इंडियन आर्मी में ताबड़तोड़ बदलाव, दुश्मनों के छूटेंगे पसीने, हिमाकत की तो पलक झपकते खात्मा
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Agency:News18Hindi
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Indian Army Mega Plan: इंडियन आर्मी में ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़े लेवल पर बदलाव की तैयारी है. अपग्रेडेशन की इस प्रक्रिया में ड्रोन पर स्पेशल फोकस है.

नई दिल्ली. इंडियन आर्मी युद्ध क्षमता को आधुनिक बनाने के लिए एक व्यापक बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया जा रहा है. इस कवायद का प्रमुख उद्देश्य है UAVs यानी ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम्स को बटालियन स्तर पर इंटीग्रेट करना है.यह कदम कन्वेंशनल और हाइब्रिड वॉर में सेना की तैयारियों को मजबूती देने के लिए उठाया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव की प्रक्रिया पिछले कुछ महीनों से चर्चा में थी, लेकिन मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर (पहलगाम आतंकी हमले के बाद की सैन्य कार्रवाई) के बाद इसे तेज कर दिया गया है. उस ऑपरेशन से मिले अनुभवों के आधार पर कई अहम बदलावों को अंतिम रूप दिया गया है.
सेना अब प्रत्येक बटालियन में डेडिकेटेड ड्रोन ऑपरेशन यूनिट्स तैनात करेगी. अब तक ड्रोन का उपयोग सीमित भूमिका में होता था, लेकिन नए स्ट्रक्चर में यह एक प्राथमिक युद्धक औजार बनेगा. इन्फैंट्री, आर्टिलरी और बख्तरबंद यूनिटों में UAV और काउंटर-UAV सिस्टम को पूरी तरह से इंटीग्रेट किया जाएगा. प्रत्येक इन्फैंट्री बटालियन के भीतर लगभग 70 सैनिकों को ड्रोन ऑपरेशन और उससे जुड़ी जिम्मेदारियों के लिए पुनर्नियोजित किया जाएगा. निगरानी ड्रोन को प्लाटून और कंपनी स्तर पर तैनात किया जाएगा, जिससे रीयल-टाइम इंटेलिजेंस और लक्षित हमले संभव होंगे.
‘भैरव’ कमांडो बटालियन
इस पुनर्गठन का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है 30 नई ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियन का गठन. प्रत्येक बटालियन में लगभग 250 जवान होंगे, जिन्हें स्पेशल ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. ये बटालियन भिन्न-भिन्न कमांड क्षेत्रों के तहत कार्य करेंगी और उनके प्रशिक्षण व उपकरण उनकी मिशन प्रोफाइल के अनुसार तय किए जाएंगे. सेना के इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटरों को इन इकाइयों के गठन के निर्देश दे दिए गए हैं. उम्मीद है कि पहली भैरव बटालियन एक माह के भीतर सक्रिय हो जाएगी.
रुद्र ब्रिगेड: बहुआयामी युद्ध टुकड़ी
सेना रुद्र ब्रिगेड नाम से इंटीग्रेटेड यूनिट का भी गठन कर रही है. इनमें इन्फैंट्री, टैंक, आर्टिलरी, ड्रोन और लॉजिस्टिक्स यूनिट्स शामिल होंगी. ये ब्रिगेड पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ हाइब्रिड संघर्षों में भी स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करने में सक्षम होंगी. प्रत्येक आर्टिलरी रेजिमेंट की तीन बैटरियों में से दो को अतिरिक्त तोपों से सुसज्जित किया जाएगा, जबकि तीसरी बैटरी में ड्रोन प्रणाली शामिल की जाएगी, जो निगरानी और आक्रमण दोनों भूमिकाएं निभा सकेंगी.
भविष्य की ओर कदम
सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के मौके पर अपने संबोधन में इन बदलावों के संकेत दिए थे. इस पुनर्गठन से भारतीय सेना तकनीकी रूप से अधिक सक्षम, रणनीतिक रूप से लचीली और भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर तैयार होगी. यह परिवर्तन सेना को केवल आधुनिक बनाएगा ही नहीं, बल्कि इसे स्वायत्त, सटीक और तेज़ प्रतिक्रिया देने वाली लड़ाकू शक्ति में भी बदल देगा.
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Manish Kumar
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु... और पढ़ें
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