केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर राष्ट्रपति को गुरु दक्षिणा देंगे
Agency:News18Hindi
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आखिर प्रणव मुखर्जी जैसे विद्वान किसी के अच्छे काम की तारीफ करने में कोई कोताही नहीं बरतते. चाहे वो कांग्रेस के नेता हों या फिर बीजेपी के मंत्री.

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल शांति से निकल गया. न तो बीजेपी को परेशानी हुई और ना ही कांग्रेस को. आखिर प्रणव मुखर्जी जैसे विद्वान किसी के अच्छे काम की तारीफ करने में कोई कोताही नहीं बरतते. चाहे वो कांग्रेस के नेता हों या फिर बीजेपी के मंत्री.
प्रणव दा ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की तारीफों का ऐसा पुल बांधा कि शिक्षा मंत्री फूले नहीं समा रहे हैं. मौका था रविवार को उच्चतर शिक्षा के लिए डिजिटल प्लेटफार्म के लॉन्च का. मंच पर जावड़ेकर भी मौजुद थे और पूरा विज्ञान भवन गण मान्य लोगों से भरा था. ऐसे में कार्यक्रम की शुरुआत करने के पहले प्रणव बाबू ने जावड़ेकर की तारीफों के पुल बांधने शुरू किए तो मंत्रीजी की खुशी छुपाए नहीं छुप रही है.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि वो इस पहल के लिए शिक्षा मंत्री को न सिर्फ बधाई देना चाहते हैं बल्कि उनकी ये सफलता है कि वो जिस मंत्रालय में जाते हैं अपनी अलग पहचान छोड़ जाते हैं. प्रणव बाबू यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि जावड़ेकर हमेशा राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखते हैं. बतौर पर्यावरण मंत्री भी उन्होंने पेरिस समझौते में देश के हितों की बलि नहीं चढ़ने दी.
सबसे अच्छी बात ये रही है कि प्रकाश जावड़ेकर ने तारीफ़ से पहले ही राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को गुरु दक्षिणा देने का एलान किया. जावड़ेकर ने कहा कि जितने भी विश्वविद्धालयों के कॉन्वोकेशन में प्रणव दा ने भाषण दिए हैं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय उनकी एक पुस्तक निकालेगा.
प्रणव दा ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की तारीफों का ऐसा पुल बांधा कि शिक्षा मंत्री फूले नहीं समा रहे हैं. मौका था रविवार को उच्चतर शिक्षा के लिए डिजिटल प्लेटफार्म के लॉन्च का. मंच पर जावड़ेकर भी मौजुद थे और पूरा विज्ञान भवन गण मान्य लोगों से भरा था. ऐसे में कार्यक्रम की शुरुआत करने के पहले प्रणव बाबू ने जावड़ेकर की तारीफों के पुल बांधने शुरू किए तो मंत्रीजी की खुशी छुपाए नहीं छुप रही है.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि वो इस पहल के लिए शिक्षा मंत्री को न सिर्फ बधाई देना चाहते हैं बल्कि उनकी ये सफलता है कि वो जिस मंत्रालय में जाते हैं अपनी अलग पहचान छोड़ जाते हैं. प्रणव बाबू यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि जावड़ेकर हमेशा राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखते हैं. बतौर पर्यावरण मंत्री भी उन्होंने पेरिस समझौते में देश के हितों की बलि नहीं चढ़ने दी.
सबसे अच्छी बात ये रही है कि प्रकाश जावड़ेकर ने तारीफ़ से पहले ही राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को गुरु दक्षिणा देने का एलान किया. जावड़ेकर ने कहा कि जितने भी विश्वविद्धालयों के कॉन्वोकेशन में प्रणव दा ने भाषण दिए हैं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय उनकी एक पुस्तक निकालेगा.
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