Cupping Therapy: कपिंग थेरेपी दिलाएगी दर्द से छुटकारा, वो भी फ्री में..जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया
Agency:News18 Uttar Pradesh
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Cupping therapy in Ghaziabad: गाजियाबाद के यूनानी अस्पताल में अब कपिंग थेरेपी से इलाज शुरू किया जाएगा. कपिंग थेरेपी की मदद से माइग्रेन, साइटिका और जोड़ों के दर्द के मरीजों को राहत मिलेगी. चिकित्सकों का कहना है कि, ये थेरेपी अलग और अनूठी किस्म की है, जो इन बीमारियों के उपचार में बेहद कारगर साबित होती है.
रिपोर्ट- विशाल झा
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के राष्ट्रीय यूनानी अस्पताल में वैसे तो ओपीडी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, लेकिन अब इस अस्पताल में आ रहे मरीजों को एक नई सौगात मिलने जा रही है. दरअसल अस्पताल में अब कपिंग थेरेपी (Cupping Therapy) के माध्यम से भी इलाज किया जाएगा. इस थेरेपी के द्वारा माइग्रेन, साइटिका और जोड़ों के दर्द के मरीजों को इलाज मिलेगा. इसे हिजामा थेरेपी (Hijama Therapy) भी कहा जाता है.
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के राष्ट्रीय यूनानी अस्पताल में वैसे तो ओपीडी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, लेकिन अब इस अस्पताल में आ रहे मरीजों को एक नई सौगात मिलने जा रही है. दरअसल अस्पताल में अब कपिंग थेरेपी (Cupping Therapy) के माध्यम से भी इलाज किया जाएगा. इस थेरेपी के द्वारा माइग्रेन, साइटिका और जोड़ों के दर्द के मरीजों को इलाज मिलेगा. इसे हिजामा थेरेपी (Hijama Therapy) भी कहा जाता है.
आपको बता दें कि, 381 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह अस्पताल गाजियाबाद के लोगों को यूनानी की दवाओं से उपचार दे रहा है. ओपीडी में मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में कपिंग थेरेपी से मरीजों का अन्य जगहों पर भटकने की बजाय यहीं पर आसानी से उपचार मिलेगा. इस थेरेपी में मरीज की त्वचा पर वैक्यूम पैदा किया जाता है. जिसके बाद महज पांच मिनट के भीतर ही इस कप में वे रसायन भी बहार आ जाते हैं जिनकी वजह से बीमारी होती है.
क्या होती है कपिंग थेरेपी?
कपिंग थेरेपी को यूनानी भाषा में हिजामा चिकित्सा कहा जाता है. इसमें त्वचा पर वैक्यूम कप लगाया जाता है. ये वैक्यूम त्वचा को अंदर की ओर खींचता है. इस चिकित्सा पद्धति से शरीर के उसी हिस्से पर काम किया जाता है, जहां पर कोई दर्द या समस्या हो. आपको बताते चलें कि, कपिंग थेरेपी मरीजों को दो तरीकों से दी जाती है, एक ड्राई तो दूसरी वेट के तरीके से होती है. कपिंग थेरेपी के अलावा यूनानी चिकित्सा केंद्र में औषधीय मालिश भी शुरू की जाएगी. इसके अलावा वहां आने वाले मरीजों को स्टीम बाथ, हिप बाथ, सोना बाथ आदि की सुविधाएं भी मिलेंगी.
कपिंग थेरेपी को यूनानी भाषा में हिजामा चिकित्सा कहा जाता है. इसमें त्वचा पर वैक्यूम कप लगाया जाता है. ये वैक्यूम त्वचा को अंदर की ओर खींचता है. इस चिकित्सा पद्धति से शरीर के उसी हिस्से पर काम किया जाता है, जहां पर कोई दर्द या समस्या हो. आपको बताते चलें कि, कपिंग थेरेपी मरीजों को दो तरीकों से दी जाती है, एक ड्राई तो दूसरी वेट के तरीके से होती है. कपिंग थेरेपी के अलावा यूनानी चिकित्सा केंद्र में औषधीय मालिश भी शुरू की जाएगी. इसके अलावा वहां आने वाले मरीजों को स्टीम बाथ, हिप बाथ, सोना बाथ आदि की सुविधाएं भी मिलेंगी.
News 18 Local से बात करते हुए डॉक्टर जुल्किफी (ओएसडी यूनानी केंद्र ) ने बताया कि, कपिंग थेरेपी गाजियाबाद की जनता के लिए बिल्कुल नई है. अब तक दर्द के लिए गाजियाबाद की जनता को एलोपैथिक दवाइयों की ओर भागना पड़ता था. लेकिन अब कपिंग थेरेपी की मदद से उन्हें कुछ ही मिनटों में दर्द से राहत मिलेगी. ये थेरेपी पूरी तरीके से निशुल्क है. लेकिन मरीज को यह कप बाहर से खरीद कर लाने होंगे.
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