Explainer: वैज्ञानिकों ने देखा पहली बार, दो बहुत बड़े ब्लैक होल मिल कर खा रहे हैं आसपास की सामग्री!
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एक अनोखी घटना में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक ब्लैक होल के पास दूसरा ब्लैक होल है और दोनों मिल कर पास की सामग्री एक साथ निगल रहे हैं. यानी वे आपस में अपना भोजन साझा शेयर करत रहे हैं. वैज्ञानिको को यह जानकारी भी बहुत ही रोचक तरीके से मिली क्योंकि वे पहले समझ रहे थे कि उन्हें सारे संकेत एक ही ब्लैक होल से मिल रहे हैं.

कहते हैं कि किसी बड़े पेड़ के साये में छोटे पेड़ पनप नहीं सकते हैं. तो क्या ऐसा ब्लैक होल साथ भी हो सकता है? वो भी अगर ब्लैक होल सुपरमासिव जैसे बहुत ही बड़े विशालकाय ब्लैक होल हों? एक रोचक खोज में वैज्ञानिकों को तो यही देखने को मिला है कि दो ब्लैक होल अपने आसपास की सामग्री को खाने के लिए आपस में ही शेयर कर रहे है. यह अपने आप में दुर्लभ घटना है और यह खोज भी रोचक अंदाज में हुई क्योंकि पहले तो उन्हें एक ब्लैक होल की जानकारी थी, फिर जब दोहरे संकेत आने की पड़ताल की गई तब पूरे मामले का पता चला.
ब्लैक होल खा रहा था सामग्री
Galaxy 2MASX J21240027+340911 में एक दशक या उससे अधिक समय से उसका केंद्र अपनी सक्रियता के लिए जाना जाता था. इसके केंद्र में, एक सुपरमैसिव ब्लैक होल कुछ अंतरतारकीय सामग्री, गैस या धूल का भोजन कर रहा था. हाल ही में, खगोलविदों को इस वस्तु से एक दोहराए जाने वाले संकेत मिलने लगे जिससे मामला कुछ ज्यादा जटिल होने का अंदेशा हुआ.
Galaxy 2MASX J21240027+340911 में एक दशक या उससे अधिक समय से उसका केंद्र अपनी सक्रियता के लिए जाना जाता था. इसके केंद्र में, एक सुपरमैसिव ब्लैक होल कुछ अंतरतारकीय सामग्री, गैस या धूल का भोजन कर रहा था. हाल ही में, खगोलविदों को इस वस्तु से एक दोहराए जाने वाले संकेत मिलने लगे जिससे मामला कुछ ज्यादा जटिल होने का अंदेशा हुआ.
गूगल ट्रेंड में ब्लैक होल
ब्लैक होल के बारे में गूगल ट्रेंड में हमेशा से खूब सर्च किया जाता है. इस बारे में भारत में भी खूब सर्च किया गया.
ब्लैक होल के बारे में गूगल ट्रेंड में हमेशा से खूब सर्च किया जाता है. इस बारे में भारत में भी खूब सर्च किया गया.
रीजन के हिसाब से सर्च
रीजन के हिसाब से सर्च की बात करें तो ब्लैक होल को लेकर सबसे अधिक इथियोपिया में सर्च किया गया. दूसरे नंबर पर भारत और तीसरे नंबर पर नेपाल है.
रीजन के हिसाब से सर्च की बात करें तो ब्लैक होल को लेकर सबसे अधिक इथियोपिया में सर्च किया गया. दूसरे नंबर पर भारत और तीसरे नंबर पर नेपाल है.
दुनिया का ट्रेंड
ब्लैक होल के बारे में दुनिया के हर इलाके में लगातार सर्च बना रहता है. बीते 90 दिनों के ग्राफ से पता चलता है कि इस बारे में हमेशा सर्च बना रहता है.
ब्लैक होल के बारे में दुनिया के हर इलाके में लगातार सर्च बना रहता है. बीते 90 दिनों के ग्राफ से पता चलता है कि इस बारे में हमेशा सर्च बना रहता है.
