Mahmudabad News: अली खान महमूदाबाद की ब्रेन मैपिंग, वो नफरती बोल और दादा का पाकिस्तान कनेक्शन
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Agency:News18Hindi
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अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने जंग के दौरान नफरती और देश विरोधी पोस्ट की. उनके दादा का पाकिस्तान कनेक्शन है. उनके विचार और वक्तव्य अक्सर विवादित रहते हैं.
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली अली खान महमूदाबाद.जिस वक्त जंग चल रही थी, पूरा देश एक साथ खड़ा था. ठीक उसी वक्त अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने ऐसे नफरती बोल पोस्ट किए, जो न सिर्फ दुश्मनी भड़काने वाले थे, बल्कि देश विरोधी भी थे. यह पोस्ट शेयर करते वक्त आखिर उनके दिमाग में चल क्या रहा था? क्या इसका कोई पाकिस्तान कनेक्शन है? जी हां, आज हम आपको प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की ब्रेन मैपिंग समझाने वाले हैं. उनके दादा का पाकिस्तान कनेक्शन बताने वाले हैं.
यह मुद्दा तो बिल्कुल साफ है कि अली खान महमूदाबाद ने पाकिस्तान की भाषा बोली, वो भी तब जब देश लगभग युद्ध की स्थिति में था. यह विश्वासघात उस वक्त किया गया जब पाकिस्तान भारत में ड्रोन भेज रहा था. उस वक्त हिंदू-मुस्लिमों के बीच नफरत पैदा करने की कोशश की. तब उन्होंने जो पोस्ट किया, उसका आखिरी पैराग्राफ पढ़िए. अली खान महमूदाबाद वही लिखते हैं जो पाकिस्तान का आर्मी चीफ आसिम मुनीर पहलगाम हमले से चंद दिनों पहले समझा रहा था. इसी में अली खान ‘मॉब लिंचिंग’ की बात करते हैं. बताने की कोशिश करते हैं, जैसे आज की सरकार में यह आम बात हो. यह शख्स पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के खिलाफ हालिया साम्प्रदायिक हिंसा की बात नहीं करता, बाकी सब गिना देता है.
On the issue of Ali Khan Mahmudabad, it is but obvious that the man indulged in insidious propaganda and used talking points of Pakistan, especially in a time of near-war.It was a treacherous attempt to insert Hindu-Muslim rift just a day after Operation Sindoor strikes and… pic.twitter.com/71i0te2dHZ— Akhilesh Mishra (@amishra77) May 19, 2025
कभी सेना की तारीफ
पोस्ट की शुरुआत में तो अली खान सेना की तारीफ करते नजर आते हैं, ये भी कहते हैं कि ‘अब पाकिस्तान की सेना और आतंकियों के बीच का अतंर मिटाया जा रहा है. सरकार ने साफ किया है कि कोई भी आतंकी घटना अब युद्ध मानी जाएगी और सेना जवाब देगी. अब पाकिस्तानी सेना पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह आतंकियों के पीछे न छिपे. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों की सभी पुरानी धारणाओं को ध्वस्त कर दिया है.’ वे युद्ध से बचने की बात करते हैं. ये भी कहते हैं कि जो लोग आज जंग की बात कर रहे हैं, शायद उन्होंने कभी युद्ध नहीं देखे हैं. किसी युद्ध क्षेत्र में नहीं गए हैं. यह मॉक ड्रिल नहीं है. इसका सबसे अधिक असर गरीबों पर पड़ता है और लाभ केवल राजनेताओं और डिफेंस कंपनियों को होता है.
