शादी से पहले सेक्स सही मानती हैं वो!
Agency:News18India
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आईबीएन 7 ने फिर कोशिश की है, देशवासियों की नब्ज टटोलने की।

नई दिल्ली। आजादी के साठ सालों के बाद देश क्या सोचता है। क्या है देश के दिल की धड़कन। हर साल स्वाधीनता दिवस से पहले आईबीएन 7 सीएसडीएस के साथ मिलकर एक सर्वे कराता है और इन तमाम सवालों के जवाब आपके सामने रखता है। 15 अगस्त से पहले हमने एक बार फिर कोशिश की है, अलग-अलग मुद्दों पर देशवासियों की नब्ज टटोलने की।
हमने जानना चाहा कि अगर कोई शादीशुदा जोड़ा एक-दूसरे के साथ खुश नहीं है तो क्या उसे तलाक ले लेना चाहिए।
-कुल 48 परसेंट लोगों ने कहा-हां
-सिंगल और मेट्रोज़ के पुरुषों में से हां कहने वाले थे 68 फीसदी
-शादीशुदा लोगों और छोटे शहर की महिलाओं में हां कहने वालों का प्रतिशत था 43 फीसदी
हमने जानना चाहा कि कितने प्रतिशत भारतीय लाइफ पार्टनर के बेवफा होने के बावजूद रिश्तों के नेगोसिएशन या फिर शादी को आगे बढ़ाने में विश्वास रखते हैं। जवाब इस प्रकार थेः-
-कुल 69 फीसदी
-ग्रेजुएट्स 70 फीसदी
-अनपढ़ 63 फीसदी
हमने पूछा कि क्या तलाकशुदा पत्नी या पति से आप दोबारा शादी करेंगे।
-कुल 56 फीसदी ने कहा-हां, 18 फीसदी ने कहा-नहीं
-लव मैरिज करने वालों में से 59 परसेंट ने कहा-हां, 22 फीसदी ने कहा-नहीं
-अरेंज्ड मैरिज वालों में हां बोलने वाले थे 56 फीसदी, न बोलने वाले थे 17 फीसदी।
हमने पूछा कि शादी से पहले सेक्स क्या सही है।
-कुल 13 फीसदी ने कहा-हां, 10 फीसदी ने लिव इन रिलेशनशिप को सही ठहराया।
-मेट्रो शहरों के नौजवानों में से 32 फीसदी ने शादी से पहले सेक्स को सही ठहराया तो 22 फीसदी ने लिव इन रिलेशनशिप को।
-छोटे शहरों की 22 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं ने भी शादी से पहले सेक्स को सही ठहराया। 3 फीसदी ने लिव इन रिलेशनशिप को।
हमने पूछा कि क्या संतान होना जरूरी है।
-81 फीसदी ने कहा-हां। सिर्फ 79 फीसदी सिंगल पुरुषों ने ही संतान के लिए हामी भरी। वहीं 84 फीसदी सिंगल महिलाएं शादी के बाद बच्चे के लिए तैयार नजर आईं।
आखिर में हमने ये जानने की कोशिश की कि ऐसे कितने लोग हैं जो ये मानते हैं कि शादी के बिना ज़िंदगी अधूरी है। 87 फीसदी लोगों ने एक स्वर में कहा कि शादी के बिना जिंदगी के कोई मायने नहीं हैं। शहरों में रहने वाले सिंगल पुरुषों में से सिर्फ 76 फीसदी ने शादी के लिए हामी भरी और कहा लेकिन जब छोटे शहरों में रहने वाले शादीशुदा लोगों से हमने राय ली तो उनमें से 95 फीसदी ने कहा कि शादी के बिना अच्छी जिंदगी की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
हमने जानना चाहा कि अगर कोई शादीशुदा जोड़ा एक-दूसरे के साथ खुश नहीं है तो क्या उसे तलाक ले लेना चाहिए।
-कुल 48 परसेंट लोगों ने कहा-हां
-सिंगल और मेट्रोज़ के पुरुषों में से हां कहने वाले थे 68 फीसदी
-शादीशुदा लोगों और छोटे शहर की महिलाओं में हां कहने वालों का प्रतिशत था 43 फीसदी
हमने जानना चाहा कि कितने प्रतिशत भारतीय लाइफ पार्टनर के बेवफा होने के बावजूद रिश्तों के नेगोसिएशन या फिर शादी को आगे बढ़ाने में विश्वास रखते हैं। जवाब इस प्रकार थेः-
-कुल 69 फीसदी
-ग्रेजुएट्स 70 फीसदी
-अनपढ़ 63 फीसदी
हमने पूछा कि क्या तलाकशुदा पत्नी या पति से आप दोबारा शादी करेंगे।
-कुल 56 फीसदी ने कहा-हां, 18 फीसदी ने कहा-नहीं
-लव मैरिज करने वालों में से 59 परसेंट ने कहा-हां, 22 फीसदी ने कहा-नहीं
-अरेंज्ड मैरिज वालों में हां बोलने वाले थे 56 फीसदी, न बोलने वाले थे 17 फीसदी।
हमने पूछा कि शादी से पहले सेक्स क्या सही है।
-कुल 13 फीसदी ने कहा-हां, 10 फीसदी ने लिव इन रिलेशनशिप को सही ठहराया।
-मेट्रो शहरों के नौजवानों में से 32 फीसदी ने शादी से पहले सेक्स को सही ठहराया तो 22 फीसदी ने लिव इन रिलेशनशिप को।
-छोटे शहरों की 22 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं ने भी शादी से पहले सेक्स को सही ठहराया। 3 फीसदी ने लिव इन रिलेशनशिप को।
हमने पूछा कि क्या संतान होना जरूरी है।
-81 फीसदी ने कहा-हां। सिर्फ 79 फीसदी सिंगल पुरुषों ने ही संतान के लिए हामी भरी। वहीं 84 फीसदी सिंगल महिलाएं शादी के बाद बच्चे के लिए तैयार नजर आईं।
आखिर में हमने ये जानने की कोशिश की कि ऐसे कितने लोग हैं जो ये मानते हैं कि शादी के बिना ज़िंदगी अधूरी है। 87 फीसदी लोगों ने एक स्वर में कहा कि शादी के बिना जिंदगी के कोई मायने नहीं हैं। शहरों में रहने वाले सिंगल पुरुषों में से सिर्फ 76 फीसदी ने शादी के लिए हामी भरी और कहा लेकिन जब छोटे शहरों में रहने वाले शादीशुदा लोगों से हमने राय ली तो उनमें से 95 फीसदी ने कहा कि शादी के बिना अच्छी जिंदगी की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
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