिंह का कहना है कि डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित होने के बाद वे सरकार की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वित करेंगे और गरीबों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह सुनिश्चित कराएंगे.
यूपीपीसीएस में 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बनी संध्या सिंह का कहना है कि अपने क्षेत्र की लड़कियों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहती हैं कि बच्चियां पढ़ाई करें और उनकी तरह बनें. उन्होंने कहा है कि डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद भी उनका लक्ष्य होगा कि सरकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो और खास तौर पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए आगे काम करेंगी. वहीं यूपी पीसीएस में 8वीं रैंक पर चयनित भाई विवेक कुमार सिंह का कहना है कि डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित होने के बाद वे सरकार की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वित करेंगे और गरीबों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह सुनिश्चित कराएंगे.
डिप्टी कलेक्टर बनने का लक्ष्य
पीसीएस में चयनित विवेक और उनकी बहन संध्या ने नैनी के माधव ज्ञान केंद्र स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी. उसके बाद ही उन्होंने डिप्टी कलेक्टर बनने का लक्ष्य बना लिया था. कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने यह कामयाबी हासिल की है. भाई-बहन का कहना है कि तैयारी के समय दोनों एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करते थे और मोटिवेशन करते थे. उनका कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वे यूपी पीसीएस की परीक्षा में जरुर सफल होंगे. उनका कहना है कि जो लोग भी तैयारी करते हैं अगर वह एकाग्र होकर तैयारी करें तो निश्चित तौर पर उन्हें सफलता मिलेगी.
पीसीएस में चयनित विवेक और उनकी बहन संध्या ने नैनी के माधव ज्ञान केंद्र स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी. उसके बाद ही उन्होंने डिप्टी कलेक्टर बनने का लक्ष्य बना लिया था. कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने यह कामयाबी हासिल की है. भाई-बहन का कहना है कि तैयारी के समय दोनों एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करते थे और मोटिवेशन करते थे. उनका कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वे यूपी पीसीएस की परीक्षा में जरुर सफल होंगे. उनका कहना है कि जो लोग भी तैयारी करते हैं अगर वह एकाग्र होकर तैयारी करें तो निश्चित तौर पर उन्हें सफलता मिलेगी.
डिप्टी कलेक्टर बने भाई और बहन, गांव में जश्न का माहौल
डिप्टी कलेक्टर बने भाई और बहन दोनों अपने इस उपलब्धि से जहां बेहद खुश नजर आ रहे हैं. वहीं पूरे गांव में जश्न का माहौल है. देर रात तक बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लगा हुआ है. लोग डीजे की धुन पर गांव में नाच रहे हैं. इस गांव में पहली बार कोई अधिकारी बना है. ऐसे में दिवाली के त्यौहार के पहले भाई और बहन दोनों के एक साथ डिप्टी कलेक्टर बनने पर गांव में दीपावली मनाई जा रही है.
डिप्टी कलेक्टर बने भाई और बहन दोनों अपने इस उपलब्धि से जहां बेहद खुश नजर आ रहे हैं. वहीं पूरे गांव में जश्न का माहौल है. देर रात तक बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लगा हुआ है. लोग डीजे की धुन पर गांव में नाच रहे हैं. इस गांव में पहली बार कोई अधिकारी बना है. ऐसे में दिवाली के त्यौहार के पहले भाई और बहन दोनों के एक साथ डिप्टी कलेक्टर बनने पर गांव में दीपावली मनाई जा रही है.
उम्मीदवार यूपी पीसीएस 2021 का फाइनल रिजल्ट चेक करने के लिए इस डायरेक्ट लिंक https://uppsc.up.nic.in/View_Notices.aspx?ID=news&N=2397 पर जा सकते हैं.
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