तेजी से बढ़ रहा है डेल्टा+, लैम्बडा वेरिएंट का कहर और जनता घूमने में मशगूल, हालात काबू करने के लिए बड़ी प्लानिंग की तैयारी
Agency:News18Hindi
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पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ के फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद ये बात सामने आई है कि किस तरह मसूरी के कैम्पटी फॉल से लेकर मनाली तक लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है और कोई भी कोविड सुरक्षा संबंधी प्रोटोकाल नहीं मान र...और पढ़ें

नई दिल्ली. कोरोना के हालात सुधरते ही जिस तरह लोग अपने घरों से निकल पड़े हैं और बगैर कोरोना से जुड़े सुरक्षा संबंधी बातों को मानते हुए भीड़ लगा रहे हैं, उसने एक बार फिर दिल्ली की दिल की धड़कनों को बढ़ा दिया है. दिल्ली के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की इस मामले को लेकर बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता एलजी अनिल बैजल ने की. उन्होंने लोगों के बड़ी संख्या में बाहर निकलने और कोविड प्रोटोकॉल नहीं मानने को लेकर चिंता ज़ाहिर की. नीति आयोग के डॉ. वी के पॉल, आईसीएमआर के डॉ. बलराम भार्गव और एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया भी इस बैठक में शामिल थे.
पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ के फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद ये बात सामने आई है कि किस तरह मसूरी के कैम्पटी फॉल से लेकर मनाली तक लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है और कोई भी कोविड सुरक्षा संबंधी प्रोटोकाल नहीं मान रहा है. भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मनाली के रूट पर बुरी तरह ट्रैफिक जाम लग रहा है.
इन हालातों में कैसे पाया जा सकता है कोरोना पर काबू?
बैठक में इसके साथ तमाम तरह की तैयारियों की योजना पर बात हुई, जिसमें नए वेरिएंट डेल्टा प्लस और लैम्बडा से निपटने, टीकाकरण, जीनोम सीक्वेंसिंग, टेस्टिंग, ट्रेकिंग और निगरानी को मामले बढ़ने पर सबसे कारगर उपाय माना गया. विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के खिलाफ सुरक्षा के उपाय नहीं माने जा रहे हैं, जिससे कोविड के मामले बढ़ने का अंदेशा है. आने वाली लहर से निपटने के लिए आईसीयू बेड, ऑक्सीजन, दवाएं और एंबुलेंस की तैयारी रखनी होगी.
बैठक में इसके साथ तमाम तरह की तैयारियों की योजना पर बात हुई, जिसमें नए वेरिएंट डेल्टा प्लस और लैम्बडा से निपटने, टीकाकरण, जीनोम सीक्वेंसिंग, टेस्टिंग, ट्रेकिंग और निगरानी को मामले बढ़ने पर सबसे कारगर उपाय माना गया. विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के खिलाफ सुरक्षा के उपाय नहीं माने जा रहे हैं, जिससे कोविड के मामले बढ़ने का अंदेशा है. आने वाली लहर से निपटने के लिए आईसीयू बेड, ऑक्सीजन, दवाएं और एंबुलेंस की तैयारी रखनी होगी.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं. यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो हम प्रतिबंधों में ढील को फिर से रद्द कर सकते हैं.
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