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Mini Goa बना हिमाचल का तत्तापानी, वॉटर स्पोर्ट एक्टिविटी के लिए देशभर से आ रहे टूरिस्ट

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Himachal Famous Water Sport: तत्तापानी, मंडी जिला, हिमाचल का मिनी गोवा बन चुका है, जहां झील और वाटर स्पोर्ट्स पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. तत्तापानी में गर्म जल स्त्रोत या कुड़ का उद्घाटन प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 22 सितम्बर, 1952 में किया था.

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Tattapani Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाने के राज्य सरकार के प्रयास अब रंग ला रहे हैं. झीलों और जलाशयों में स्टिल वाटर गतिविधियां शुरू होने से यहां साहसिक और रोमांचक पर्यटन को नई पहचान मिल रही है. इसी का नतीजा है कि मंडी जिले का तत्तापानी अब हिमाचल का मिनी गोवा बन चुका है.

राजधानी शिमला से मात्र 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तत्तापानी, जहां सतलुज नदी पर बनी झील अब पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गई है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, गर्म पानी के चश्मे और एडवेंचर स्पोर्ट्स इसे एक अलग ही पहचान दिला रहे हैं.

जलक्रीड़ा गतिविधियों का नया हब बना तत्तापानी
पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार की पर्यटन नीति के तहत कई वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू की गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
. जेट स्की
. स्पीड बोट
. बंपर बोट
. बनाना राइड
. ई-फॉयल
. वाटर स्की
. एटीवी बाइक
वर्तमान में 8 जेट स्की, 10 स्पीड बोट, 1 बंपर बोट, 1 बनाना राइड, 2 जेटोवेटर, 4 ई-फॉयल, 2 वाटर स्की और 2 एटीवी बाइक का संचालन किया जा रहा है. इन सभी गतिविधियों को प्रशिक्षित गाइड और पायलटों की देखरेख में चलाया जाता है, जिससे सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है.
पर्यटन के साथ रोजगार भी बढ़ा
तत्तापानी में जलक्रीड़ा गतिविधियों के शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं. करीब 200 से 250 लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हुए हैं. इनमें से 35 लोग प्रत्यक्ष रूप से वाटर स्पोर्ट्स संचालन में कार्यरत हैं, जबकि 200 से अधिक लोग होटल, रेस्तरां और अन्य पर्यटन व्यवसायों से लाभ कमा रहे हैं.
तत्तापानी का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
तत्तापानी केवल एडवेंचर स्पोर्ट्स का हब ही नहीं, बल्कि एक धार्मिक स्थल भी है. मान्यता है कि यहां ऋषि जमदग्नि ने वर्षों तक तपस्या की थी. यहां मौजूद गंधकयुक्त गर्म पानी के चश्मे प्राकृतिक रूप से लोगों की त्वचा और हड्डियों की बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं.
. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1952 में यहां गर्म पानी के कुंड का उद्घाटन किया था.
. 1938 में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर भी तत्तापानी का भ्रमण कर चुके हैं.
देशभर से आने लगे पर्यटक
अब तत्तापानी देशभर के पर्यटकों के लिए एक नई पसंदीदा जगह बन चुका है. खासतौर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लोग यहां घूमने आ रहे हैं. पहले जहां पर्यटक कुफरी, नालदेहरा, मशोबरा और नारकंडा तक ही सीमित रहते थे, अब वे तत्तापानी में एक दिन का अतिरिक्त स्टे कर रहे हैं.
हर दिन 500 से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे तत्तापानी
तत्तापानी वाटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव प्रेम रैना बताते हैं कि स्टिल वाटर गतिविधियों की वजह से यहां पर्यटन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.
. पर्यटन सीजन में हर दिन 400 से 500 पर्यटक तत्तापानी पहुंच रहे हैं.
.हर दिन 100 से अधिक गाड़ियां यहां आती हैं.
. पिछले एक साल में करीब 50 से 60 हजार पर्यटक तत्तापानी घूमने आ चुके हैं.
2015 में बना था तत्तापानी जलाशय
सतलुज नदी पर कोलडैम बनने के बाद 2015 में यहां जलाशय का निर्माण हुआ. सरकार ने वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए नियम बनाए और तत्तापानी ट्रैवल्स नाम से पहली एजेंसी का पंजीकरण किया गया. अब यहां नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट वाटर स्पोर्ट्स गोवा से प्रशिक्षित पायलट वाटर एक्टिविटी संचालित कर रहे हैं
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