BHOPAL : बिजली की फ्यूचर प्लानिंग पर MP में होगा काम, जानिए कैसे होगा आंकलन

MP NEWS :बिजली की ज़्यादा मांग होने पर सप्लाई एक चुनौती है
BHOPAL : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की मौजूदगी में ऊर्जा विभाग और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (टेरी) के बीच मंत्रालय में MOU साइन किया गया. इस पर प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे और डायरेक्टर टेरी ए.के. सक्सेना ने हस्ताक्षर किये.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: February 2, 2021, 7:19 PM IST
भोपाल.मध्यप्रदेश में बिजली के मैनेजमेंट के लिए फ्यूचर प्लानिंग की जाएगी. सरकार पहले से यह पता लगाएगी कि आखिरकार भविष्य में प्रदेश में कितनी बिजली की जरूरत होगी और उसकी खपत कितनी होगी. इसी सिलसिले में मंगलवार को ऊर्जा विभाग ने एक महत्वपूर्ण एमओयू (MOU) पर साइन किया. यह एमओयू एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट यानी टेरी और मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग के बीच किया गया है.
क्या है टेरी ?
टेरी यानी द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट एक नॉन-प्रॉफिट अनुसंधान संस्थान है जो इस दिशा में काम करती है.एमओयू के तहत टेरी बिना किसी फीस के मध्यप्रदेश की विद्युत मांग और उपलब्धता का आंकलन कर भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार करेगा. टेरी पारंपरिक और नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की उपलब्धता के अनुसार अलग अलग आयामों का विकास करेगा, जिससे सबसे कम लागत पर बिजली उपलब्ध करायी जा सके. टेरी अनिश्चित प्रकृति की नवकरणीय ऊर्जा को ग्रिड से जोड़ने के लिए योजना तैयार करेगी.
कैसे होगा काम ?
ऊर्जा विभाग के मुताबिक फिलहाल मध्य प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता एक्सिस है. फिर भी बिजली की ज़्यादा मांग होने पर सप्लाई एक चुनौती है. टेरी अपने अध्ययन में सबसे ज्यादा डिमांड की पूर्ति के लिए अलग अलग विकल्प खोजेगी.इससे भविष्य में विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी. ऊर्जा विभाग का दावा है कि इस रिसर्च के पूरा होने के बाद बिजली सस्ती करने में मदद मिलेगी और इससे उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. हालांकि यह देखना होगा कि क्या वाकई में इससे एमपी के लोगों को सस्ती बिजली की सौगात मिल सकेगी.
क्या है टेरी ?
टेरी यानी द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट एक नॉन-प्रॉफिट अनुसंधान संस्थान है जो इस दिशा में काम करती है.एमओयू के तहत टेरी बिना किसी फीस के मध्यप्रदेश की विद्युत मांग और उपलब्धता का आंकलन कर भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार करेगा. टेरी पारंपरिक और नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की उपलब्धता के अनुसार अलग अलग आयामों का विकास करेगा, जिससे सबसे कम लागत पर बिजली उपलब्ध करायी जा सके. टेरी अनिश्चित प्रकृति की नवकरणीय ऊर्जा को ग्रिड से जोड़ने के लिए योजना तैयार करेगी.
ऊर्जा विभाग के मुताबिक फिलहाल मध्य प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता एक्सिस है. फिर भी बिजली की ज़्यादा मांग होने पर सप्लाई एक चुनौती है. टेरी अपने अध्ययन में सबसे ज्यादा डिमांड की पूर्ति के लिए अलग अलग विकल्प खोजेगी.इससे भविष्य में विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी. ऊर्जा विभाग का दावा है कि इस रिसर्च के पूरा होने के बाद बिजली सस्ती करने में मदद मिलेगी और इससे उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. हालांकि यह देखना होगा कि क्या वाकई में इससे एमपी के लोगों को सस्ती बिजली की सौगात मिल सकेगी.