अब दिव्यांगों को भी मिलेगा अपना 'घर', सरकारी हाउसिंग में 4% आरक्षण लागू, केंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला
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Agency:एजेंसियां
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Government Housing Reservation For Divyang: केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन को सरकारी आवास योजनाओं में 4% आरक्षण देने का फैसला किया है. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे लागू करने का निर्देश दिया गया है.

नई दिल्ली: अब दिव्यांगजनों के लिए भी सरकारी घर पाना एक सपना नहीं रहेगा. केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक और संवेदनशील फैसला लेते हुए केंद्रीय सरकारी आवास योजनाओं में 4% आरक्षण लागू कर दिया है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला न केवल दिव्यांगों को सम्मान और सुविधा देगा, बल्कि एक समावेशी और सुगम भारत के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
सरकार के इस फैसले का मकसद है कि दिव्यांगजनों को भी शहरी विकास और आवास योजनाओं में बराबरी की भागीदारी मिले. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है. यह आरक्षण सरकारी फ्लैट, हाउसिंग स्कीम और अन्य रिहायशी योजनाओं में लागू होगा.
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यह कदम केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा उठाया गया है. जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न “सबका साथ, सबका विकास” और “सुगम्य भारत अभियान” की सोच को जमीनी हकीकत में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स ने इस फैसले को लेकर एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है. इसमें यह साफ किया गया है कि अब दिव्यांगजनों को केंद्रीय सरकारी रिहायशी आवासों के आवंटन में 4% आरक्षण मिलेगा. यह निर्णय दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (RPwD Act) के तहत किया गया है. यह अधिनियम दिव्यांगजनों को बराबरी के अधिकार और जीवन की गरिमा सुनिश्चित करता है.
समावेशी भारत की दिशा में कदम
मनोहर लाल खट्टर ने इस फैसले को समावेशी प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है. उन्होंने कहा कि यह नीतिगत बदलाव भारत को एक ऐसा देश बनाने की दिशा में ले जाता है जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले चाहे उसकी शारीरिक स्थिति कुछ भी हो. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “दिव्यांगजनों को न सिर्फ सहानुभूति की जरूरत है बल्कि समान भागीदारी और सम्मान के साथ उनके जीवन को आसान बनाना सरकार की जिम्मेदारी है.”
मनोहर लाल खट्टर ने इस फैसले को समावेशी प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है. उन्होंने कहा कि यह नीतिगत बदलाव भारत को एक ऐसा देश बनाने की दिशा में ले जाता है जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले चाहे उसकी शारीरिक स्थिति कुछ भी हो. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “दिव्यांगजनों को न सिर्फ सहानुभूति की जरूरत है बल्कि समान भागीदारी और सम्मान के साथ उनके जीवन को आसान बनाना सरकार की जिम्मेदारी है.”
यह फैसला न केवल दिव्यांगजनों को सुलभ और सुरक्षित आवास देने में मदद करेगा बल्कि उन्हें मुख्यधारा में लाकर उनकी सामाजिक और आर्थिक भागीदारी भी बढ़ाएगा. यह कदम एक समावेशी और एक्सेसिबल इंडिया की नींव को और मजबूत करता है.
फैसले का व्यापक असर
केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा इस आरक्षण नीति के लागू होने से दिव्यांगजनों को अब सरकारी घर पाने में प्राथमिकता मिलेगी जो पहले सामान्य आवंटन प्रक्रिया के कारण अक्सर वंचित रह जाते थे. इससे दिव्यांगजनों की रोजमर्रा की चुनौतियों को कम करने में भी मदद मिलेगी खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां हाउसिंग एक बड़ी समस्या है.
केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा इस आरक्षण नीति के लागू होने से दिव्यांगजनों को अब सरकारी घर पाने में प्राथमिकता मिलेगी जो पहले सामान्य आवंटन प्रक्रिया के कारण अक्सर वंचित रह जाते थे. इससे दिव्यांगजनों की रोजमर्रा की चुनौतियों को कम करने में भी मदद मिलेगी खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां हाउसिंग एक बड़ी समस्या है.
केंद्रीय मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करें और आवंटन प्रक्रिया को दिव्यांगों के अनुकूल बनाएं. इसके तहत आवासीय परिसरों में रैंप, एलिवेटर, चौड़ी गलियां और अन्य एक्सेसिबल सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी.
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Sumit Kumar
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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