Science News: ब्रह्मांड में मची भगदड़! 1000 तारे एक साथ क्यों भागे? वैज्ञानिकों के पास भी कोई जवाब नहीं
Written by:
Agency:News18Hindi
Last Updated:
Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में एक रहस्यमय घटना देखी है. 1,000 से अधिक तारे अपने जन्म की जगह से बेहद तेजी से दूर भाग रहे हैं. नॉर्मली ऐसा होने में करोड़ों साल लगते हैं, लेकिन यह ग्रुप रिकॉर्ड टाइम में बिखर रहा है.

नई दिल्ली: आमतौर पर जब किसी गैस बादल से एक साथ हजारों सितारे जन्म लेते हैं, तो वे करोड़ों सालों तक एक समूह में बंधे रहते हैं. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तारा समूह खोजा है जो महज 2 करोड़ साल पुराना है और इसके तारे पहले ही अपनी-अपनी राहों पर निकल चुके हैं. इस अभूतपूर्व घटना ने खगोल वैज्ञानिकों को हैरानी में डाल दिया है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के Gaia मिशन से मिले आंकड़ों के आधार पर, अमेरिका की वेस्टर्न वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के खगोलविद डिलन हसन और उनकी टीम ने इस अनोखे क्लस्टर की खोज की है. इसे ओफ़िचस (Ophiuchus) नक्षत्र के नाम पर ‘ओफियन’ (Ophion) नाम दिया गया है. यह क्लस्टर पृथ्वी से करीब 650 प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है.
क्या है ओफियन की खासियत?
ओफियन में करीब 1000 युवा तारे हैं, लेकिन Gaia के डेटा से पता चला कि ये सभी तारे इतनी तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं कि जल्द ही यह पूरा समूह टूट जाएगा. जबकि आम तौर पर ऐसे तारा समूहों को बिखरने में सैकड़ों करोड़ साल लग जाते हैं. उदाहरण के लिए, प्लेयाडीज क्लस्टर (Messier 45) की उम्र 10 करोड़ साल है और बीहाइव क्लस्टर (Messier 44) लगभग 60 करोड़ साल पुराना है और दोनों अब भी अपेक्षाकृत एकजुट हैं.
Gaia मिशन से मिले आंकड़ों से पता चला कि ओफियन के सितारों की गति में असमानता यानी velocity dispersion लगभग 20 किलोमीटर प्रति सेकंड है. इसका मतलब यह है कि क्लस्टर के सबसे तेज और सबसे धीमे सितारों की गति में 20 किमी/सेकंड का अंतर है जो कि एक बेहद असामान्य और अस्थिर स्थिति है. इतनी तेज गति के कारण, ओफियन के तारे आपस में गुरुत्वीय बल से बंधे नहीं रह पाएंगे और बहुत जल्दी अलग हो जाएंगे.
क्या वजह है इस तेजी की?
वैज्ञानिकों को इसका साफ जवाब नहीं मिला है. लेकिन Gaia डेटा की बारीकी से जांच करने पर उन्हें कुछ ‘सुपरबबल्स’ यानी विशाल गैस-मुक्त क्षेत्र मिले, जो शायद पास में हुए सुपरनोवा धमाकों के कारण बने हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जब ओफियन में सितारों का जन्म हो रहा था, तब ये धमाके बची-खुची गैस को भी उड़ा ले गए होंगे. इस गैस के जाने से क्लस्टर का कुल द्रव्यमान कम हो गया और इसका गुरुत्वीय बल कमजोर पड़ गया, जिससे सितारे अपने रास्तों पर निकलने लगे. इसके अलावा, पास के अन्य तारा समूहों की गुरुत्वीय खींचतान भी ओफियन के सितारों को अतिरिक्त वेग दे सकती है.
खोज का तरीका भी था अनोखा
ओफियन की खोज पारंपरिक तरीकों से संभव नहीं थी. डिलन हसन और मरीना काउनकेल की टीम ने एक नए AI बेस्ड मॉडल Gaia Net का इस्तेमाल किया. यह लाखों तारों के स्पेक्ट्रा को एक साथ एनालाइज कर सकता है. इसी दौरान ओफियन उनके डेटा में सामने आया.
एक नई समझ की शुरुआत
वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है ऐसे और भी युवा तारा समूह हों जो अब तक हमारी नजरों से छिपे रहे हों. पहले के तरीकों से केवल ऐसे क्लस्टर मिलते थे जिनके तारे समान दिशा में चलते थे. ओफियन जैसे समूह, जिनके तारे बेतरतीब ढंग से फैलते हैं, इनसे बच निकलते थे.
About the Author
Deepak Verma
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He... और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें