डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में ओपन स्टडी सेंटर का निर्माण, स्टूडेंट को पसंद आ रहा नवाचार
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Agency:News18 Madhya Pradesh
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छात्र छात्राओं के लिए नवाचार करते हुए ओपन स्टडी सेंटर की शुरुआत की गई है. जहां पर छात्र-छात्राएं हरे भरे पेड़ों के बीच खुली हवा लेते हुए अपनी पढ़ाई कर सकते हैं अपने साथियों से डिस्कशन कर सकते हैं. इतना ही नहीं चाहे तो यहीं पर लंच भी कर सकते हैं.
अनुज गौतम/सागर. जिले का डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए नवाचार करते हुए ओपन स्टडी सेंटर की शुरुआत की गई है. जहां पर छात्र-छात्राएं हरे भरे पेड़ों के बीच खुली हवा लेते हुए अपनी पढ़ाई कर सकते हैं अपने साथियों से डिस्कशन कर सकते हैं. इतना ही नहीं चाहे तो यहीं पर लंच भी कर सकते हैं. या चाय पर चर्चा भी हो सकती हैं.
इसके लिए यहां पर पहले एक पार्क तैयार किया गया. फिर उसमें कुछ छोटे-छोटे टीन सेट लगाए गए इन्हीं में बैठने और सामान रखने की व्यवस्था की गई. कुछ बेंच खुले में लगाई, तो वही बीच में सर्किल में पढ़ाई करने के हिसाब से बड़ा टीन शेड लगाया गया है. और इसके शुरुआती रुझान भी अच्छे सामने आए हैं.
72 साल पुरानी लाइब्रेरी के पास हुआ निर्माण
यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित 72 साल पुरानी लाइब्रेरी के बाहर इसे तैयार कराया गया है. और अब आगे ओपन स्टडी क्लासरूम भी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. छात्रा अमीषा मेहरा ने बताया कि कभी बारिश होती तो कहीं पर खड़े होने तक की जगह नहीं थी लाइब्रेरी में पढ़ने की इच्छा नहीं है तो यहां पर आ सकते हैं यह हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद है.
खुले में बैठने का भी है विकल्प
इसको लेकर प्रोफेसर राकेश सोनी ने बताया की लाइब्रेरी के अंदर बच्चों को बात करने की परमिशन नहीं होती है और अगर बच्चा लाइब्रेरी के बाहर किसी पेड़ के नीचे या खुली हवा में बैठकर पढ़ना चाहता है तो यह उसके लिए काफी मुफीद रहता है इसी कांसेप्ट के साथ इसे डेवेलप किया जा रहा है. क्योंकि अक्सर ऐसा देखा जा रहा था कि हमारा विश्वविद्यालय प्रकृति से भरपूर है और छात्र-छात्राएं चाहती थी कि वह पेड़ के नीचे बैठकर पढ़े लिखे हैं खाना खाएं डिस्कशन करें उसी के हिसाब से इसे बनाया गया है.
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने बताया कि जब बच्चे लाइब्रेरी में या क्लास रूम में बैठे होते हैं तो उन्हें लगता है कि हम किसी विश्वविद्यालय में पढ़ रही है लेकिन जब हम खुले वातावरण में उनको ऐसी सुविधा देते हैं तो छात्र छात्राओं को ऐसा लगता है कि जैसे वह खेलकूद के मैदान में हो कुछ समय पहले हमने या प्रयास शुरू किया है. वहीं अब लाइब्रेरी की एक्सटेंशन बिल्डिंग बन रही है. जहां उसके सामने ओपन क्लासरूम भी तैयार करवा रहे हैं जहां पर टीचर आकर पढ़ा सकता है.
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