मध्यप्रदेश के इस शहर में बोरिंग कराने पर होगी दो साल की सजा
Agency:News18
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उज्जैन जिले में सिंहस्थ को देखते नलकूप और हैंडपंप के खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. बगैर अनुमति के नलकूप या हैंडपंप खनन करने पर संबंधित धाराओं में दो साल की कैद का प्रावधान है.
दरअसल, उज्जैन में पांच महीने बाद सिंहस्थ महाकुंभ शुरू होना है. इस दौरान श्रद्धालुओं को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिहाज से जिला प्रशासन ने कुछ सख्त फैसले लिए हैं. इस कड़ी में जिले में नलकूप और हैंडपंप के खनन पर रोक शामिल है.
एक सरकारी बयान में बताया गया है कि इस वर्ष कम वर्षा के कारण जल स्त्रोतों में जल स्तर की वृद्धि नहीं हुई है तथा जल स्तर निरंतर गिर रहा है. ऐसे में सिंहस्थ पर नागरिकों के लिए पेयजल व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने मध्यप्रदेश पेयजल परीक्षण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है.
आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के नलकूप एवं हैंडपंप खनन नहीं करेगा और न ही करवायगा.
नलकूप एवं हैंडपंप खनन करते पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी. अगर कोई व्यक्ति नलकूप एवं हैण्डपम्प खनन करना चाहता है, तो उसे एसडीएम से अनुमति लेना होगी.
अधिनियम के तहत उक्त आदेश का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उसे दो वर्ष का कारावास अथवा दो हजार रूपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किये जाने की कार्यवाही की जायेगी.
दरअसल, उज्जैन में पांच महीने बाद सिंहस्थ महाकुंभ शुरू होना है. इस दौरान श्रद्धालुओं को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिहाज से जिला प्रशासन ने कुछ सख्त फैसले लिए हैं. इस कड़ी में जिले में नलकूप और हैंडपंप के खनन पर रोक शामिल है.
एक सरकारी बयान में बताया गया है कि इस वर्ष कम वर्षा के कारण जल स्त्रोतों में जल स्तर की वृद्धि नहीं हुई है तथा जल स्तर निरंतर गिर रहा है. ऐसे में सिंहस्थ पर नागरिकों के लिए पेयजल व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने मध्यप्रदेश पेयजल परीक्षण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है.
आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के नलकूप एवं हैंडपंप खनन नहीं करेगा और न ही करवायगा.
नलकूप एवं हैंडपंप खनन करते पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी. अगर कोई व्यक्ति नलकूप एवं हैण्डपम्प खनन करना चाहता है, तो उसे एसडीएम से अनुमति लेना होगी.
अधिनियम के तहत उक्त आदेश का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उसे दो वर्ष का कारावास अथवा दो हजार रूपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किये जाने की कार्यवाही की जायेगी.
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