एक नहीं दो ब्लैक होल?
स्टडी करने पर वैज्ञानिक एक अनूठे नतीजे पर पहुंचे, वह ये कि इस गैलेक्सी के केंद्र में एक नहीं बल्कि दो सुपरमैसिव ब्लैक होल हैं और वे एक भोजन साझा कर रहे हैं. यानी आसपास की सामग्री साझा कर निगल रहे हैं. ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया कि निगलने वाले सामग्री दो ब्लैक होल आपस में शेयर कर रहे हों.
स्टडी करने पर वैज्ञानिक एक अनूठे नतीजे पर पहुंचे, वह ये कि इस गैलेक्सी के केंद्र में एक नहीं बल्कि दो सुपरमैसिव ब्लैक होल हैं और वे एक भोजन साझा कर रहे हैं. यानी आसपास की सामग्री साझा कर निगल रहे हैं. ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया कि निगलने वाले सामग्री दो ब्लैक होल आपस में शेयर कर रहे हों.
ब्लैक होल का जोड़े इस तरह से कभी भी सामग्री एक साथ निगलते देखे नहीं गए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
कितने बड़े हैं ये ब्लैक होल?
सुपरमैसिव ब्लैक होल का संयुक्त द्रव्यमान (या भार) सूर्य के 4 करोड़ गुना है और वे एक दूसरे से लगभग एक प्रकाश-दिन यानी लगभग 26 अरब किलोमीटर की ही दूरी पर हैं. वे लगभग 70,000 सालों में हर हाल में टकरा कर आपस में मिल जाएंगे. वे एक दूसरे का हर 130 में चक्कर लगा रहे हैं, उनकी की कक्षा की गतिविधि की वजह से ही वैज्ञानिकों को दोहराव वाले संकेत मिले हैं.
सुपरमैसिव ब्लैक होल का संयुक्त द्रव्यमान (या भार) सूर्य के 4 करोड़ गुना है और वे एक दूसरे से लगभग एक प्रकाश-दिन यानी लगभग 26 अरब किलोमीटर की ही दूरी पर हैं. वे लगभग 70,000 सालों में हर हाल में टकरा कर आपस में मिल जाएंगे. वे एक दूसरे का हर 130 में चक्कर लगा रहे हैं, उनकी की कक्षा की गतिविधि की वजह से ही वैज्ञानिकों को दोहराव वाले संकेत मिले हैं.
देखने को नहीं मिलती हैं ऐसी घटनाएं
चिली में मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वैलपराइसो की खगोल वैज्ञानिक और मुख्य लेखिका लोरेना हर्नांडेज़-गार्सिया ने एक बयान में कहा, “यह एक बहुत ही अजीब घटना है, जिसे AT 2021hdr कहा जाता है, जो हर कुछ महीनों में दोहराई जाती है. हमें लगता है कि एक गैस बादल ने दोनों ब्लैक होल को घेर लिया. जैसे-जैसे वे एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं, ब्लैक होल बादल के साथ संपर्क करते हैं, उसकी गैस में हलचल होती है और वे उस गैस को निगल जाते हैं या खा जाते है.
चिली में मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वैलपराइसो की खगोल वैज्ञानिक और मुख्य लेखिका लोरेना हर्नांडेज़-गार्सिया ने एक बयान में कहा, “यह एक बहुत ही अजीब घटना है, जिसे AT 2021hdr कहा जाता है, जो हर कुछ महीनों में दोहराई जाती है. हमें लगता है कि एक गैस बादल ने दोनों ब्लैक होल को घेर लिया. जैसे-जैसे वे एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं, ब्लैक होल बादल के साथ संपर्क करते हैं, उसकी गैस में हलचल होती है और वे उस गैस को निगल जाते हैं या खा जाते है.
