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Analysis: क्या कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन की उम्मीद अभी कायम है?

मायावती और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

मायावती और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस की चिंता जहां उत्तर प्रदेश को लेकर हैं वहीं मायावती राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कंधे पर ...अधिक पढ़ें

    बीएसपी सुप्रीमो मायावती की चेतावनी के बाद जिस तरह आनन-फानन में मध्य प्रदेश के कानून मंत्री     पी.सी. शर्मा ने आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है उसके बाद एक बार फिर बीएसपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरें आने लगी है.

    राजनीतिक जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनावों के दौरान गठबंधन न होने से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस से पहले से नाराज हैं लेकिन कांग्रेस साल 2019 के आम चुनावों तक उन्हें नाराज नहीं रखना चाहती ऐसे में मायावती के बयान के तुरंत बाद मुकदमा वापस लेने का बयान जारी कर कांग्रेस ने बीएसपी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है.

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    कांग्रेस की चिंता जहां उत्तर प्रदेश को लेकर हैं वहीं मायावती राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कंधे पर बैठकर लोकसभा में अपना खाता खोलना चाहती हैं. हालांकि जिस तरह उत्तर प्रदेश में एसपी–बीएसपी के गठबंधन के खबरें आ रही है उसके बाद मायावती कांग्रेस के साथ किसी जोर-तोड़ में अखिलेश का साथ नहीं छोड़ सकती क्योंकि कांग्रेस बिना यूपी के बीएसपी से कोई गठबंधन करने को तैयार नहीं है.

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    जिस तरह तीन राज्यों के विधानसभा के परिणाम आए हैं उससे एक बात साफ है कि जब तीन राज्यों में दो में कांग्रेस को बहमुत के लिए बीएसपी और एसपी की तरफ देखना पड़ा तो लोकसभा चुनाव में तो इनके बिना बीजेपी के खिलाफ मजबूत विकल्प देना संभव नहीं है.

    कांग्रेस जहां उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन में 10 सीटें मांग रही है वही बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी इन तीनों राज्यों में अपना खाता खोलना चाहती है. कहा जाता है कि जरुरत का रिश्ता सबसे मजबूत रिश्ता होते है, ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनावों में इन दलों के गठबंधन से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एसपी बीएसपी की जरूरत है तो मध्य प्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ में एसपी बीएसपी को कांग्रेस की जरुरत है.

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    उत्तर प्रदेश में भी गठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी अंतिम दौर में नहीं पहुंचा है ऐसे में कांग्रेस कोई ऐसा प्रस्ताव लेकर आती है जिससे इन तीनों राज्यों में इन दलों का खाता खुलने की उम्मीद बनती है तो दोनों पार्टियों के साथ जाने की खबरों से इनकार नहीं किया जा सकता.

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    Tags: Akhilesh yadav, Amit shah, BSP, Congress, Election 2019, Mayawati, Narendra modi, Rahul gandhi, Samajwadi party

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