पोस्ट की शुरुआत में तो अली खान सेना की तारीफ करते नजर आते हैं, ये भी कहते हैं कि ‘अब पाकिस्तान की सेना और आतंकियों के बीच का अतंर मिटाया जा रहा है. सरकार ने साफ किया है कि कोई भी आतंकी घटना अब युद्ध मानी जाएगी और सेना जवाब देगी. अब पाकिस्तानी सेना पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह आतंकियों के पीछे न छिपे. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों की सभी पुरानी धारणाओं को ध्वस्त कर दिया है.’ वे युद्ध से बचने की बात करते हैं. ये भी कहते हैं कि जो लोग आज जंग की बात कर रहे हैं, शायद उन्होंने कभी युद्ध नहीं देखे हैं. किसी युद्ध क्षेत्र में नहीं गए हैं. यह मॉक ड्रिल नहीं है. इसका सबसे अधिक असर गरीबों पर पड़ता है और लाभ केवल राजनेताओं और डिफेंस कंपनियों को होता है.
यहां नजर आई अलग सोच
लेकिन इसके साथ ही उनकी असली सोच सामने आ जाती है. वे कहते हैं, ‘मुझे खुशी है कि इतने सारे दक्षिणपंथी कमेंटेटर कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें उन लोगों की भी उतनी ही आवाज उठानी चाहिए जो भीड़ द्वारा मारे गए, मनमाने ढंग से गिरफ्तार किए गए. दो महिला सैनिकों से रिपोर्ट पेश करवाने को सराहा गया, लेकिन यदि यह जमीन पर वास्तविकता में तब्दील नहीं होता, तो यह केवल पाखंड है. क्योंकि जब मुस्लिम नेता ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ कहा तो ट्रोल किया गया. अली मोहम्मद कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के प्रेस कांफ्रेंस करने को एक भ्रम बताते हैं.
लेकिन इसके साथ ही उनकी असली सोच सामने आ जाती है. वे कहते हैं, ‘मुझे खुशी है कि इतने सारे दक्षिणपंथी कमेंटेटर कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन शायद उन्हें उन लोगों की भी उतनी ही आवाज उठानी चाहिए जो भीड़ द्वारा मारे गए, मनमाने ढंग से गिरफ्तार किए गए. दो महिला सैनिकों से रिपोर्ट पेश करवाने को सराहा गया, लेकिन यदि यह जमीन पर वास्तविकता में तब्दील नहीं होता, तो यह केवल पाखंड है. क्योंकि जब मुस्लिम नेता ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ कहा तो ट्रोल किया गया. अली मोहम्मद कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के प्रेस कांफ्रेंस करने को एक भ्रम बताते हैं.
महमूदाबाद का पाकिस्तान कनेक्शन
अली खान महमूदाबाद का पाकिस्तान से गहरा पारिवारिक जुड़ाव रहा है। उनके पिता, राजा महमूदाबाद, जिन्ना के करीबी सहयोगी थे और उन्होंने पाकिस्तान के निर्माण में आर्थिक और वैचारिक रूप से सहयोग किया. विभाजन के बाद राजा पाकिस्तान चले गए, जिससे उनकी भारतीय संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित हो गईं. हालांकि अली खान भारत में रहे, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें संपत्ति देने का फैसला दिया जिसे 2017 में मोदी सरकार ने कानून लाकर पलट दिया. यही वजह है कि उनके विचार, वक्तव्य और पाकिस्तान-समर्थक नैरेटिव अक्सर चर्चा में रहते हैं, जिससे उनका वैचारिक झुकाव और पारिवारिक पृष्ठभूमि सवालों के घेरे में आती है.
अली खान महमूदाबाद का पाकिस्तान से गहरा पारिवारिक जुड़ाव रहा है। उनके पिता, राजा महमूदाबाद, जिन्ना के करीबी सहयोगी थे और उन्होंने पाकिस्तान के निर्माण में आर्थिक और वैचारिक रूप से सहयोग किया. विभाजन के बाद राजा पाकिस्तान चले गए, जिससे उनकी भारतीय संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित हो गईं. हालांकि अली खान भारत में रहे, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें संपत्ति देने का फैसला दिया जिसे 2017 में मोदी सरकार ने कानून लाकर पलट दिया. यही वजह है कि उनके विचार, वक्तव्य और पाकिस्तान-समर्थक नैरेटिव अक्सर चर्चा में रहते हैं, जिससे उनका वैचारिक झुकाव और पारिवारिक पृष्ठभूमि सवालों के घेरे में आती है.
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Gyanendra Mishra
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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