औरंगाबाद में यहां मिलते हैं लाजवाब पकौड़े, मात्र 4 घंटे में हो जाते हैं खत्म, खाने वालों की लगी रहती है कतार
Last Updated:
Aurangabad Food: औरंगाबाद जिला अपने खाना पान में भी काफी फेमस है, यहां स्वाद से भरपूर कई व्यंजन मिलते हैं जिसे बिना खाएं हुए आप नहीं रह सकते हैं. यहां शंकर चौरसिया के द्वारा पकौड़ी बनाई जाती है जिसके खाने के लिए लाइन लगी रहती है.
औरंगाबाद. औरंगाबाद जिले में स्वाद से भरपूर कई व्यंजन हैं जिसे बिना खाएं हुए आप नहीं रह सकते हैं. बता दें औरंगाबाद जिले के मुख्य शहर में स्थित शंकर चौरसिया के द्वारा पिछले 5 वर्षों से पकौड़ी की दुकान चलाई जा रही है, जिसे खाने के लिए रोजाना 100 से अधिक ग्राहकों की भीड़ होती है. बता दें कि सिर्फ 4 घंटे में यहां 5 हजार रुपए से अधिक की बिक्री हो जाती है.
दुकानदार शंकर चौरसिया ने बताया कि उन्होंने कई तरह के व्यवसाय में खुद को आजमाया लेकिन सफल नहीं हो सके. दुकानदार ने बताया कि साल 2004 में उन्होंने सबसे पहले किराना दुकान का व्यवसाय शुरू किया लेकिन उसमें प्रॉफिट से ज्यादा उन्हें उधार झेलना पड़ा जिसमें उन्हें घाटा होने लगा. उसके बाद उन्होंने मिठाई दुकान की शुरुआत की.
कोविड में शुरू की पकौड़ी की दुकान
दुकानदार शंकर चौरसिया ने बताया कि उनके द्वारा मिठाई के कई किस्म जिसमें रसगुल्ला, काला जामुन, कलाकंद सहित समोसा और लिट्टी बेचा जाता था. 3 साल तक दुकान ठीक से चली उसके बाद पारिवारिक परेशानियों के कारण उसे बंद करना पड़ा. शंकर ने बताया कि उस दौरान उनकी पत्नी की तबीयत खराब रहने लगी थी उसके बाद साल 2016 में दिल्ली नोएडा में उन्होंने एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करना शुरू किया. लेकिन कोविड के आते ही उन्हें एक बार फिर घर आना पड़ा. शंकर चौरसिया बताते हैं कि कई तरह के उतार चढ़ाव आने के कारण घर पर बैठने लगा.
दुकानदार शंकर चौरसिया ने बताया कि उनके द्वारा मिठाई के कई किस्म जिसमें रसगुल्ला, काला जामुन, कलाकंद सहित समोसा और लिट्टी बेचा जाता था. 3 साल तक दुकान ठीक से चली उसके बाद पारिवारिक परेशानियों के कारण उसे बंद करना पड़ा. शंकर ने बताया कि उस दौरान उनकी पत्नी की तबीयत खराब रहने लगी थी उसके बाद साल 2016 में दिल्ली नोएडा में उन्होंने एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करना शुरू किया. लेकिन कोविड के आते ही उन्हें एक बार फिर घर आना पड़ा. शंकर चौरसिया बताते हैं कि कई तरह के उतार चढ़ाव आने के कारण घर पर बैठने लगा.
सिर्फ 4 घंटे की करते हैं दुकानदारी
इस दौरान उनकी पत्नी माला देवी ने उन्हें फिर से दुकान खोलने का सुझाव दिया. जिसके बाद उन्होंने कम पैसे खर्च करके ठेला लिया और शहर के मुख्य बाजार में पकौड़ी बनाना शुरू किया. उन्होंने बताया कि आलू चॉप, भभरा, कचरी सहित ब्रेड पकौड़ा बेचना शुरू किया. देखते-देखते लोगों की लाइन लगना शुरू हो गई. शंकर चौरसिया बताते हैं कि दिन भर उनके द्वारा सामान तैयार किया जाता है और शाम के 4 से 8 बजे तक वो बेचते हैं जिससे उन्हें रोजाना 5 हजार रुपए की कमाई होती है.
इस दौरान उनकी पत्नी माला देवी ने उन्हें फिर से दुकान खोलने का सुझाव दिया. जिसके बाद उन्होंने कम पैसे खर्च करके ठेला लिया और शहर के मुख्य बाजार में पकौड़ी बनाना शुरू किया. उन्होंने बताया कि आलू चॉप, भभरा, कचरी सहित ब्रेड पकौड़ा बेचना शुरू किया. देखते-देखते लोगों की लाइन लगना शुरू हो गई. शंकर चौरसिया बताते हैं कि दिन भर उनके द्वारा सामान तैयार किया जाता है और शाम के 4 से 8 बजे तक वो बेचते हैं जिससे उन्हें रोजाना 5 हजार रुपए की कमाई होती है.
About the Author
Mohd Majid
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f...और पढ़ें
with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f... और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें