50 के बाद की उम्र में बढ़ने लगे हैं HIV मरीज, लेंसेट की रिपोर्ट से सनसनी, पर बचने के कई तरीके
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Prevalence of HIV in Older: लेसेंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 साल की आयु के बाद वाले लोगों में एचआईवी का खतरा बढ़ने लगा है. ऐसे में इससे बचने के क्या उपाय है.

Prevalence of HIV in Older: आमतौर पर एचआईवी बीमारी को यौन जनित बीमारी से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इसे बहुत खराब नजरों से देखा जाता है. इसलिए लोग सोचते हैं कि यह बीमारी तो सिर्फ यंग एज में ही हो सकता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. एचआईवी किसी नीडील, सूई, गलत खून चढ़ाने से भी हो सकता है. इसलिए यह किसी को भी हो सकता है. लेकिन हालिया लेंसेट की एक रिपोर्ट ने हेल्थ एक्सपर्ट की चिंता बढ़ा दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ सालों से 50 साल की उम्र के बाद वाले लोगों में एचआईवी के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
कई कारण जिम्मेदार
लेसेंट हेल्दी लोंगिविटी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी ऑफ साइड अफ्रीका के प्रमुख शोधकर्ता ने बताया कि बुजुर्गों में HIV का प्रसार अब युवाओं से भी अधिक होने लगा है. हालांकि उन्हें इस बीमारी से आसानी से बचाया जा सकता है लेकिन मुश्किल यह है बुजुर्गों में इसकी रोकथाम और उपचार सरकारों के पास कोई खास योजना नहीं है. वरना उन्हें एचआईवी से आसानी से बचाया जा सकता है. इससे बचना बहुत आसान है. सिडनी ब्रेनर इंस्टीट्यूट फॉर मॉलिक्यूलर बायोसाइंस के शोधकर्ता डॉ. लूइसर ओलुबायो ने कहा कि हम अक्सर HIV को एक युवा लोगों की बीमारी मानते हैं. इसलिए अधिकांश हस्तक्षेप अभियान युवाओं को ही केंद्र में रखकर चलाए जाते हैं. दूसरी ओर अध्ययन में यह भी पाया गया कि बुजुर्गों को ऐसा लगता है कि उन्हें अब यह बीमारी नहीं होगी. ऐसी भ्रांति समाज में व्यापक रूप से फैली हुई है.
लेसेंट हेल्दी लोंगिविटी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी ऑफ साइड अफ्रीका के प्रमुख शोधकर्ता ने बताया कि बुजुर्गों में HIV का प्रसार अब युवाओं से भी अधिक होने लगा है. हालांकि उन्हें इस बीमारी से आसानी से बचाया जा सकता है लेकिन मुश्किल यह है बुजुर्गों में इसकी रोकथाम और उपचार सरकारों के पास कोई खास योजना नहीं है. वरना उन्हें एचआईवी से आसानी से बचाया जा सकता है. इससे बचना बहुत आसान है. सिडनी ब्रेनर इंस्टीट्यूट फॉर मॉलिक्यूलर बायोसाइंस के शोधकर्ता डॉ. लूइसर ओलुबायो ने कहा कि हम अक्सर HIV को एक युवा लोगों की बीमारी मानते हैं. इसलिए अधिकांश हस्तक्षेप अभियान युवाओं को ही केंद्र में रखकर चलाए जाते हैं. दूसरी ओर अध्ययन में यह भी पाया गया कि बुजुर्गों को ऐसा लगता है कि उन्हें अब यह बीमारी नहीं होगी. ऐसी भ्रांति समाज में व्यापक रूप से फैली हुई है.
बुजुर्गों में एचआईवी कैसे रोका जाए
बुजुर्गों में एचआईवी रोकने के कई उपाय है. एक तो यह समझना चाहिए कि एचआईवी का पूरी तरह इलाज है. इसलिए इससे घबराना नहीं चाहिए. लेकिन चिंता की बात यह है कि बुजुर्गों में HIV टेस्ट कराने की प्रवृत्ति बहुत कम है, जिससे देर से निदान होता है और इलाज की पहुंच सीमित हो जाती है. इसलिए साल में एक बार एचआईवी टेस्ट जरूर कराना चाहिए. यह सौ रुपये से भी कम पैसे में हो जाता है. इसके साथ ही बुजुर्गों में जागरुकता की बहुत अधिक जरूरत है. सरकार की ओर से ऐसा अभियान चलाया जाना चाहिए जिसमें उन्हें टेस्ट कराने को प्रेरित किया जा सके. साथ ही इस उम्र में भी सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहिए. वहीं किसी तरह का इंजेक्शन लगवाने से पहले उसके सुरक्षित होना सुरक्षित कर लें. ज्यादा पसीना आने, जीभ में छाले पड़ने, बार-बार बुखार आने, थकान, कमजोरी, अचानक वजन कम होने, स्किन पर रैशेज निकलने जैसे लक्षण अगर दिखें तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं.
बुजुर्गों में एचआईवी रोकने के कई उपाय है. एक तो यह समझना चाहिए कि एचआईवी का पूरी तरह इलाज है. इसलिए इससे घबराना नहीं चाहिए. लेकिन चिंता की बात यह है कि बुजुर्गों में HIV टेस्ट कराने की प्रवृत्ति बहुत कम है, जिससे देर से निदान होता है और इलाज की पहुंच सीमित हो जाती है. इसलिए साल में एक बार एचआईवी टेस्ट जरूर कराना चाहिए. यह सौ रुपये से भी कम पैसे में हो जाता है. इसके साथ ही बुजुर्गों में जागरुकता की बहुत अधिक जरूरत है. सरकार की ओर से ऐसा अभियान चलाया जाना चाहिए जिसमें उन्हें टेस्ट कराने को प्रेरित किया जा सके. साथ ही इस उम्र में भी सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहिए. वहीं किसी तरह का इंजेक्शन लगवाने से पहले उसके सुरक्षित होना सुरक्षित कर लें. ज्यादा पसीना आने, जीभ में छाले पड़ने, बार-बार बुखार आने, थकान, कमजोरी, अचानक वजन कम होने, स्किन पर रैशेज निकलने जैसे लक्षण अगर दिखें तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं.
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LAKSHMI NARAYAN
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i...और पढ़ें
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