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Bhopal News: मध्यप्रदेश ट्राईबल म्युजियम की टाइमिंग मे बड़ा बदलाव, घूमने आने वाले हैं जनजातीय संग्रहालय तो जान लीजिए नया समय

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Bhopal News: भोपाल के श्यामल हिल्स में स्थित मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय इतिहास में रुचि रखने वाले एमपी वासियों की पसंदीदा जगह है पर अगर आप भी यहां घूमने आने वाले हैं जान लीजिए की संग्रहालय के खुलने के समय में अब बड़ा बदलाव हुआ है.

मध्यप्रदेश ट्राईबल म्युजियम की टाइमिंग मे बड़ा बदलावअब मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय रात में जल्दी बंद होगा.
भोपाल. मध्यप्रदेश में अलग-अलग जनजातीय समूहों के इतिहास और जीवन, कला, परंपरा को अगर आप जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो राजधानी के श्यामला हिल्स में स्थित मध्यप्रदेश ट्राईबल और आर्ट म्युजियम आपका ही इंतजार कर रहा है.

इस ट्राईबल म्युजियम में जनजातीय समूहों के रहन-सहन, परंपरा, कला समेत कई चीजें संरक्षित है, लेकिन अब इस संग्रहालय के समय में बदलाव किया गया है. यानी अगर आप घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो जान लीजिए की आपको किस समय जाना चाहिए.
ठंडी के कारण संग्रहालय के समय में बदलाव
राजधानी भोपाल में स्थित मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के समय बढ़ती ठंड के कारण अगले 4 महीनों के लिए बदले गए हैं. इसलिए आप अब जब भी ट्राईबल म्युजियम जाने का सोचें तो इसी समय पर जाएं.

ठंड में जल्दी बंद होगा संग्रहालय
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के समय में ठंड के मौसम को देखते हुए बड़ा बदलाव किया गया है. आम दिनों में जनजातीय संग्रहालय लोगों के लिए 12 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक खुला रहता है. अब बढ़ती ठंड के कारण राजधानी में स्थित मध्यप्रदेश संग्रहालय के समय चेंज किया गया है और अब यह पर्यटकों के लिए जल्दी बंद हो जाया करेगा.
शाम में जल्दी होगा बंद
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय ठंड के इस मौसम में अगले चार महीने मंगलवार से लेकर रविवार तक दर्शकों और पर्यटकों के लिए दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 7 बजे खुलेगा. इसके बाद 1 फरवरी से अक्टूबर 2025 तक वापस जनजातीय संग्रहालय का समय बदला जाएगा. तब पर्यटकों के लिए संग्रहालय दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा.

संग्रहालय में शिल्पकलाओं की 6 दीर्घाएं
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में जनजातीय वर्ग से जुड़ी विभिन्न दीर्घाओं में मध्यप्रदेश के जनजातीय समुदायों के रहन-सहन की वास्तुगत, शिल्पगत और व्यवहारगत रूपों को प्रदर्शित किया गया है. इस संग्रहालय में 6 अलग-अलग कलाओं और शिल्प माध्यमों की दीर्घाएं हैं, जिनमें जनजातीय जीवन की झलक, उनके परिवेश, खेल, संस्कृति, देवलोक आदि की झलक पर्यटक देख सकते हैं. यहां प्रत्येक दीर्घा में जिज्ञासुओं के लिए कियोस्क भी लगे हैं, जिससे उस दीर्घा के बारे में हिंदी अथवा इंग्लिश में आप जानकारी ले सकते हैं.
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मध्यप्रदेश ट्राईबल म्युजियम की टाइमिंग मे बड़ा बदलाव
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