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कब सस्ती होगी सब्जी? 20 दिन बाद गिर सकते हैं टमाटर के दाम, आलू-प्याज के रेट भी इस दिन से होंगे कम

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आढ़तियों का कहना है कि बारिश के कारण उत्पादन कम हो गया और आवक भी कमजोर होने से दाम बढ़ रहे हैं. अभी कुछ दिन कीमतें बढ़ी रहेंगी. टमाटर तथा हरी सब्जियों के दामों में अगले माह कमी आने की संभावना है, जबकि आलू-प्याज...

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सागर: आम जनता को महंगाई का करंट एक बार फिर लगा है. आलू, प्याज और टमाटर के भाव आसमान छूने लगे हैं. फुटकर बाजार में एक महीने में टमाटर के दाम दोगुने हो गए हैं. 30-35 रुपये किलो में बिकने वाला आलू 40-45 रुपये किलो तक पहुंच गया है. प्याज की कीमतें 40 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं.

आढ़तियों का कहना है कि बारिश के कारण उत्पादन कम हो गया और आवक भी कमजोर होने से दाम बढ़ रहे हैं. अभी कुछ दिन कीमतें बढ़ी रहेंगी. टमाटर तथा हरी सब्जियों के दामों में अगले माह नई फसल के साथ कमी आने की संभावना है, जबकि आलू-प्याज के दाम अभी तेज ही रहेंगे. इसकी नई फसल अक्टूबर तक आएगी. इसके बाद दाम कम हो सकते हैं.
थाली से गायब होगा टमाटर
मंडी में टमाटर की कीमत 20 से बढ़कर 60 रुपये किलो हो गई है. फेरी लगाने वाले यही टमाटर 80-90 रुपये तक में सेल कर रहे हैं. माना जा रहा कि टमाटर सेंचुरी भी लगा सकता है. ऐसे में आम लोगों की थाली से टमाटर गायब होता जा रहा है. थोक सब्जी व्यापारी मो. शहजाद राइन ने बताया कि बारिश के कारण कानपुर, राजस्थान और स्थानीय किसानों की टमाटर की फसल खत्म हो चुकी है. अब केवल बेंगलुरु से टमाटर आ रहा है. चारों तरफ से मांग और पूर्ति केवल यहीं से होने के कारण आवक भी पहले की अपेक्षा घटी है. लिहाजा, थोक मंडी में टमाटर 45 से 55 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि एक हफ्ते पहले इसके दाम 20 से 30 रुपये  प्रतिकिलो थे. बताया कि 20 दिन बाद नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी. इसके बाद दामों में कमी आएगी.

ये हैं सब्जी के रेट
इस मंडी में आलू 35 से 40 रुपये किलो, प्याज 30 से 40 रुपये किलो, टमाटर 45 से 55 रुपये किलो, करेला 50 से 60 रुपये किलो, भिंडी 30 से 40 रुपये किलो, भटा 20 से 30 रुपये किलो, हरी मिर्च 100 रुपये किलो, शिमला मिर्च 100 रुपये किलो, लौकी 30 से 40 रुपये किलो, गिलकी 30 से 40 रुपये किलो, हरी धनिया 200 से 250 और कच्चे आम 40 से 50 रुपये किलो के रेट में मिल रहे हैं.
आलू की फसल कमजोर
सागर में सबसे ज्यादा प्याज की आवक गुजरात और महाराष्ट्र से होती है. इस साल जून माह तक हीटवेव चलने के कारण यहां की फसल खराब हो गई है, जो आवक हो रही है उसकी क्वालिटी हल्की है. इसलिए ज्यादा समय तक इसे स्टोर नहीं किया जा सकता. थोक बाजार में प्याज के दाम 40 रुपए प्रति किलो होने के कारण व्यापारियों ने इसका स्टॉक भी नहीं किया है. इसलिए बाजार में इसकी कमी बनी हुई है और दाम बढ़ रहे हैं. आलू की फसल इस साल कमजोर रही है, इसलिए इसके दाम पहले से ही तेज बने हुए हैं. कोल्ड स्टोरेज में भी महंगी खरीद के आलू का स्टॉक है, इसलिए कीमत ज्यादा चल रही है. अक्टूबर में नई फसल आने के बाद इनके दामों में कमी आने की संभावना है.
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