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अब सुलझेगा ब्रह्मांड का रहस्य, NASA ने चल दिया अपना 'ब्रह्मास्त्र', अंतरिक्ष का हर सीक्रेट दिखाएगा यह

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Science News: नासा ने स्फेयरएक्स ऑब्जर्वेटरी लॉन्च की, जो पूरे आकाश का नक्शा बनाएगी और आकाशगंगाओं की कॉस्मिक चमक का अध्ययन करेगी. यह मिशन ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों और आकाशगंगाओं के विकास को समझने में मदद करेगा.

अब सुलझेगा ब्रह्मांड का रहस्य, NASA ने चल दिया अपना 'ब्रह्मास्त्र', जानिएनासा ने लॉन्च किया स्फेयरएक्स टेलीस्कोप, करेगा पूरे आकाश की मैपिंग
Science News: वेंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस (यूएस): नासा अंतरिक्ष में एक और कारनामा करने को बेताब है. अब आसमान की पूरी तरह से मैपिंग हो सकेगी. लाखों गैलेक्सी यानी आकाशगंगाओं पर नजर रखी जा सकती है. इसके लिए नासा ने अपने ब्रह्मास्त्र को अंतरिक्ष की सैर पर भेज दिया है. जी हां, नासा का सबसे नया स्पेस टेलीस्कोप मंगलवार को कक्षा की ओर रवाना हुआ. इसे इसलिए बनाया गया है ताकि यह पूरे आकाश का नक्शा ऐसा बना सके, जैसा पहले कभी नहीं बना. यह सैकड़ों-करोड़ों गैलेक्सीज यानी आकाशगंगाओं और समय की शुरुआत से लेकर अब तक उनकी कॉस्मिक चमक पर एक व्यापक नजर डालेगा.

स्पेसएक्स ने कैलिफोर्निया से स्फेयरएक्स ऑब्जर्वेटरी यानी वेधशाला लॉन्च की. यह पृथ्वी के ध्रुवों के ऊपर से उड़ान भरेगा. इसके साथ ही सूरज का अध्ययन करने के लिए सूटकेस के आकार के चार उपग्रह भी भेजे गए हैं. 48.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्फेयरएक्स मिशन का उद्देश्य यह समझाना है कि अरबों सालों में आकाशगंगाएं कैसे बनीं और कैसे विकसित हुईं और ब्रह्मांड का विस्तार अपने पहले क्षणों में इतनी तेजी से कैसे हुआ. हमारी अपनी मिल्की वे आकाशगंगा में स्फेयरएक्स ऑब्जर्वेटरी तारों के बीच बर्फ के बादलों में पानी और जीवन की अन्य सामग्रियों की तलाश करेगा, जहां नए सौर मंडल उभरते हैं.
क्या है यह स्फेयरएक्स
शंकु के आकार का स्फेयरएक्स का वजन 1,110 पाउंड यानी 500 किलोग्राम है. यह एक भव्य पियानो के वजन के बराबर है. यह अपनी इन्फ्रारेड आंखों और देखने के व्यापक क्षेत्र के साथ पूरे आकाश का नक्शा बनाने में छह महीने का समय लेगा. दो वर्षों में पूरे आकाश के चार सर्वेक्षणों की योजना है, क्योंकि टेलीस्कोप 400 मील (650 किलोमीटर) ऊपर ध्रुव से ध्रुव तक दुनिया भर में चक्कर लगाएगा. स्फेयरएक्स, नासा के बड़े और अधिक विस्तृत हबल और वेब स्पेस टेलीस्कोप की तरह आकाशगंगाओं को बारीकी से नहीं देख पाएगा, क्योंकि उनमें देखने का क्षेत्र संकरा है. गैलेक्सियों की गिनती करने या उन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय स्फेयरएक्स उन सभी से निकलने वाली कुल चमक का निरीक्षण करेगा, जिसमें ब्रह्मांड बनाने वाले बिग बैंग के मद्देनजर बनने वाले शुरुआती आकाशगंगाएं भी शामिल हैं.

क्या होगा इससे
कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इस मिशन के मुख्य वैज्ञानिक जेमी बॉक ने कहा, ‘यह ब्रह्मांड संबंधी चमक ब्रह्मांडीय इतिहास में उत्सर्जित सभी प्रकाश को पकड़ती है.’ उन्होंने कहा, ‘यह ब्रह्मांड को देखने का एक बहुत ही अलग तरीका है.’इससे वैज्ञानिकों को यह देखने में मदद मिलेगी कि अतीत में प्रकाश के किन स्रोतों को नजरअंदाज किया गया होगा. बॉक ने कहा कि कलेक्टिव ग्लो यानी चमक से वैज्ञानिक शुरुआती आकाशगंगाओं से प्रकाश निकालने और यह जानने की उम्मीद करते हैं कि वे कैसे बनीं.
ब्रह्मांड की शुरुआत का चलेगा पता
उन्होंने कहा कि हम बिग बैंग को तो नहीं देख पाएंगे. लेकिन हम इसके बाद के नतीजों को देखेंगे और इस तरह से ब्रह्मांड की शुरुआत के बारे में जानेंगे. इस टेलिस्कोप के इन्फ्रारेड डिटेक्टर 102 ऐसे रंगों को पहचान पाएंगे जो इंसानी आंखों से नहीं दिखते. इस तरह से ब्रह्मांड का अब तक का सबसे रंगीन और व्यापक नक्शा तैयार होगा. नासा के जेट प्रापल्शन लेबोरेटरी की डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर बेथ फैबिंस्की ने कहा, यह ‘इंद्रधनुषी चश्मे से ब्रह्मांड को देखने’ जैसा है.”

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Shankar Pandit
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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