हिंदी के प्रति जिम्मेदारी ही हिंदी को और सशक्त बना सकती है- स्वानंद किरकिरे
Agency:News18Hindi
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हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित संचालन समिति के परिचय सम्मेलन में हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध गीतकार, निर्देशक और कलाकार स्वानंद किरकिरे ने कहा कि हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं.

Hindi Akademi Delhi: हिंदी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध गीतकार स्वानंद किरकिरे (Swanand Kirkire) ने कहा कि अगर हम हिंदी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और उसका निर्वाह करें तो निश्चित ही हिंदी वैश्विक मंच पर भी शीर्ष पर होगी.
स्वानंद किरकिरे ने कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से हिंदी को हम वैश्विक मंच पर स्थापित नहीं कर सकते. इसके लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना होगा. युवाओं को इसमें आगे आकर अहम भूमिका निभानी होगी.
हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित संचालन समिति के परिचय सम्मेलन में हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध गीतकार, निर्देशक और कलाकार स्वानंद किरकिरे ने कहा कि हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं.
हिंदी आकदमी के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘हम अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, मगर अभिव्यक्ति के माध्यम की बात नहीं करते. अपनी भाशा में ही सहज अभिव्यक्ति हो सकती है. आज की नई पीढ़ी को हिन्दी-पुस्तकों और हिन्दी भाशा से जोड़ना अति आवश्यक है. तकनीक के माध्यम से हम यह कार्य अधिक सरलता से कर सकते हैं.’
हिंदी अकादमी के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट (Dr Jeet Ram Bhatt) ने कहा कि दिल्ली की हिंदी अकादमी ने कोरोना काल से पहले हिंदी से संबंधित रिकॉर्ड कार्यक्रम आयोजित किए. उन्होंने कहा कि समूची दिल्ली में अकादमी के 14 केंद्रों के माध्यम से हिंदी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार का कार्य किया जा रहा है.
डॉ. भट्ट ने कहा कि हिंदी अकादमी, दिल्ली हिंदी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है.
डॉ. जीतराम भट्ट ने कहा कि वर्तमान में नई पीढ़ी हिन्दी का अधिक प्रयोग कर रही है. विश्वस्तर पर हिन्दी के पाठकों और बोलने वालों की संख्या अधिक बढ़ी है. हमें हिन्दी के प्रसार के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए कि सामान्य जन उससे जुड़ने के लिए उत्सुक हो. इस सन्दर्भ में हिन्दी अकादमी पूरा प्रयास कर रही है.
हिंदी अकादमी के उप-सचिव ऋषि कुमार शर्मा (Rishi Kumar Sharma) ने हिंदी को अभ्यास में लाने के लिए हमें जब भी समय मिले व्याकरण का अध्ययन जरूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसे जैसा बोला जाता है उसी प्रकार लिखा जाता है.
ऋषि शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर हिंदी अकादमी वर्चुअल माध्यम से लगातार कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि संभवत: नवंबर माह से कार्यक्रम प्रत्यक्ष रूप से आयोजित किए जा सकते हैं.
इस अवसर पर हिंदी अकादमी, दिल्ली के संचालन समिति के सदस्य श्याम कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, सुशील कुमार, मृदुल अवस्थी, विकास गौड़, वाणी अग्रवाल, वीरेन्द्र यादव, डॉ. राजीव त्यागी, पिंकी तिवारी, डॉ. श्रेत्रपाल शर्मा, अजहर अली और अंकुर तिवारी ने भी हिंदी भाषा और साहित्य पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए.
इस अवसर पर अकादमी के लेखा अधिकारी जितेन्द्र प्रसाद, कार्यक्रम अधिकारी जगदीष चन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे.
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