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ठंड में क्यों होती है इतनी ड्राइनेस की समस्या? आंखों में इतनी दिक्कतों का क्या है कारण, जानिए इससे बचने के उपाय

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Tip to Prevent Eye Dryness in Winter: सर्दियों में आंखों में ड्राईनेस की समस्या अक्सर बढ़ जाती है. अधिकांश लोगों की आंखों से पानी टपकता रहता है. इसका क्या कारण है और इससे बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए, इसके बारे में जानिए.

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ठंड में क्यों होती है इतनी ड्राइनेस की समस्या? जानिए इससे बचने के उपायविंटर में आंखों की दिक्कत.
Tip to Prevent Eye Dryness in Winter: सर्दी आते ही शरीर में कई तरह की परेशानियां बढ़ जाती है. इनमें से आंखों में ड्राइनेस भी प्रमुख है. आपने गौर किया होगा कि इस मौसम में अक्सर आंखों से पानी टपकता रहता है. इसके कई कारण होते हैं. अगर इसका सही से उपचार नहीं किया जाए तो इससे आंखों की रोशनी जा भी सकती है. ड्राई आंखों के लिए प्रमुख कारण पर्यावरणीय तत्व हैं. आजकल एयर कंडीशनिंग पर अधिक निर्भरता, प्रदूषण और धुंध का सामना करना, शहरी निर्माण कार्य, हवाई यात्रा में वृद्धि और इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग बढ़ने से यह समस्या बढ़ रही है.

सर्दियों में ड्राई आखों के कारण
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ठंडे तापमान के कारण हवा में धुंध और सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ जाती है. इसके साथ ही आर्द्रता में कमी और तेज ठंडी हवाओं के संपर्क में आने से आंखों में सूखापन और जलन बढ़ जाती है. जिन लोगों को पहले से समस्या है, उनमें ड्राई आंखों की इस महीने ज्यादा समस्या हो जाती है. वहीं सर्दी में एलर्जी या फ्लू के लिए एंटी-हिस्टामाइन दवाओं का सेवन भी आंखों में ड्राइनेस को बढ़ा सकता है.जब ड्राई आंखें होती है तब आंखों में लालिमा, पानी का टपकना,आंखों में चुभन या चटकने जैसा महसूस होना, आंखों में रेत के कणों जैसा एहसास होना, दृष्टि का धुंधला होना या आंखों में भारीपन और थकान जैसे लक्षण दिखने लगती है. यदि किसी व्यक्ति ने आंखों की सर्जरी करवाई है या कॉन्टेक्ट लेंस या ग्लूकोमा में दवा ले रहा है तो ऐसे व्यक्ति को ड्राई आई के लक्षण और ज्यादा उभर कर दिखते हैं.

ड्राई आई से कैसे पाए छुटकारा
अगर आपको पहले से आंखों की बीमारी है तो सबसे पहले रेगुलर ड्रॉप्स का इस्तेाल करते रहें. डॉक्टर से अवश्य सलाह लें. आंखों में लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स ले सकते हैं. कभी-कभी, गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी आई ड्रॉप्स या सॉफ़्ट-स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स की आवश्यकता हो सकती है, विशेष रूप से गंभीर मामलों में. लेकिन कभी भी बिना डॉक्टरों की सलाह दवा नहीं लेनी चाहिए. समय-समय पर आंखों को साफ पानी से धोते रहे. घरों में एयर प्यूरीफायर और रूम ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें. बाहरी प्रदूषण और एलर्जी से बचने के लिए सुरक्षात्मक चश्मे का इस्तेमाल करें. हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं. स्क्रीन पर समय कम करने की कोशिश करें. कंप्यूटर विजन सिंड्रोम को रोकने के लिए आंखों की एक्सरसाइज करें. इसमें जल्दी-जल्दी जानबूझकर पलको को झपकाएं. हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर देखें. काम से ब्रेक लेने पर आंखों में आर्टिफिशियल टियर्स डालें या पानी स्प्लैश करें. जब आंखों में ज्यादा जलन या चुभन हो तो तोलिए को भाप में रखकर इसे गर्म करें और इसे आंखों पर रख दें. यह तुरंत दर्द से आराम देगा. ओमेगा-3 फैटी एसि वाले फूड जैसे कि अलसी के बीज या तेल या मछली के तेल आदि का सेवन करें.
क्या ड्राई आई से रोशनी चली जाती है
ड्राई आई के कारण लोगों में रोशनी जा सकती है लेकिन यह बहुत रेयर मामलों में होता है. आमतौर पर ऐसा नहीं होता. इससे कोई दीर्घकालिक नुकसान नहीं होता. अगर बहुत सालों तक लगातार ड्राई आई है तो इससे कुछ नुकसान हो सकते हैं. रेयर मामलों में कॉर्निया पर खरोंच या अल्सर हो सकते हैं लेकिन यह भी धीरे-धीरे ठीक हो सकता है. ऐसे मामलों में डॉक्टरों से अवश्य संपर्क करना चाहिए.
क्या करें और क्या न करें
आंखों में कभी भी अपने मन से चीजों को न डालें. गुलाब जल या किसी भी तरह के बाम का इस्तेमाल आंखों में न करें. इसका अब तक कोई परीक्षण नहीं है. इससे आंखें खराब हो सकती है. आंखों में कोई भी दवा भी बिना डॉक्टरों की सलाह के न लें. कुछ उत्पादों में प्राकृतिक स्टेरॉयड हो सकते हैं जो तात्कालिक राहत प्रदान कर सकते हैं लेकिन दीर्घकालिक रूप से ये ग्लूकोमा या मोतियाबिंद जैसी दृष्टि से संबंधित जटिलताओं का कारण बन सकते हैं. इसलिए इन चीजों का इस्तेमाल न करें.

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LAKSHMI NARAYAN
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i...और पढ़ें
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