ब्लैक होल की पास की सामग्री निगलने के बारे में गहन अध्ययन की जरूरत रहती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
बार बार दिखी ऐसी घटना
यह सिस्टम से प्रकाश में एक आगे पीछे होने वाला पैटर्न बनाता है.” इस विस्फोट को सबसे पहले पालोमर वेधशाला में कैलटेक के नेतृत्व वाली ZTF (ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी) ने देखा था. सुविधा हर 60 से 90 दिनों में इस घटना को देखती रही और फिर नासा के स्विफ्ट टेलीस्कोप ने इसे फिर से देखा.
यह सिस्टम से प्रकाश में एक आगे पीछे होने वाला पैटर्न बनाता है.” इस विस्फोट को सबसे पहले पालोमर वेधशाला में कैलटेक के नेतृत्व वाली ZTF (ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी) ने देखा था. सुविधा हर 60 से 90 दिनों में इस घटना को देखती रही और फिर नासा के स्विफ्ट टेलीस्कोप ने इसे फिर से देखा.
पहले समझा जा रहा था सुपरनोवा
सह-लेखक एलेजांद्रा मुनोज़-अरांसिबिया, जो मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ़ एस्ट्रोफिज़िक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ़ चिली में गणितीय मॉडलिंग केंद्र में भी हैं, ने कहा, “हालांकि इस भड़कने को मूल रूप से सुपरनोवा माना गया था, लेकिन 2022 में होने वाले विस्फोटों ने हमें अन्य व्याख्याओं के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया. बाद की हर घटना ने हमें, सिस्टम में क्या चल रहा है, इसके बारे में अपने मॉडल को बेहतर बनाने में मदद की है.”
सह-लेखक एलेजांद्रा मुनोज़-अरांसिबिया, जो मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ़ एस्ट्रोफिज़िक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ़ चिली में गणितीय मॉडलिंग केंद्र में भी हैं, ने कहा, “हालांकि इस भड़कने को मूल रूप से सुपरनोवा माना गया था, लेकिन 2022 में होने वाले विस्फोटों ने हमें अन्य व्याख्याओं के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया. बाद की हर घटना ने हमें, सिस्टम में क्या चल रहा है, इसके बारे में अपने मॉडल को बेहतर बनाने में मदद की है.”
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खारिज की बाकी संभावनाएं
टीम ने कई संभावनाओं पर विचार किया. यह एक सक्रिय केंद्र में एक सामान्य व्यवहार हो सकता है. वैकल्पिक रूप से, यह एक तारा हो सकता है जो सुपरमैसिव ब्लैक होल के बहुत करीब आ रहा हो, अलग हो रहा हो, और धीरे-धीरे भस्म हो रहा हो. लेकिन गैस के बादल में लिपटे सुपरमैसिव ब्लैक होल की जोड़ी, एक-दूसरे की परिक्रमा करते हुए दावत उड़ा रही हो, सबसे सही लगती है.
टीम ने कई संभावनाओं पर विचार किया. यह एक सक्रिय केंद्र में एक सामान्य व्यवहार हो सकता है. वैकल्पिक रूप से, यह एक तारा हो सकता है जो सुपरमैसिव ब्लैक होल के बहुत करीब आ रहा हो, अलग हो रहा हो, और धीरे-धीरे भस्म हो रहा हो. लेकिन गैस के बादल में लिपटे सुपरमैसिव ब्लैक होल की जोड़ी, एक-दूसरे की परिक्रमा करते हुए दावत उड़ा रही हो, सबसे सही लगती है.
टीम इस घटना की निगरानी जारी रखने की योजना बना रही है ताकि बेहतर तरीके से मॉडल बनाया जा सके कि क्या चल रहा है, साथ ही मेजबान गैलेक्सी का अध्ययन भी किया जा रहा है जो विलय से गुजर रही है. गैलेक्सी पृथ्वी से 1 अरब प्रकाश वर्ष दूर है. यह शोधपत्र एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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Vikas Sharma
As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training...और पढ़ें
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