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12 दिन से नहीं उड़ा एक भी ALH हेलिकॉप्टर, क्रैश के चलते है ग्राउंडेड, 26 जनवरी को भी नहीं भरेंगे उड़ान

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ALH HELICOPTER : स्वदेशी हेलिकॉप्टर ALH ध्रुव पिछले कुछ समय से दुर्घटाना का शिकार हो रहा है. हर साल हजारों घंटों की उड़ान भरने वाला ALH जमीन पर खड़े है. जब तक कोस्टगार्ड हेलिकॉप्टर के दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल जाता और वह दुरुस्त नही हो जाता तब तक उनके उड़ान पर पाबंदी है. ना ही वह किसी सैन्य काम में इस्तेमाल में लाए जा रहे ना ही सेना दिवस पर दिखे अब 26 जनवरी की फ्लाइ पास्ट से भी बाहर हैं.

12 दिन से नहीं उड़ा एक भी ALH हेलिकॉप्टर, क्रैश के चलते है ग्राउंडेडनहीें उड़ रहे हैं 300 से ज्यादा ALH हेलिकॉप्टर
ALH HELICOPTER : गणतंत्र दिवस समारोह का सबसे बड़ा आकर्षण का केन्द्र रहता है फ्लाइ पास्ट. इस साल कर्तव्यपथ पर होने वाले फ्लाइ पास्ट में कुल 40 एयरक्रफ्ट हिस्सा लेंगे. इन 40 में एक भी स्वदेशी तेजस और ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर नहीं है. वायुसेना ने तेजस के ना होने के पीछे की वजह बताई की वह सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट है. इस तरह के कार्यक्रम में सिंगल इंजन फ्लाई पास्ट में उड़ाए नहीं जाते. 2017 में पहली बार तेजस ने अपना डेब्यू किया था. उसके बाद एक दो बार और फ्लाइ किया. ALH ध्रुव के ना होने के पीछे का कारण है कोस्ट गार्ड के हेलिकॉप्टर हादसा. हादसे के बाद से सभी 300 से ज्यादा हेलीकॉप्टर को चेक के लिए ग्राउंड किया गया है. फिलहाल चीता, चेतक, चीतल, Mi -17 और चिनूक हेलीकॉप्टर से ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने ALH पर पूरी भरोसा जताया. उन्हेनें कहा कि ALH अपने खराब दौर से नही गुजर रहा है. इस तरह के एक्सिडेंट होते रहते है. दुनिया भर के बेस्ट हेलिकॉप्टर भी इस तरह के हादसों के शिकार होते रहे है. साल 2023-24 में भारतीय थल सेना ने 40 हजार घंटे की ALH की उड़ान भरी थी उसमें सिर्फ एक बार ग्लिच आई थी.भारतीय सेना हाई एल्टिट्यूड के इलाके में 15000 फिट से भी उंचाई पर उड़ाते है. ALH पर हमें पूरा भरोसा है.

ALH ध्रुव किए गए ग्राउंडेड
साल 2025 की शुरुआत ना तो कोस्ट गार्ड के लिए अच्छी नहीं रही कि स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव की. पोरबंदर में 5 जनवरी को हुए कोस्ट गार्ड हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद से सभी 300 से ज्यादा ALH के उड़ान पर पाबंदी लगा दी गई. यह पाबंदी अब भी जारी है. एक भी ALH नहीं उड़ाया गया है और अगले दो हफ्ते तक उड़ने की संभावना कम ही जताई जा रही है. दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है. उसके बाद सभी ग्राउंड किए गए ALH का चेक होगा उसके बाद ही उड़ान की इजाजत मिलेगी. तकनीकी खराबी के चलते जब भी कोई हादसा होता है तो पूरे हेलिकॉप्टर फ्लीट को ग्राउंड कर दिया जाता है. सघन जांच के बाद ही उड़ाने की मंजूरी दी जाती है. साल 2023 में तो सेना के तीनों अंगों और कोस्ट गार्ड के सभी हेलिकॉप्टरों की जांच के लिए ग्राउंड किए गए. तकनीकी जांच के बाद फ्लाइंग क्लीयरेंस मिला थी उन्हें उड़ाया जा रहा था. ALH की बात करें तो अलग अलग वर्जन के हेलिकॉप्टर भारतीय सेना में शामिल है जिसमें ALH MK.1 , MK.2, MK.3 और Mk.4 वेपेनाइजड वर्जन रुद्र शामिल है.
क्रैश की फेहरिस्त है लंबी
पिछले कुछ सालों में अगर ALH ध्रुव के हादसे की बात करे तो तकरीबन दो दर्जन के करीब हेलिकॉप्टर हादसों का शिकार हुए. जिसमें कई पायलटों और सैनिक की जाने भी गई. अक्टूबर 2024 में बिहार में राहत बचाव के काम में जुटे भारतीय वायुसेना का ALH हेलिकॉप्टर इंजन फेल होने के चलते पानी में डूब गया था. 2 सितंबर 2024 को कोस्ट गार्ड के एक हेलिकॉप्टर की अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. साल 2023 में तो दो महीने में तीन हादसा हुए. 4 मई 2023 जम्मू में हुए सेना के ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश 2 पायलट और एक टेक्नीशियन घायल घायल हो गए. आर्मी एवियेशन के ALH ध्रुव ने ऑप्रेशनल मिशन के लिए उडान भरी थी लेकिन उड़ान के बाद ही तकनीकी ख़राबी के चलते किश्तवाड़ के मरुआ नदी के किनारे क्रैश लैंड हो गया. 8 मार्च को मुंबई तट पर नौसेना का ध्रुव हेलिकॉप्टर और 26 मार्च को कोच्चि में कोस्ट गार्ड का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था. 21 अक्टूबर 2022 को एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर के वेपेनाइजड वर्जन रुद्र अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें दो अफसर और तीन सैनिकों की मौत हो गई थी. 3 अगस्त 2021 में पठानकोट के पास रंजीत सागर डैम में क्रैश हुआ था जिसमें दोनों पायलट की मौत हो गई थी. साल 2019 में नॉर्दन आर्मी कमॉडर लें जन रनबीर सिंह का हेलिकॉप्टर भी बुरी तरह से क्रैश हो गया था जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था.

सेना की लाइफ लाइन है ALH
300 से ज्यादा हेलिकॉप्टर भारतीय सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अलावा कोस्टगार्ड भी इस्तेमाल कर रही है . अगर हम नंबरों की बात करें तो भारतीय थल सेना सबसे ज़्यादा 145 ALH को ऑपरेट करती है. इनमें 75 इसके वेपेनाइजड वर्जन ALH MK 4 रुद्र है. थलसेना ने 25 अतिरिक्त ALH मार्क 3 का ऑर्डर HAL को दिया है, भारतीय वायुसेना के पास 70 के करीब ध्रुव हैं तो नौसेना के पास 18 और कोस्टगर्ड को पास 20 ALH ध्रुव है जिनमें 4 मार्क 1 हैं और 16 मार्क 3 है. कोस्ट गार्ड के लिए 6 ALH की खरीद को मंजूरी दी गई है.
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